पीएम मोदी ने कहा- कर्ज देने में डरें नहीं बैंक और उद्योग जगत खुलकर करें निवेश
प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत को सकारात्मक सोच का संदेश देते हुए कहा कि इसी सकारात्मकता के आधार पर हम 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी की तरफ बढ़ने वाले हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जांच और कार्रवाई के डर से कर्ज देने में हीलाहवाली कर रहे बैंकों और खर्च करने से हिचक रहे उद्योग जगत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलकर फैसले लेने, निवेश करने और खर्च करने को कहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि सही और वास्तविक वाणिज्यिक निर्णयों पर कोई अनुचित कार्रवाई नहीं होगी।
अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार से भारत अवश्य बाहर निकलेगा
प्रधानमंत्री ने कॉरपोरेट जगत को विश्वास दिलाते हुए कहा कि पुरानी कमजोरियों पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। देश की अर्थव्यवस्था में ऐसे उतार-चढ़ाव पहले भी आए हैं, लेकिन देश हर बार ऐसी स्थिति में पहले से ज्यादा मजबूत होकर निकला है। इसलिए अभी की स्थिति से भी भारत अवश्य बाहर निकलेगा।
बैंकों ने कर्ज देने की रफ्तार कर दी धीमी
अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार और मांग में कमी के लिए बैंकों से मिलने वाले कर्ज में कमी पर उद्योग निरंतर चिंता व्यक्त करते रहे हैं। कई सेक्टर खासतौर पर एमएसएमई और निर्यात क्षेत्र कर्ज की कमी की शिकायत कर रहे हैं। माना जा रहा है कि एनपीए की आशंका में बैंकों ने कर्ज देने की रफ्तार धीमी कर दी है।
पीएम मोदी ने एसोचैम की स्थापना के सौवें वर्ष की बैठक को किया संबोधित
इन आशंकाओं को दूर करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल में लिए गए सरकार के फैसले उद्योग जगत की पूंजी को सुरक्षित रखने में मदद करने वाले हैं। प्रधानमंत्री उद्योग संगठन एसोचैम की सालाना बैठक को संबोधित कर रहे थे। एसोचैम की स्थापना का यह सौवां वर्ष है।
बैंकिंग प्रणाली की नींव अब पारदर्शी और मजबूत हुई- मोदी
पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने के लक्ष्य पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की बैंकिंग प्रणाली की नींव अब इतनी पारदर्शी और मजबूत हुई है कि वह इस लक्ष्य को ताकत दे सकती है। पिछले 20 वर्ष में जितना एफडीआइ भारत आया, उसका लगभग 50 प्रतिशत बीते पांच साल में आया है।
देश ने अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धी क्षमता में किया सुधार
देश ने अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धी क्षमता में सुधार किया है। आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम हमारे देश में है। सरकार के कामों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री चुटकी लेने से भी नहीं चूके। उन्होंने कहा, 'अगर पांच साल के कार्यो के बाद पिछले छह महीने के उदाहरण और देने लगूंगा तो आपका लंच ब्रेक तो गया समझिए।'
असंभव को संभव किया
इस लक्ष्य की चुनौतियों पर प्रधानमंत्री ने पिछले कार्यकाल के चुनौती भरे लक्ष्यों को गिनाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने 60 महीने में 60 करोड़ की आबादी को खुले में शौच से मुक्ति दिलाकर असंभव को संभव कर दिखाया। तीन साल से भी कम समय में आठ करोड़ घरों तक गैस कनेक्शन पहुंचाना, 10 लाख से अधिक गैस डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर खड़े करना असंभव लगता था, लेकिन संभव हुआ। हर परिवार को बैंकिंग से जोड़ना, हर बेघर को अपना पक्का घर देना असंभव लगता था, लेकिन यह संभव हो रहा है।
बुलंद हैं हौसले
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'भविष्य के लिए हमारे इरादे भी साफ हैं और हौसले भी बुलंद हैं। इस सरकार की पहचान ही यही है कि जो कहती है वह करती है। पांच ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य भी इसलिए संभव है क्योंकि ऐसी अनेक बातें जो पहले भी असंभव लगती थीं, उन्हें देश ने संभव करके दिखाया है।'
पारदर्शी और मजबूत बैंकिंग प्रणाली से मिलेगी पांच ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को मदद
प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत को सकारात्मक सोच का संदेश देते हुए कहा, 'इसी सकारात्मकता के आधार पर हम पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी की तरफ बढ़ने वाले हैं। आने वाले वर्षो में इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश इसे ताकत देगा। देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर 25 लाख करोड़ रुपये का निवेश इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।'