10वें ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के बाद पीएम मोदी स्वदेश रवाना, जानिए दौरे का हाल
भारत बहुपक्षवाद, अंतरराष्ट्रीय कारोबार और नियम आधारित विश्व व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।
जोहानिसबर्ग(एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच दिवसीय अफ्रीकी देशों के दौरे के बाद शुक्रवार शाम को भारत रवाना हो गए हैं। पीएम मोदी ने इस यात्रा के दौरान रवांडा, युगांडा और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की है। पीएम मोदी अपने यात्रा के प्रथम चरण में रवांडा पहुंचे थे। जहां उन्होंने स्थानीय निवासियों को 200 गायें उपहार में दी।
यात्रा के दूसरे चरण में पीएम मोदी युगांडा पहुंचे। यहां उन्होंने युगांडा की संसद को संबोधित किया। साथ ही युगांडा में मौजूद व्यापारियों और भारतीयों के सम्मेलन को भी भाग लिया।
अपने पांच दिवसीय यात्रा के आखिरी चरण में पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका पहुंचे जहां उन्होंने 10वें ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स सम्मेलन से इतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से द्विपक्षीय वार्ता की और कहा कि भारत तथा रूस के बीच दोस्ती बहुत गहरी है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत और रचनात्मक चर्चा हुई। दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में साथ मिलकर काम करते रहेंगे।
बाद में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि दोनों नेताओं ने आपसी हितों खासतौर से व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा और पर्यटन संबंधी द्विपक्षीय मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि मोदी-पुतिन की बैठक स्थानीय समयानुसार आधी रात को खत्म हुई।
इस साल अब तक दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी मुलाकात थी। इससे पहले मई में मोदी और पुतिन की अनौपचारिक मुलाकात रूस के सोच्चि में हुई थी। फिर दोनों नेता जून में चीन के किंगदाओ प्रांत में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन से इतर भी मिले थे।
मई में दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान भारत और रूस ने अपनी कूटनीतिक साझीदारी को "विशेषाधिकार कूटनीतिक साझीदारी" में बदला था। मोदी दो दिवसीय ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार को जोहानिसबर्ग पहुंचे। इस बार सम्मेलन की थीम "ब्रिक्स इन अफ्रीका" है।
ब्रिक्स की स्थापना 2009 में हुई थी।ब्राजील, रूस, भारत, चीन तथा दक्षिण अफ्रीका इसके सदस्य हैं। इन पांचों देशों में दुनिया की 40 फीसद से अधिक आबादी निवास करती है। इन पांचों देशों का विकास दर जी-7 के विकसित सदस्य देशों को पार कर चुका है।