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Smart India Hackathon 2020 : पीएम मोदी बोले, नौकरी करने वाला बनने के बजाए नौकरी देने वाला बनाने पर है जोर

पीएम मोदी ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के ग्रैंड फिनाले को संबोधित करते हुए नई शिक्षा नीति की विशेषताओं का जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि यह नौकरी देने वाला बनाने पर जोर देती है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 03:56 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 04:07 AM (IST)
Smart India Hackathon 2020 : पीएम मोदी बोले, नौकरी करने वाला बनने के बजाए नौकरी देने वाला बनाने पर है जोर
Smart India Hackathon 2020 : पीएम मोदी बोले, नौकरी करने वाला बनने के बजाए नौकरी देने वाला बनाने पर है जोर

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के ग्रैंड फिनाले (Grand Finale of Smart India Hackathon 2020) को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति की विशेषताओं का उल्‍लेख करते हुए कहा कि यह नौकरी करने वाला के बजाय नौकरी देने वाला बनाने पर जोर देती है। यह हमारी सोच और अप्रोच में बदलाव लाने का एक प्रयास है। नई शिक्षा नीति से भारत की भाषाएं आगे बढ़ेंगी और उनका विकास होगा। यह भारत के ज्ञान को और आगे बढ़ाएगी। 

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ऐसी चुनौती नहीं जिससे हमारे युवा टक्कर ना ले सकें 

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के गरीब को एक अच्‍छा जीवन देने के लक्ष्य को हासिल करने में आप सभी युवाओं की भूमिका बहुत अहम है। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि देश के सामने आने वाली ऐसी कोई चुनौती नहीं है जिससे हमारा युवा टक्कर ना ले सके और उसका समाधान ना खोज सके। स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के जरिए बीते वर्षों में अद्भुत आविष्‍कार देश को मिले हैं। मुझे पूरा यकीन है कि इस हैकाथॉन के प्रतिभागी युवा साथी, देश की जरूरतों को समझते हुए, देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, नए-नए समाधानों पर काम करते करेंगे। 

हर चुनौतियों पर खरा उतरा है हमारा युवा 

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में एक ओर जहां स्थानीय लोक कलाओं, विद्याओं और ज्ञान को स्वभाविक स्थान देने की बात है तो दूसरी ओर शीर्ष वैश्विक संस्‍थानों को भारत में कैंपस खोलने का आमंत्रण भी है। देश की युवा शक्ति पर मुझे हमेशा से बहुत भरोसा रहा है। देश के युवाओं ने बार-बार इसे साबित भी किया है। हाल ही में कोरोना से बचाव के लिए फेस शील्ड्स की डिमांड एकदम से बढ़ गई थी। इस मांग को थ्री डी प्रिंटिंग टेक्नॉलॉजी के साथ पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर देश के युवा आगे आए। 

भारत की समृद्ध भाषाओं को मिलेगी मजबूती 

पीएम मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति से दुनिया का भी भारत की समृद्ध भाषाओं से परिचय होगा। एक बहुत बड़ा लाभ ये होगा की विद्यार्थियों को अपने शुरुआती वर्षों में अपनी ही भाषा में सीखने को मिलेगा। वैसे भी आज जीडीपी के आधार पर विश्व के शीर्ष 20 देशों की सूची देखें तो ज्यादातर देश अपनी गृहभाषा, मातृभाषा में ही शिक्षा देते हैं। ये देश अपने देश में युवाओं की सोच और समझ को अपनी भाषा में विकसित करते हैं और दुनिया के साथ संवाद के लिए दूसरी भाषाओं पर भी बल देते हैं। 

नौकरी देने वाला बनाने पर जोर 

हमारे देश में स्थानीय भाषा को अपने हाल पर ही छोड़ दिया गया। उसे पनपने और आगे बढ़ने का मौका बहुत कम मिला। अब एजुकेशन पॉलिसी में जो बदलाव लाए गए हैं, उससे भारत की भाषाएं आगे बढ़ेंगी, उनका और विकास होगा। ये भारत के ज्ञान को तो बढ़ाएंगी ही, भारत की एकता को भी बढ़ाएंगी। नई शिक्षा नीति नौकरी करने वाला बनाने के बजाय नौकरी देने वाला बनाने पर बल देती है। यह हमारी सोच और अप्रोच में रिफॉर्म लाने का प्रयास है। शिक्षा व्यवस्था में अब एक सिस्टमैटिक रिफॉर्म, शिक्षा का इंटेंट और कंटेंट दोनों को बदलने करने का प्रयास है।

