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PM मोदी ने आयुष्मान भारत के लाभार्थियों को लिखी चिट्ठी, विपक्ष हुआ हमलावर

आयुष्मान भारत कार्यक्रम के सीईओ इंदू भूषण ने बताया कि करीब नौ करोड़ पत्र छप चुके हैं और लाभार्थियों को भेजे जा रहे हैं।

By Digpal SinghEdited By: Published: Sat, 26 Jan 2019 08:11 AM (IST)Updated: Sat, 26 Jan 2019 08:14 AM (IST)
PM मोदी ने आयुष्मान भारत के लाभार्थियों को लिखी चिट्ठी, विपक्ष हुआ हमलावर
PM मोदी ने आयुष्मान भारत के लाभार्थियों को लिखी चिट्ठी, विपक्ष हुआ हमलावर

नई दिल्ली, आईएएनएस। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) को 100 दिन पूरे हो चुके हैं। इस अवसर पर सरकार ने लाभार्थियों को योजना के लाभ के बारे में बताते हुए नौ करोड़ से अधिक व्यक्तिगत पत्र भेजना शुरू कर दिया है, लेकिन विपक्ष ने इसकी आलोचना की है। विपक्ष का कहना है कि आम चुनाव से पहले यह भारतीय जनता पार्टी का चुनावी प्रचार है।

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आयुष्मान भारत कार्यक्रम के सीईओ इंदू भूषण ने बताया कि करीब नौ करोड़ पत्र छप चुके हैं और लाभार्थियों को भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'सभी राज्यों के लाभार्थियों के नाम लिखे दो पृष्ठों के पत्र आठ भाषाओं में हैं। रविवार से ही पत्र भेजे जा रहे हैं।'

पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखा गया है, जिसमें आयुष्मान भारत योजना के साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना व अन्य के बारे में बताया गया है। पत्र के अंत में पीएमजेएवाई पर उनका नोट है।

भूषण ने बताया कि पत्र की छपाई पर खर्च 'माकूल' है, हालांकि उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा खर्च की गई इस राशि के बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया। उन्होंने बताया कि इस पर खर्च आयुष्मान योजना के लिए आवंटित बजट से नहीं हुआ है।

मोदी ने पिछले साल सितंबर में इस योजना की शुरुआत की थी और बताया गया कि इसके तहत 50 करोड़ गरीबों को हर साल पांच लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा। राज्यों को इसकी निधि में 40 फीसद योगदान देना होगा।

विपक्ष ने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि 'पत्र उत्सव' पर 400 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जा रहा है, जबकि योजना का बजटीय आवंटन 2,000 करोड़ रुपये है।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सांसद एम. बी. राजेश ने कहा कि भाजपा सरकार चुनावी प्रोपेगेंडे के लिए सार्वजनिक धन का दुरुपयोग कर रही है।

राजेश शाह ने कहा, 'हमारी सूचना के अनुसार, सरकार ने पत्र की छपाई पर 25 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। अगर हम स्पीड पोस्ट से पत्र प्रेषण का खर्च का आकलन करें तो यह 410 करोड़ रुपये होगा। इस प्रकार कुल खर्च करीब 435 करोड़ रुपये आएगा। यह योजना के कुल बजटीय आवंटन का करीब एक चौथाई है।'


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