Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने भारत को खिलौना हब बनाने का दिया नया मंत्र, देसी कुत्तों को अपनाने के लिए किया प्रेरित
Mann Ki Baat यूं तो पीएम मोदी ने कृषि उत्सव पोषण देसी कुत्तों की गुणवत्ता जैसे कई मुद्दों पर विचार रखे लेकिन यह मुख्यत खिलौने मोबाइल गेम्स एप आदि पर केंद्रित था।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आत्मनिर्भर भारत अभियान की नींव के लिए सबसे जरूरी चीज है कल्पनाशीलता, नवीनता, आत्मविश्वास और टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ इसी का संकेत देते हुए रविवार को देश को खिलौना उत्पादन के लिए प्रेरित किया जिसका विश्व बाजार सात लाख करोड़ का है और भारत का हिस्सा फिलहाल नगण्य है। उन्होंने भारतीय एप की दुनिया में हो रहे प्रयोग का हवाला देते हुए कहा कि भारत को खिलौने के उत्पादन में भारतीय सोच कल्पना और थीम को भी शामिल करना चाहिए। ध्यान रहे कि चीन के साथ छिड़ी जंग के बाद केंद्र सरकार ने कई दूसरे क्षेत्रों के साथ साथ इन दो क्षेत्रों में भी चीन से दूरी बनानी शुरू कर दी है। हाल ही में प्रधानमंत्री ने भारत को खिलौना उत्पादन हब बनाने के लिए बैठक की थी। जबकि उससे पहले सरकार ने चीन के लगभग सौ एप प्रतिबंधित भी किए थे।
कृषि उत्सव, पोषण, देसी कुत्तों की गुणवत्ता जैसे कई मुद्दों पर विचार रखे
रविवार को मन की बात कार्यक्रम में यूं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि उत्सव, पोषण, देसी कुत्तों की गुणवत्ता जैसे कई मुद्दों पर अपने विचार रखे लेकिन यह मुख्यत: खिलौने, मोबाइल गेम्स, एप आदि पर केंद्रित था। इसका खास कारण भी था। पिछले डे़ढ दो महीनो में देश चीन समेत किसी भी देश पर निर्भरता कम करने और हर क्षेत्र में खुद की ताकत बढ़ाने में जुटा है। ऐसे में खिलौना बाजार अहम है। लिहाजा उन्होंने उद्योग जगत, स्टार्ट अप से अपील की - 'हमारे देश में इतने आइडियाज है, कंसेप्ट है, भारत में गेम बनाइए, भारत के गेम बनाइए, चलो खेल शुरू करते हैं।' ये बातें उन्होंने वीडियो गेम के परिप्रेक्ष्य मे कही लेकिन पूरे खिलौना बाजार पर भी केंद्रित था। भारतीय थीम की बात कहकर उन्होंने यह भी संदेश दिया कि विदेशी कैरेक्टर की बजाय भारतीय बच्चे खेल खेल मे ही भारतीय इतिहास और सभ्यता भी सीख समझ सकते हैं।
नई शिक्षा नीति में खिलौने का जिक्र
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे खिलौने होने चाहिए जो अधूरे हों और बच्चों की कल्पनाशीलता, रचनात्मकता को बढ़ाए। नई शिक्षा नीति में खिलौने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि खेल खेल में सीखना, जहां खिलौने बनते हैं वहां बच्चों का विजिट करना यह सब पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। इससे बच्चों की क्षमता और रचनात्मकता बढ़ेगी। उन्होंने स्टार्ट अप से लेकर छोटे, लघु मध्यम, बड़े सभी शामिल हो सकते हैं ताकि 7 लाख करोड़ के वैश्विक बाजार मे भारत भी हिस्सा ले सके।
प्रधानमंत्री ने नया नारा दिया- 'टीम अप फार ट्वायज'
प्रधानमंत्री ने चीनी एप को प्रतिबंधित करने के बाद सरकार के स्तर पर हुए एप चैलेंज का भी जिक्र किया और कहा कि ये नवीन सोच के परिचायक हैं। मसलन कुटुकी जिसमें छोटे बच्चे खेल खेल में गानों और कहानियों के जरिए ही गणित और साइंस सीख जाते हैं। उन्होंने चिंगारी, जोहो वर्कप्लेस, एपटीससी टैलेंट जैसे भारतीय एप का नाम भी लिया।
देसी कुत्तों को अपनाने के लिए भी प्रेरित किया
वोकल फार लोकल का मंत्र यूं तो उत्पादों के लिए है लेकिन रविवार को प्रधानमंत्री ने देसी कुत्तों को अपनाने के लिए भी प्रेरित किया। आर्मी के श्वान सोफी और विदा, बलराम, भावना, राकी जैसे श्वान का जिक्र करते हुए कहा कि इन्होंने देश की रक्षा में बड़ी भूमिका निभाई है। राकी ने तो 300 से ज्यादा केस को सुलझाने में पुलिस की मदद की थी। इंडियन ब्रीड के कुत्तों में हिमाचली हाउंड, मुधौल हाउंड, चिप्पीपराई जैसी ब्रीड बहुत अच्छी है। अगर कुत्ते पालने की सोचिए तो इंडियन ब्रीड को अपनाइए। प्रधानमंत्री ने कहा- 'आत्मनिर्भर भारत जब जन मन का मंत्र बन ही रहा है तो कोई भी क्षेत्र इससे पीछे कैसे छूट सकता है।'
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