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भारत की जमीं पर नेतन्याहू, PM मोदी ने गले लगाकर किया 'दोस्त' का स्वागत

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू रविवार को 6 दिवसीय यात्रा पर भारत पर नई दिल्ली पहुंचे।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Sun, 14 Jan 2018 01:42 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jan 2018 08:48 PM (IST)
भारत की जमीं पर नेतन्याहू, PM मोदी ने गले लगाकर किया 'दोस्त' का स्वागत
भारत की जमीं पर नेतन्याहू, PM मोदी ने गले लगाकर किया 'दोस्त' का स्वागत

 नई दिल्ली (एजेंसी)। अपने 6 दिवसीय भारत दौरे के तहत इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत पहुंचे जहां पीएम नरेंद्र मोदी ने गले लगाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी और इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू एयरपोर्ट से तीन मूर्ति मार्ग पहुंचे जहां उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कुछ मिनट का मौन रखा। दोनों देशों के संबंधों को एक नई मजूबती देने के लिए दिल्ली के तीन मूर्ति स्मारक में इजरायल के ऐतिहासिक शहर हाइफा का नाम जोड़ दिया। अब इस चौक का नाम 'तीन मूर्ति हाइफा' हो गया है। शाम को उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की।

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इजराइली पीएम का स्वागत करने के लिए यहां आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत और विदेश सचिव एस. जयशंकर भी मौजूद थे। मोदी और नेतन्याहू ने यहां विजिटर्स बुक में हस्ताक्षर भी किए। इजराइली पीएम के साथ उनकी पत्नी सारा भी भारत दौरे पर आईं हैं। आपको बता दें कि नेतन्याहू के भारत आने से पहले ही दिल्ली के तीन मूर्ति चौक और तीन मूर्ति मार्ग का नाम बदल दिया गया था। अब इसे तीन मूर्ति हाइफा चौक और तीन मूर्ति हैफा मार्ग के तौर पर जाना जाएगा। हाइफा इजराइल के एक शहर का नाम है।

तीन मूर्ति और इजरायल का वर्षों पुराना रिश्ता 

इस ब्रिगेड ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 23 सितंबर 1918 को हाइफा पर विजयी हमला किया था। इसे विजयी हमला इसलिए कहा गया क्योंकि मुस्लिम तुर्कों से फिलिस्तीनी लोगों की मुक्ति के लिए भारत के तीन राज्य (जोधपुर, हैदराबाद और मैसूर) से इजराइल में सैनिक भेजे गए थे। भारतीय सैनिकों ने इसके लिए इजराइल के हाइफा शहर में युद्ध किया। इस युद्ध से जुड़े सभी विभिन्न पहलू वीरता का वर्णन करते हैं। जब लांसर्स ने ओटोमन (उस्मानी साम्राज्य),जर्मनी और ऑस्ट्रिया-हंगरी के संयुक्त बल द्वारा संरक्षित गैरीसन शहर पर हमला किया।

हाइफा की मुक्ति ने समुद्र के माध्यम से मित्र राष्ट्रों के लिए आपूर्ति मार्ग को मंजूरी दी। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हाइफा की आजादी के लिए 44 भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों का बलिदान किया। अब तक से ही 61 कैवलरी 23 सितंबर को जयंती दिवस या 'हाइफा दिवस' के रूप में मनाते हैं।

 इजराइली प्रधानमंत्री का दौरे का विशेष महत्व: पीएम मोदी

एयरपोर्ट पर इजराइली पीएम नेतन्याहू का स्वागत करने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि उनका यह दौरा 'ऐतिहासिक और विशेष महत्व' वाला है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'भारत में आपका स्वागत है मेरे दोस्त! आपका भारत दौरा ऐतिहासिक और विशेष महत्व' रखता है। इस दौरे से दोनों दोनों देशों के रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे।'

नेतन्याहू ने कहा-शुक्रिया

बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्वीट कर पीएम मोदी का स्वागत किया। उन्होंने लिखा, 'हम भारत की धरती पर पहुंच चुके हैं। हार्दिक स्वागत के लिए बहुत शुक्रिया मेरे अच्छे दोस्त।'

भारत और इजराइल के बीच रक्षा, जल संरक्षण, कृषि, आंतरिक सुरक्षा आदि मसलों पर चर्चा होनी होनी हैं। भारत-इजराइल के कूटनीतिक संबंधो की 25वी वर्षगांठ के समारोह में भी नेतन्याहू शामिल होंगे। इजराइली दूतावास ने गुरुवार को बताया, 'नेतन्याहू राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ बैठक करेंगे। उनके साथ एक कारोबारी शिष्टामंडल भी भारत आ रहा है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू की ये पहली भारत यात्रा होगी। पिछले वर्ष भारत के प्रधानमंत्री मोदी भी इजराइल गए थे।

पीएम मोदी और नेतन्याहू के बीच 15 जनवरी को द्विपक्षीय स्तर की वार्ता होनी हैं, इसी दिन उनका राष्ट्रपति भवन जाने का कार्यक्रम है, जहां विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी मौजूद रहेंगी। दोनों देश के प्रधानमंत्री 15 जनवरी को ही दूसरे भारत- इजराइल सीईओ फोरम की बैठक में शामिल होंगे। पहली सीईओ फोरम की बैठक पीएम मोदी के इजराइल दौर के वक्त हुई थी। इसके साथ ही पीएम नेतन्याहू एक व्यापारिक समारोह को संबोधित करेंगे।

5 खास बात जो दोनों देशों के लिए होंगी फायदेमंद

-इजरायल दुनिया में भारत के दौरे से विरोधियों को ये जताना चाहता है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश उसका सबसे अच्छा दोस्त है। 

-इजरायल भारत की दोस्ती का इस्तेमाल मिडिल-ईस्ट व एशिया के अन्य देशों के साथ डिप्लोमेसी में भी कर सकता है, ताकि दुनिया में उसकी स्वीकार्यता बढ़े। 

-इजराइल भारत के साथ कई अरब डॉलर के रक्षा सौदे की उम्मीद लगाए बैठा हैं, वही भारत में प्रधानमंत्री मोदी की मेक इन इंडिया पहल को इजरायल का समर्थन मिलेगा, क्योंकि दोनों देश फ्री-ट्रेड की ओर बढ़ रहे हैं।

-इतना ही नहीं, कृषि सम्बंधित और आईटी समझौते इसमें अहम साबित हो सकते हैं।

-भारत दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनोमी है, जिसका फ़ायदा इजरायल उसके वायु शक्ति एवं रक्षा सौदे से उठाना चाहता है।

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