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PM Modi on Energy Sector: बिजली कंपनियों का बकाया जल्द चुकायें राज्य, पीएम मोदी बोले- राजनीति नहीं राष्ट्रनीति की जरूरत

pm narendra modi over power sector प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शनिवार को बिजली को लेकर होने वाली राजनीति पर करारा हमला बोला... साथ ही चेतावनी दी कि अगर देश में बिजली क्षेत्र में राजनीति बंद नहीं की गई तो आने वाली पीढि़यों को अंधेरे का सामना करना पड़ सकता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 30 Jul 2022 06:40 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jul 2022 06:50 PM (IST)
PM Modi on Energy Sector: बिजली कंपनियों का बकाया जल्द चुकायें राज्य, पीएम मोदी बोले- राजनीति नहीं राष्ट्रनीति की जरूरत
पीएम मोदी ने शनिवार को बिजली सेक्टर से जुड़ी कई परियोजनाओं का शुभारंभ किया...

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हर गांव, हर घर को बिजली देने और 24 घंटे बिजली देने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार की पीठ कई बार थपथपाई है लेकिन शनिवार को उनका मिजाज पूरी तरह से अलग था। बिजली सेक्टर से जुड़ीं कई परियोजनाओं का शुभारंभ करने के अवसर पर प्रधानमंत्री ने बिजली को लेकर होने वाली राजनीति पर करारा प्रहार किया। यह चेतावनी भी दी कि अगर यह राजनीति बंद नहीं की गई तो हमारी आने वाली पीढि़यों को फिर से अंधेरे का सामना करना पड़ सकता है। चुनाव जीतने के लिए बिजली सब्सिडी देने की घोषणा कर बाद में इसका भुगतान नहीं करने वाले राज्यों को भी उन्होंने आड़े हाथों लिया। साथ ही उनसे बिजली कंपनियों के बकाया लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये का जल्द से जल्द भुगतान करने का आग्रह भी किया।

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राजनीतिक दलों को दिखाया आईना

पीएम मोदी ने बिजली वितरण सेक्टर में सुधार के लिए सरकार की नई नीति रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम को लांच किया। इस स्कीम पर अगले पांच वर्षों में कुल 3.03 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी। वह 'उज्ज्वल भारत, उज्ज्वल भविष्य - पावर एट 2047' कार्यक्रम में शामिल हुए। सरकारी कंपनी एनटीपीसी की 5,200 करोड़ रुपये की विभिन्न ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं का शिलान्यास किया। नेशनल सोलर रूफटाप पोर्टल को लांच किया। उक्त सारे कार्यक्रम एक साथ हुए। इसमें देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री, बिजली मंत्री व दूसरे प्रतिनिधियों के साथ ही बिजली क्षेत्र की निजी व सरकारी कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। संभवत: यही कारण था कि प्रधानमंत्री ने इस मौके पर बिजली सेक्टर के साथ ही राजनीतिक दलों को आईना दिखाया। यह भी बताते चलें कि आम आदमी पार्टी के बाद अब भाजपा, कांग्रेस ही नहीं तमाम दूसरे क्षेत्रीय दल भी बिजली सब्सिडी को अपना प्रमुख राजनीतिक हथकंडा बना चुके हैं।

देश की प्रगति में ऊर्जा और बिजली क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 25 वर्षो में देश की प्रगति को रफ्तार देने में ऊर्जा और बिजली क्षेत्र को बड़ी भूमिका निभानी है। इसलिए ऊर्जा क्षेत्र का मजबूत होना बहुत महत्वपूर्ण है। यह कारोबार करने सुगमता के साथ ही साथ जीवन की सुगमता के लिए भी जरूरी है।

सच बताने से बचते हैं कुछ राज्य

बिजली क्षेत्र को लेकर होने वाली राजनीति से उपजी समस्या को गंभीर चिंता की बात बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे समय में राजनीति में एक गंभीर विकार आ गया है। राजनीति में सच बताने का साहस होना चाहिए लेकिन कुछ राज्य इससे बचने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं। यह तात्कालिक तौर पर अच्छी राजनीति लग सकती है लेकिन यह बच्चों के भविष्य को तबाह करने वाली राजनीति है। इस सोच की वजह से कई राज्यों में पावर सेक्टर गंभीर संकट में है। जब एक राज्य का पावर सेक्टर कमजोर होता है तो उसका असर पूरे देश पर पड़ता है।

बिजली लेनी है, लेकिन पैसे नहीं दे रहे

पीएम मोदी ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) को शायद ही कभी बकाये का भुगतान समय पर होता हो। उनका अलग अलग राज्य सरकारों पर एक लाख करोड़ रुपये का बकाया है। ये पैसा उन्हें बिजली उत्पादक कंपनियों को देना है, उनसे बिजली लेनी है, लेकिन पैसे नहीं दे रहे हैं। बिजली वितरण कंपनियों का कई राज्यों में सरकारी विभागों और स्थानीय निकायों पर भी 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। बिजली सब्सिडी के रूप में अलग-अलग राज्यों पर बिजली कंपनियों की 75,000 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी बाकी है। इस तरह से बिजली सेक्टर का लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये फंसा हुआ है।

देश को अंधकार में जाने से बचाने के लिए जागरूक होना जरूरी

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा देश अंधकार में ना जाए, इसके लिए जागरूक होने की जरूरत है। यह राजनीति का नहीं, बल्कि राष्ट्रनीति और राष्ट्रनिर्माण का मुद्दा है। बिजली से जुड़े पूरे सिस्टम की सुरक्षा का सवाल है। जिन राज्यों पर बकाया हैं, उनसे आग्रह है कि वे जितना जल्द संभव हो सके इसका भुगतान करें। 


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