Move to Jagran APP

TRAI Silver Jubilee: 2G काल की निराशा और हताशा से बाहर निकलकर देश ने 5G और 6G की तरफ तेजी से कदम बढ़ाए- पीएम मोदी

TRAI Silver Jubilee Program पीएम नरेन्द्र मोदी ने दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के रजत जयंती समारोह को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि मोदी ने कहा कि 5G के रूप में जो देश का अपना 5G standard बनाया गया है वो देश के लिए बहुत गर्व की बात है।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 08:29 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 11:50 AM (IST)
TRAI Silver Jubilee: 2G काल की निराशा और हताशा से बाहर निकलकर देश ने 5G और 6G की तरफ तेजी से कदम बढ़ाए- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने किया ट्राई के कार्यक्रम को संबोधित

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के रजत जयंती समारोह को संबोधित किया। मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आईआईटी मद्रास के नेतृत्व में कुल आठ संस्थानों द्वारा बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना के रूप में विकसित 5जी टेस्ट बेड (5G Testbed) का भी शुभारंभ किया।

loksabha election banner

पीएम मोदी ने ट्राई के सिल्वर जुबली की बधाई दी। मोदी ने कहा कि ये सुखद संयोग है कि आज आपकी संस्था ने 25 साल पूरे किए। देश आजादी के अमृतकाल में अगले 25 वर्षों के रोडमैप पर काम कर रहा है। मुझे देश को स्वदेशी 5जी टेस्ट बेड समर्पित करने का मौका मिला। ये टेलिकाम सेक्टर में क्रिटिकल और आधुनिक टेक्नोलाजी की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम है।

रोजगार के अवसर बढ़ेंगे- मोदी

मोदी ने कहा कि 5G के रूप में जो देश का अपना 5G standard बनाया गया है, वो देश के लिए बहुत गर्व की बात है। ये देश के गांवों में 5G टेक्नोलाजी पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा। 5G टेक्नोलाजी भी देश की गवर्नेंस में जीवन में सुगमता, व्यापार करने में सुगमता में सकारात्मक बदलाव लाने वाली है। इससे खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और लाजिस्टिक्स हर सेक्टर में ग्रोथ को बल मिलेगा। इससे सुविधा भी बढ़ेगी और रोजगार के भी अनेक अवसर बनेंगे।

5G देगा भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान

पीएम ने कहा, 'अनुमान है कि आने वाले डेढ़ दशक में 5G से भारत की अर्थव्यवस्था में 450 बिलियन डालर का योगदान होने वाला है। यानी ये सिर्फ इंटरनेट की गति ही नहीं बल्कि प्रगति और रोजगार की गति को भी बढ़ाने वाला है। इसीलिए तेजी से 5G रोलआउट हो, इसके लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है। इस दशक के अंत तक हम 6G सर्विस भी लान्च कर पाए इसके लिए भी हमारी टास्क फोर्स ने काम करना शुरू कर दिया है। हमारा प्रयास है कि टेलिकाम सेक्टर औ 5G टेक्नोलाजी में हमारे स्टार्टअप तेजी से तैयार हों और ग्लोबल चैंपियन बनें।

'पालिसी पैरालिसिस से बाहर निकलकर 5G और 6G की तरफ बढ़े'

पीएम ने आगे कहा कि आत्मनिर्भरता और स्वस्थ स्पर्धा कैसे समाज में अर्थव्यवस्था में प्रभाव पैदा करती है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण हमारा टेलिकाम सेक्टर है। 2G काल की निराशा, हताशा, करप्शन, पालिसी पैरालिसिस से बाहर निकलकर देश ने 3G से 4G और अब 5G और 6G की तरफ तेजी से कदम बढ़ाए हैं।

आज हम देश में टेली डेनसिटी और इंटरनेट यूजर के मामले में दुनिया में सबसे तेजी से विस्तार कर रहे हैं तो उसमें टेलीकाम समेत कई सेक्टर्स की भूमिका रही है। बीते वर्षों में सरकार जिस तरह नई सोच और एप्रोच के साथ काम कर रही है, उससे आप सभी भली-भांति परिचित है। भारत में मोबाइल निर्माण इकाइयां 2 से बढ़कर 200 से अधिक हो गई हैं। भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब है।

'टेक्नोलाजी के व्यापक उपयोग को बनाया प्राथमिकता'

पीएम ने कहा कि 2014 में जब हम आये, तो हमने सबका साथ सबका विकास और इसके लिए टेक्नोलाजी के व्यापक उपयोग को अपनी प्राथमिकता बनाया। इसके लिए जरूरी था कि देश के करोड़ों लोग आपस में जुड़े, सरकार से भी जुड़ें और सरकार की सभी इकाइयां भी एक प्रकार से एक ऑर्गेनिक इकाई बनाकर आगे बढ़ें। इसलिए हमने जनधन आधार और मोबाइल की ट्रिनिटी को डायरेक्ट गवर्नेंस का माध्यम बनाना तय किया। मोबाइल गरीब से गरीब परिवार की भी पहुंच में हो, इसके लिए हमनें देश में ही मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग पर बल दिया।

लाखों गांवों में पहुंचा इंटरनेट- मोदी

पीएम ने कहा कि 2014 से पहले भारत में 100 ग्राम पंचायतें भी ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी से नहीं जुड़ी थीं। आज हम करीब पौने दो लाख ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचा चुके हैं। कुछ समय पहले सरकार ने देश के नक्सल प्रभावित अनेक जनजातीय जिलों में 4जी सुविधा पहुंचाने की बड़ी शुरुआत की है।

इससे पहले, प्रेस रिलीज में बताया गया कि परियोजना में भाग लेने वाले अन्य संस्थानों में IIT दिल्ली, IIT हैदराबाद, IIT बाम्बे, IIT कानपुर, IISc बैंगलोर, सोसाइटी फार एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और सेंटर आफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलाजी (CEWiT) शामिल हैं। इस परियोजना को 220 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार किया गया है।

1997 में हुई थी ट्राई की स्थापना

गौतरलब है कि ट्राई की स्थापना 1997 में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 के माध्यम से हुई थी। दूरसंचार पर नियंत्रण के लिए इसकी स्थापनी की गई थी। डॉक्टर पीडी वाघेला ट्राई के वर्तमान अध्यक्ष हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.