पर्यावरण प्रभाव आकलन प्रारूप पर सियासी संग्राम जारी, जावड़ेकर ने जयराम को दिया यह जवाब
पर्यावरण प्रभाव आकलन प्रारूप पर सवाल उठा रहे कांग्रेस नेता जयराम रमेश को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जवाब दिया है। पढ़ें जावड़ेकर ने क्या कहा है...
नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्र सरकार के पर्यावरण प्रभाव आकलन (Environment Impact Assessment) की अधिसूचना 2020 के प्रारूप पर सियासी संग्राम थमता नजर नहीं आ रहा है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अब कांग्रेस नेता जयराम रमेश के सवालों का पत्र लिखकर सिलसिलेवार जवाब दिया है। जावड़ेकर ने जयराम रमेश को संबोधित पत्र में कहा है कि हमने पर्यावरण प्रभाव आकलन की अधिसूचना 2020 के प्रारूप पर आपके और तमाम हितधारकों के सुझावों और आपत्तियों पर गौर किया जाएगा।
Prakash Javadekar, Union Environment Minister, replies to Jairam Ramesh, Congress MP & member of Parliamentary Committee on Environment, regarding draft Environment Impact Assessment Notification 2020; Stating, "It has not been finalised yet as public consultation is underway." pic.twitter.com/Pl9KsE44o7
— ANI (@ANI) August 6, 2020
जावड़ेकर ने कहा है कि मुझे 25 जुलाई की तिथि में लिखा आपका पत्र मिला जो प्रेस को भी जारी किया गया था। मुझे बड़ी हैरानी होती है कि ऐसे में जब इसको अंतिम रूप दिए जाने में अभी समय बाकी है और इस पर लोगों की राय ली जा रही है... आपका पत्र गलत व्याख्या पर आधारित और अपरिपक्व है। आपकी टिप्पणियों पर ध्यान दिया गया है। सुझावों के लिए अभी कई दिन शेष हैं। आपके सभी सुझाव निराधार हैं। जावड़ेकर ने यह भी कहा है कि सरकार विभिन्न सुझावों पर विचार करने के बाद ही उक्त मसौदे को अंतिम रूप देगी।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा है कि यह आरोप कि अब उन कंपनियों या उद्योगों को भी क्लीयरेंस हासिल करने का मौका दिया जाएगा जो इससे पहले पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करती आ रही हैं... यह बिल्कुल ही गलत है। जावड़ेकर ने यह भी कहा है कि पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना का मसौदा जनसुनवाई को सुस्त नहीं करता बल्कि उसे मजबूत और अर्थपूर्ण बनाता है। ईआईए के मसौदे में किया गया प्रावधान, उल्लंघनकर्ताओं को नियमन की जद में लाने वाला है जिसकी मदद से उन पर भारी जुर्माना लगाया जा सकेगा।
जावड़ेकर ने कहा कि हर परियोजना विस्तार के लिए पर्यावरण प्रबंधन योजना आवेदन की दरकार होगी। नया प्रारूप सार्वजनिक भागीदारी की प्रक्रिया को अधिक सार्थक बनाने के लिए है। आज सुबह ही मैंने आपको 25 जुलाई के आपके पत्र का विस्तृत जवाब भेजा है जो आपके घर स्थित कार्यालय पहुंच चुका है। इसके बाद भी आपने यह पत्र लिखा और इसे टि्वटर पर साझा किया। जावड़ेकर ने रमेश को भेजे गए अपने पत्र की प्रति साझा करते हुए ट्वीट कर कहा कि मैं आज का पत्र एक बार फिर यहां साझा कर रहा हूं।
मालूम हो कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने 25 जुलाई के पत्र में कहा था कि ईआईए प्रारूप किसी परियोजना का काम पूरा होने के बाद भी स्वीकृति की अनुमति देता है। यह पर्यावरण मंजूरी से पहले होने वाले मूल्यांकन और सार्वजनिक भागीदारी के सिद्धांतों के प्रतिकूल है। यह केंद्र को राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकारियों की नियुक्ति के लिए पूर्ण अधिकार देता है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि सहकारी संघवाद के ताबूत पर यह एक और कील है।