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पीएम मोदी की मुख्‍यमंत्रियों के साथ आज होगी बैठक, लॉकडाउन से बाहर आने का बनेगा रोडमैप

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में हालात की समीक्षा होगी। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से एक्शन प्लान मांगा गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2020 08:37 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 06:41 AM (IST)
पीएम मोदी की मुख्‍यमंत्रियों के साथ आज होगी बैठक, लॉकडाउन से बाहर आने का बनेगा रोडमैप
पीएम मोदी की मुख्‍यमंत्रियों के साथ आज होगी बैठक, लॉकडाउन से बाहर आने का बनेगा रोडमैप

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जैसे-जैसे तीन मई की तारीख नजदीक आ रही है, सरकार ने लॉकडाउन से बाहर आने का रोडमैप बनाने की दिशा में प्रयास बढ़ा दिया है। तीन मई के बाद देशव्यापी लॉकडाउन संभवत: राज्यवार हो जाए। यानी राज्यों में कोरोना संक्रमण के अनुसार वहां लॉकडाउन को उसी अनुपात में खोलने की इजाजत मिल सकती है। राज्यों को आधिकारिक रूप से लॉकडाउन को खोलने या बढ़ाने की जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद है। केंद्र सरकार की ओर से हवाई सेवा, रेल सेवा में कुछ शर्तों के साथ जरूर लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है। लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर पाबंदियों में धीरे-धीरे ढील दिए जाने को भी संकेत मिल रहा है। 

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देशव्यापी लॉकडाउन को राज्यवार किए जाने हैं संकेत

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में हालात की समीक्षा होगी। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से एक्शन प्लान मांगा गया है। अपने राज्यों में किए जा रहे प्रयासों के साथ उन्हें यह भी बताना है कि आगे क्या किया जाना चाहिए। वैसे अंतिम फैसला एक-दो मई के आसपास की स्थिति को देखते हुए ही होगा। यूं तो लगभग आधा दर्जन राज्यों ने अभी से संकेत देना शुरू कर दिया है कि वह लॉकडाउन को अगले दो सप्ताह तक बढ़ाना चाहते हैं। सोमवार की बैठक में उनसे औपचारिक रूप से पूछा जा सकता है।

सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मांगा गया है एक्शन प्लान

 ध्यान रहे कि महाराष्ट्र, दिल्ली, बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ा है। बहरहाल, शनिवार को दुकानों को खोलने का निर्णय जिस तरह राज्य सरकारों पर छोड़ा गया था, उससे यह संकेत है कि केंद्र अब लॉकडाउन की जिम्मेदारी ऑपचारिक रूप से राज्यों को देना चाहता है। सूत्रों का कहना है कि इसका यह अर्थ नहीं है कि केंद्र अपनी जिम्मेदारी से बचेगा। जहां जरूरी होगा वहां निर्णय भी लिया जाएगा और निर्देश भी दिया जाएगा। राज्यों से समन्वय भी बनाया जाएगा। 

विमान, रेल या बस सेवाओं की सामान्य बहाली मुश्किल

पिछले दिनों में कुछ राज्यों की ओर से प्रवासियों के लिए विशेष ट्रेन चलाने की भी मांग हुई थी। प्रवासियों को लेकर नीति बनाने की भी मांग की गई थी। बताते हैं कि केंद्र सरकार इन मुद्दों पर सोच रही है और मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा के बाद इसका खाका बन सकता है। वैसे दो राज्य आपसी समन्वय के साथ प्रवासियों के परिवहन पर फैसला ले सकते हैं। लेकिन यह मानकर चलना चाहिए कि सामान्य रूप से विमान, रेल या बस सेवा फिलहाल चालू नहीं होगी। संभव है कि टास्क फोर्स की ओर से दिए गए सुझावों के मुताबिक तीन मई के बाद राज्यों में सीमित बस परिवहन शुरू हो। लेकिन हॉटस्पाट और कंटेनमेंट के बफर जोन में किसी तरह की सेवा शुरू नहीं होगी।


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