सीखना, सवाल करना और हल करना ना छोड़ें 

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संविधान के मुख्य शिल्पी और देश के महान शिक्षाविद डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर कहते थे कि शिक्षा सभी की पहुंच में होनी चाहिए। नई शिक्षा नीति इसी विचार के प्रति समर्पित है। मौजूदा वक्‍त सीखने, रिसर्च करने और इनोवेशन पर फोकस करने का है। नई शिक्षा नीति में ऐसे ही प्रयास किए गए हैं। मैं युवाओं को तीन चीजों को नहीं छोड़ने की अपील करता हूं- सीखना, सवाल करना और हल करना... 

पिछली सरकारों पर साधा नि‍शाना 

पीएम मोदी ने परोक्ष रूप से शिक्षा को लेकर पिछली सरकारों की उदासीनता पर भी निशाना साधा। उन्‍होंने कहा, पुरानी शिक्षा व्यवस्था ने देश को बहुत बड़ी आबादी ऐसी दी है जो पढ़ी-लिखी तो है लेकिन जो उसने पढ़ा है उसमें से अधिकांश, उसके काम नहीं आता। डिग्रियों के अंबार के बाद भी वो अपने आप में एक अधूरापन महसूस करता है। ऑनलाइन एजुकेशन के लिए नए संसाधनों का निर्माण हो या फिर स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन जैसे ये अभियान... हमारी कोशिश यही है कि भारत की शिक्षा और आधुनिक बने, मॉडर्न बने, यहां प्रतिभा को पूरा अवसर मिले। 

21वीं सदी में तेजी से बदलना होगा

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति 21वीं सदी के नौजवानों की सोच, उनकी जरूरतें, उनकी आशाओं, अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को देखते हुए बनाई गई है। हमें गर्व रहा है कि बीती सदियों में हमने दुनिया को एक से बढ़कर एक बेहतरीन साइंटिस्ट, बेहतरीन टेक्नीशियन, टेक्नोलॉजी एंटरप्रिन्योर दिए हैं। लेकिन यह 21वीं सदी है और तेजी से बदलती हुई दुनिया में भारत को भी अपनी प्रभावी भूमिका निभाने के लिए उतनी ही तेजी से बदलना होगा। हमारा प्रयास यही है कि युवा टैलेंट को अवसर मिले। 

हेल्थकेयर में डेटा ड्रिवेन सल्‍यूशन से मिलेगी मदद 

पीएम मोदी ने कहा कि बीते सभी एडिशन में मुझको शामिल होने का अवसर मिला है। आपको जानने, सुनने और समझने का अवसर मिला है। आज मैं कह सकता हूं कि देश के युवा को देश की चुनौतियों से जोड़ने और उनके इनोवेट‍िव आधारित शल्‍यूशन तैयार करने के जिस लक्ष्‍य को लेकर हम चले थे। उसमें आप सभी युवा प्रतिभागियों ने बड़ा योगदान दिया है। इसमें हम कामयाब हुए हैं। हेल्थकेयर में डेटा ड्रिवेन सल्‍यूशन से काफी बड़ा बदलाव हो सकता है। इससे हम गरीब से गरीब तक और दूर-दूर के गांव तक अफोर्डेबल हेल्थकेयर सिस्टम पहुंचा सकते हैं। 

स्‍मार्ट पुलिस‍िंग पर भी जोर 

प्रधानमंत्री इनोवेटिव छात्रों से भी एक-एककर रूबरू हुए। एक छात्र से उन्‍होंने पूछा बच्‍चों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर क्‍या कोई अलर्ट सिस्‍टम विकसित हो सकता है जो प्रॉपर्ली इंटिग्रेटेड हो। क्‍या यह स्‍कूल बस, ऑटो, कैब को पुलिस कंट्रोल रूम के साथ रियल टाइम कनेक्‍ट हो सकता है। प्रधानमंत्री ने स्‍मार्ट पुलिस‍िंग पर भी जोर दिया। उन्‍होंने एक प्रतिभागी से कहा कि पुलिस‍िंग को प्रभावी बनाने के लिए आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस काफी मददगार साबित हो सकता है। यदि हम इस दिशा में कुछ कर लें तो यह प्रशासनि‍क सुधार के लिए महत्‍वपूर्ण होगा।  


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