पीएम मोदी ने विभागों के सचिवों के साथ की मैराथन बैठक, नौकरशाहों के इस कार्य व्यवहार पर जताई हैरानी, दिए खास टिप्स
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केंद्र के विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ एक लंबी बैठक की। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बड़े फेरबदल के महीनों बाद हुई यह बैठक चार घंटे से ज्यादा समय तक चली। जानें इस बैठक में क्या हुआ...
नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को केंद्र के विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ एक लंबी बैठक की। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें इस बात पर हैरानी हो रही है कि विकास पर स्पष्ट नजरिया होने के बावजूद नौकरशाह इनको अंजाम तक पहुंचाने में पिछड़ जाते हैं। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बड़े फेरबदल के महीनों बाद हुई यह बैठक चार घंटे से ज्यादा समय तक चली।
सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में कई सचिवों ने विभिन्न नीतिगत मामलों पर अपना नजरिया साझा किया। अधिकारियों ने शासन में सुधार के साथ साथ जमीनी स्तर पर कार्यक्रमों और योजनाओं को उतारने के बारे में अपनी राय दी। सचिवों की बातें सुनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बेहद अच्छी बात है कि सभी शीर्ष अधिकारियों के पास दृष्टिकोण हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने इस पर हैरानी जताई कि आखिरकार इन दृष्टिकोणों का विकास कार्यों के रूप में डिलिवरी क्यों नहीं हो पा रही है।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने बैठक में सचिवों से कहा कि उनको अपने विभाग के सचिव के रूप में व्यवहार करने के बजाय टीम लीडर के तौर पर काम करना चाहिए। दरअसल कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के बाद प्रधानमंत्री मोदी केंद्रीय मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं। इन बैठकों में पीएम मोदी नौकरशाहों और मंत्रियों में नई ऊर्जा भरने के लिए उन्हें प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी की विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ हुई यह बैठक उसी कवायद का हिस्सा थी।
सूत्रों ने बताया कि कुछ अधिकारी ऐसा महसूस कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के साथ यह बैठक मंत्रिपरिषद के बाद अब नौकरशाही में फेरबदल का संकेत हो सकती है। गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर में पीएम मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ लगातार बैठकें की थी और उन्हें महामारी से लड़ते रहने को प्रेरित किया था। यही नहीं उन्होंने थल सेना और एयरफोर्स के प्रमुखों के साथ भी बैठकें करके सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की समीक्षा की थी।