पीएम मोदी ने जारी की किसान सम्मान निधि, साढ़े आठ करोड़ किसानों के खातों में सीधे जमा होंगे दो हजार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 17 हजार करोड़ रुपए की धनराशि जारी किया। इसका सीधा लाभ देश के 8.5 करोड़ किसानों को मिलेगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। किसानों की बहुप्रतीक्षित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की छठवीं किश्त आज उनके बैंक खातों में पहुंच जाएगी, जिसका उन्हें बेसब्री से इंतजार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस मद के लिए 17 हजार करोड़ रुपए की धनराशि जारी किए। इसका सीधा लाभ देश के 8.5 करोड़ किसानों को मिलेगा। पीएम मोदी ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत एक लाख करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा की शुरुआत की और पीएम किसान स्कीम के तहत बेनिफिट्स को रिलीज किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि साढ़े 8 करोड़ किसान परिवारों के खाते में, पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में 17 हज़ार करोड़ रुपए ट्रांसफर करते हुए भी मुझे बहुत संतोष हो रहा है। संतोष इस बात का है कि इस योजना का जो लक्ष्य था, वो हासिल हो रहा है।
Delhi: Prime Minister Narendra Modi launches financing facility under Agriculture Infrastructure Fund and releases benefits under PM-KISAN scheme via video conferencing. pic.twitter.com/zpLLUHOKxj
— ANI (@ANI) August 9, 2020
रबी सीजन शुरु होने से पहले ही यह किश्त किसानों के खाते में जमा करायी जा रही है। किसानों के बीच 'पीएम किसान' के नाम से मशहूर इस योजना की शुरुआत फरवरी 2019 में की गई थी। इसके तहत हर साल देश के प्रत्येक किसान के बैंक खाते में छह हजार रुपये का भुगतान तीन किश्तों में कराया जाता है।
इस कार्यक्रम में ‘पीएम-किसान योजना’ के अंतर्गत सहायता राशि की छठी किस्त भी जारी की जाएगी। 8.5 करोड़ किसानों के खातों में 17,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे। #COVID19 महामारी के दौरान यह योजना किसानों के लिए बहुत मददगार साबित हो रही है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी https://t.co/FNdYqabJeb" rel="nofollow— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 9, 2020
कोरोना संकट के दौरान उनकी चुनौतियों को देखते हुए किसानों की मदद के उद्देश्य से दोनों किश्तें (जायद व खरीफ) एक साथ प्रदान की गई थीं। लाकडाउन की मुश्किलों से निपटने के लिए किसानों के खाते में उस समय कुल 22 हजार करोड़ रुपये जमा कराए गए थे। पीएम मोदी द्वारा जारी अब तक की यह छठवीं किश्त रबी सीजन के शुरु होने से पहले दी जा रही है। योजना का लाभ अभी तक कुल 9.9 करोड़ किसानों को दिया जा चुका है, जिस पर 75 हजार करोड़ रुपये सालाना खर्च आया। योजना के तहत किसानों का बैंक खाता नंबर और उसका आधार नंबर का मिलान होने के बाद ही किश्तें जमा करायी जाने लगी हैं।
हालांकि पहले इसमें थोड़ी छूट दी गई थी, जिससे कई तरह की गड़बड़ियां भी हुई। पश्चिम बंगाल को छोड़कर देश के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों को इस योजना का लाभ मिल रहा है।
पीएम किसान योजना किस्त
यह पीएम किसान की छठी किस्त है। इस साल की यह दूसरी किस्त है। इस योजना के तहत रजिस्टर्ड किसानों को हर साल 6000 रुपये तीन किस्तों में, चार-चार महीने के अंतराल पर, में दी जाती है। हर किस्त में किसानों के अकाउंट पर 2000 ट्रांसफर किए जाते हैं।
1 लाख करोड़ के कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड को लॉन्च किया
इसी समारोह में कृषि क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए घोषित एक लाख करोड़ रुपए की धनराशि के लिए तैयार योजनाओं को हरी झंडी दिखाया। इतनी बड़ी धनराशि का उपयोग कृषि क्षेत्र के मूलभूत संरचनाओं के विकास में वर्ष 2029 तक किया जाएगा। इसके तहत तैयार परियोजनाओं को रियायती दरों पर ऋण दिया जाएगा। खाद्यान्न और अन्य कृषि उपज के भंडारण की सुविधाओं के साथ उसकी सुरक्षित आवाजाही और खाद्य प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना आदि में इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का उपयोग किया जा सकेगा। इसमें सरकारी बैंकों की भूमिका अहम होगी, जिन्होंने कृषि मंत्रालय के साथ परस्पर समझौता कर लिया है।
कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा
केंद्रीय कैबिनेट ने एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के लिए एक लाख करोड़ की मंजूरी दे दी है। इस फंड का इस्तेमाल फसल कटाई के बाद कृषि संबंधी इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए किया जाएगा। इसकी मदद से किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज तैयार करना, कलेक्शन सेंटर बनाना, फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाना जैसे काम किए जाएंगे।
किसानों की इनकम में तेजी आएगी
इसकी मदद से किसानों को उनकी फसल के लिए ज्यादा पैसा मिलेगा और उनकी इनकम बढ़ाने में मदद मिलेगी। सरकार किसानों की इनकम दोगुना करने के वादे पर बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है।
किसानों को काफी फायदा होगा
अगर इस तरह का कृषि संबंधी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार होता है तो कोल्ड स्टोरेज में किसान अपनी फसल रख पाएंगे। इससे फसलों की बर्बादी कम होगी और उचित समय पर उचित कीमत के साथ किसान अपनी फसल बेच पाएंगे। फूड प्रोसेसिंग यूनिट लग जाने से भी किसानों का बहुत फायदा होगा और हर साल होने वाले नुकसान से राहत मिलेगी।