Move to Jagran APP

Mann Ki Baat : प्रधानमंत्री मोदी बोले, हिंसा किसी भी समस्‍या का समाधान नहीं हो सकती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Mann Ki Baat कार्यक्रम में हथियार उठाने वाले लोगों को मुख्‍यधारा में लौटने की अपील करते हुए कहा कि हिंसा किसी भी समस्‍या का समाधान नहीं हो सकती है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 05:44 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 09:33 PM (IST)
Mann Ki Baat : प्रधानमंत्री मोदी बोले, हिंसा किसी भी समस्‍या का समाधान नहीं हो सकती
Mann Ki Baat : प्रधानमंत्री मोदी बोले, हिंसा किसी भी समस्‍या का समाधान नहीं हो सकती

नई दिल्‍ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन लोगों से देश की देश की मुख्‍यधारा में शामिल होने की अपील की जिन्‍होंने किसी कारणवश हिंसा का रास्‍ता अख्तियार कर लिया है। उन्‍होंने कहा कि हिंसा किसी भी समस्‍या का समाधान नहीं हो सकती है। बातचीत और शांति से ही किसी भी मसले का हल निकल सकता है। प्रधानमंत्री ने लोगों से खेलो इंडिया कार्यक्रम और देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में चल रहे जल संरक्षण अभियान से भी जुड़ने की अपील की। गणतंत्र दिवस समारोह की वजह से आज प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो कार्यक्रम के समय में बदलाव किया गया था। उन्‍होंने शाम छह बजे इस कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित किया। आइये जानते हैं प्रधानमंत्री क्‍या बातें कही... 

loksabha election banner

61वें 'मन की बात' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि असम की सरकार और लोगों ने इस बार खेलो इंडिया का सफल आयोजन किया जिसके लिए मैं उन्‍हें बधाई देता हूं। इस बार खेलो इंडिया में छह हजार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया और इसमें 80 रेकॉर्ड टूटे। इस बार अधिकतर रेकॉर्ड बेटियों के नाम रहे। बीते तीन वर्षों में इस कार्यक्रम में खिलाड़ियों की संख्या दोगुनी हो चुकी है और इसके जरिए 32 सौ बच्चे आगे बढ़े हैं। इन खिलाड़ियों की कहानियां प्रेरणादायी हैं। तमिलनाडु के योगानाथन बीड़ी बनाते हैं लेकिन उनकी बेटी ने इसमें गोल्ड जीतकर परिवार और राज्‍य का नाम रोशन किया है। 

खेलो इंडिया का आयोजन करने वाले असम में एक और बड़ा काम हुआ है। हाला ही में आठ उग्रवादी संगठन के 600 लोगों ने हिंसा का रास्‍ता छोड़कर सरेंडर किया है। वे मुख्यधारा में लौट आए हैं, जिन्होंने कभी किन्‍हीं क्षेत्रीय वजहों से हथियार उठा लिए थे। उनको अब यकीन हो गया है कि बातचीत और शांति से ही किसी भी मसले का हल निकल सकता है। हिंसा किसी भी समस्‍या का समाधान नहीं हो सकती है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने एक भावुक अपील भी की। उन्‍होंने कहा कि मैं गणतंत्र दिवस के मौके पर हथियार के दम पर समाधान खोज रहे लोगों से अपील करता हूं कि वे मुख्‍यधारा में लौट आएं। 

पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में देश एक बड़ी ऐतिहासिक घटना का गवाह बना है। सन 1997 में जातीय संघर्ष के कारण ब्रू जनजातीय लोगों को मिजोरम छोड़ना पड़ा था। उन्हें त्रिपुरा में कैंपों में शरणार्थियों के रूप में रखा गया। उन्हें 23 वर्षों तक बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा। सरकारें आईं और चली गईं लेकिन किसी ने उनकी समस्‍याओं और दुश्‍वारियों पर ध्‍यान नहीं दिया। आप सोच सकते हैं कि 23 साल तक कैंपों में बेहद कठिन परिस्थितियों में जीवन कितना कष्टकारी रहा होगा। इन सबके बावजूद उनका विश्‍वास भारतीय संविधान में बना रहा अब सरकार ने एक समझौते के तहत उनकी परेश्‍शानियां दूर कर दी हैं। अब उन्हें त्रिपुरा में बसाया जाएगा और इसके लिए केंद्र से 600 करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी। उन लोगों को जमीन और घर भी दिया जाएगा और वे सरकारी योजनाओं नौकरियों का लाभ उठा सकेंगे। 

प्रधानमंत्री मोदी ने जल संरक्षण के कार्यों में जनभागीदारी का उल्‍लेख करते हुए कहा कि लोगों की व्यापक कोशिशों से जल संरक्षण को लेकर देश के अलग अलग हिस्‍सों में बेहतरीन काम हो रहे हैं। पिछले मानसून में शुरू किया गया जल संरक्षण अभियान आज रंग ला रहा है। इस अभियान में समाज के हर वर्ग के लोगों ने भागीदारी की है। राजस्थान में लोगों ने बावलियों को साफ करके इसका बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। बावड़‍ियों और तालाबों को पुनर्जीवित करने के लिए किसी ने श्रमदान किया तो किसी ने आर्थिक मदद की है। यूपी के बाराबंकी में लोगों ने उस ताल को नया जीवन दिया जो अस्‍तीत्‍व खोने के कगार पर था। अब यह ताल पानी से लबालब है। उत्तराखंड के अल्मोड़ा से भी ऐसी ही कहानी सामने आई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गणतंत्र दिवस के मौके पर मुझे गगनयान के बारे में बताते हुए खुशी महसूस हो रही है। साल 2022 में जब हमारी आजादी के 75 साल पूरे होंगे। उस समय भारतीयों को अंतरिक्ष में जाने का संकल्प पूरा होगा। इस मिशन के लिए अंतरिक्षयात्री के तौर पर चार युवाओं का चयन हुआ है जो कि वायुसेना के पायलट हैं। हमारे ये चारों मित्र प्रशिक्षण के लिए रूस जाने वाले हैं। ये वहां एक साल तक प्रशिक्षण लेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने लोगों से पद्म सम्मानों के बारे में भी जानने की अपील की। उन्‍होंने बताया कि इस बार इन पुरस्‍कारों के लिए 46 हजार नामांकन आए। आज पद्म सम्मान पीपुल अवॉर्ड बन चुका है। इन पुरस्कारों के लिए लोगों के बीच एक नया यकीन बना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मन की बात कार्यक्रम लर्निंग, शेयरिंग का अच्छा प्लैटफॉर्म बन गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.