कोरिया युद्ध के 70 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएंए जानिए क्या था इसमें भारत का योगदान
पीएम मोदी ने कहा कि मैं कोरियाई प्रायद्वीप में शांति के बलिदान करने वाले सभी बहादुरों को सलाम करता हूं। कोरिया के लोगों ने युद्ध के बाद एक महान राष्ट्र का निर्माण किया।
नई दिल्ली, एएनआइ। कोरिया युद्ध के 70 साल पूरे होने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश जारी किया है। पीएम मोदी का संदेश दक्षिण कोरिया के सियोल में जारी हुआ। इसमें दक्षिण कोरिया के लोगों को शुभकामनाएं दीं।
On this special occasion, I salute all the bravehearts who sacrificed their lives for establishing peace in the Korean peninsula: PM @narendramodi speaking at the 70th Anniversary of the outbreak of the Korean War
— PMO India (@PMOIndia) June 25, 2020
पीएम मोदी ने कहा कि इस विशेष अवसर पर मैं कोरियाई प्रायद्वीप में शांति के बलिदान करने वाले सभी बहादुरों को सलाम करता हूं। कोरिया के लोगों ने युद्ध के बाद एक महान राष्ट्र का निर्माण किया है। मैं कोरियाई प्रायद्वीप में शांति को बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रपति मून जे इन द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना करता हूं। भारत को कोरियाई यु्द्ध के दौरान 60 पैरा फील्ड अस्पताल के जरिए किए गए योगदान का गर्व है।
कोरियाई युद्ध
इस युद्ध में एक तरफ उत्तर कोरिया था, जिसका समर्थन कम्युनिस्ट सोवियत संघ तथा साम्यवादी चीन कर रहे थे। दूसरी तरफ दक्षिणी कोरिया था, जिसके साथ अमेरिका था। युद्ध का अन्त बिना किसी निर्णय के समाप्त हुआ। परन्तु इससे जनधन की व्यापक क्षति हुई। उसके बाद से कोरिया प्रायद्वीप में तनाव बना हुआ है। उत्तर कोरिया के तानाशाह जब तब दक्षिण कोरिया पर हमला करने की धमकी देते रहते हैं।
भारत का योगदान
इस साल इस युद्ध के 70 वर्ष पूरे होने पर दक्षिण कोरिया ने उस युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय कर्नल ए जी रंगराज को मरणोपरांत अपने देश का सबसे बड़ा युद्ध सम्मान 'वॉर हीरो' से सम्मानित करने का फैसला किया। लेफ्टिनेंट कर्नल ए जी रंगराज के नेतृत्व में 60वीं पैराशूट फील्ड एंबुलेंस ने उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच हुई जंग में मोबाइल आर्मी सर्जिकल हॉस्पिटल को चलाया था, वे जिस प्लाटून की अगुआई कर रहे थे उसमें कुल 627 जवान थे।
कर्नल रंगराज के बारे में
रंगराज और उनकी टीम ने कोरिया युद्ध में घायल करीब 2.2 लाख लोगों का इलाज किया था। कर्नल रंगराज ने मद्रास मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई की थी और वह वर्ष 1941 में सेना से जुड़े थे। 25 मार्च 2009 को उनका निधन हो गया था।