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रुपये को थामने के लिए मोदी सरकार का अहम फैसला, पांच सूत्रीय उपायों की घोषणा

सरकार ने इन उपायों की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद देर रात की गई।

By Vikas JangraEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 10:05 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 08:41 AM (IST)
रुपये को थामने के लिए मोदी सरकार का अहम फैसला, पांच सूत्रीय उपायों की घोषणा
रुपये को थामने के लिए मोदी सरकार का अहम फैसला, पांच सूत्रीय उपायों की घोषणा

नई दिल्ली[हरिकिशन शर्मा ]। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रहे रुपये को थामने और चालू खाते के घाटे को नियंत्रित रखने के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण उपायों का एलान किया है। इन उपायों में गैर जरूरी आयात को नियंत्रित करने और निर्यात को बढ़ावा देने के उपाय शामिल हैं। इसके अलावा विदेशी वाणिज्यिक नियमों को भी आसान बनाने का निर्णय किया गया है। सरकार ने इन उपायों की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद देर रात की गई।

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प्रधानमंत्री ने यह बैठक अर्थव्यवस्था की स्थिति का जायजा लेने के लिए बुलायी थी। इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल तथा वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। यह बैठक ऐसे समय बुलायी गई जब डॉलर के मुकाबले रुपया 72 के पार निकल गया है। वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव बढ़ने के चलते चालू खाते का घाटा भी बढ़कर जीडीपी के तीन फीसद के करीब पहुंचने का अनुमान है। बैठक के बाद जेटली ने कहा कि सरकार बढ़ते चालू खाते के घाटे को नियंत्रण में रखने के लिए पांच बिंदुओं की योजना पर ध्यान केंद्रित करेगी।

इसके तहत विदेशी वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) से संबंधित नियमों को आसान बनाने से लेकर कॉरपोरेट बांड बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की भागीदारी को बढ़ावा देने के उपाय शामिल हैं। इसके अलावा चालू वित्त वर्ष में जारी किए गए मसाला बांड को विदहोल्डिंग टैक्स से छूट देने का भी निर्णय किया गया है। मसाला बांड का मतलब ऐसे बांड से हैं जिन्हें बाजार से उधार लेने के लिए किसी भारतीय कंपनी ने देश से बाहर रुपये के डिनॉमिनेशन में जारी किया है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का कहना है कि इन पांच उपायों से चालू खाते के घाटे को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और इनसे लगभग 8-10 अरब डॉलर जुटाए जा सकेंगे।ये कदम उठाए गएढांचागत क्षेत्र के कर्जो के लिए अनिवार्य हेजिंग शतरें की समीक्षा की जाएगी।

मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों को तीन साल की जगह एक साल के लिए पांच करोड़ डॉलर तक विदेश से उधारी लेने की अनुमति होगी। एक कॉरपोरेट समूह, कंपनी को एफपीआई के कॉरपोरेट बांड पोर्टफोलियो में 20 फीसद निवेश सीमा को हटेगी और कॉरपोरेट बांड के किसी भी इश्यू के 50 प्रतिशत की सीमा की समीक्षा की जाएगी। चालू वित्त वर्ष 2018-19 में जारी मसाला बांड को विदहोल्डिंग टैक्स से छूट मिलेगी। मसाला बांड में भारतीय बैंकों के बाजार बनाने पर प्रतिबंधों को हटाने, जिसमें ऐसे बांडों के अंडरराइटिंग पर प्रतिबंध शामिल हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार 400 अरब डॉलर से भी कम हुआ
 भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक सात सितंबर को खत्म हुए सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 81.95 करोड़ डॉलर गिरकर 399.282 अरब डॉलर रह गया है। इससे पहले वाले सप्ताह में भी विदेशी मुद्रा भंडार में 1.191 अरब डॉलर की गिरावट आई थी। हालांकि बरसों तक स्थिर रहने के बाद समीक्षाधीन सप्ताह में देश का स्वर्ण भंडार 7.19 करोड़ डॉलर बढ़कर 20.234 अरब डॉलर पर पहुंच गया।


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