'पहले भारत' के सिद्धांत पर चल रही विदेश नीति : मोदी
मोदी ने कहा कि काला धन वापस लाया जाएगा और इसे रखने वालों को भी सजा मिलेगी।
अमरावती, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की विदेश नीति को निर्देशित करने वाला सरल मंत्र 'पहले भारत' है। इससे ही विभिन्न मुद्दों पर वैश्विक कथन निर्धारित होगा। उन्होंने कर मुक्त देशों से काला धन वापस लाने के अपने वादे को दोहराते हुए कहा कि जिनके पास भी यह धन है उन्हें दंड मिलेगा।
नमो एप के जरिए आंध्र प्रदेश के विभिन्न कस्बों में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को कहा कि दो साल पहले पाकिस्तान में आतंकियों के लांच पैड पर निशाना लगाने वाली नियंत्रण रेखा के पार हुई सर्जिकल स्ट्राइक ने आतंकवाद के खिलाफ देश की क्षमता जाहिर की। साथ ही आतंकवादियों को उनकी ही भाषा में करारा जवाब भी मिल गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 130 करोड़ लोगों के चलते ही भारत एक वैश्विक नेता बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि हमारी विदेश नीति 'पहले भारत' के मंत्र पर ही आधारित है। वैश्विक परिदृश्य से बाहर होने की बात अब भूल जाइए। भारत अब कुछ मुद्दों पर वैश्विक कथन निर्धारित कर रहा है। नरसापुरम के एक कार्यकर्ता के सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसा मेरी वजह से नहीं है। बल्कि देश के हरेक व्यक्ति के कारण है जिसने पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनी है। देशहित और जनहित ही भारत की विदेश नीति की दशा और दिशा तय कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले जी-20 सम्मेलन में शामिल होते हुए जब उन्होंने लाखों लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए विश्व को काले धन के खिलाफ एकजुट होने की अपील की तो यह मुद्दा कई वैश्विक मंचों पर उठा है। उन्होंने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि रीयल टाइम में काले धन की सूचना देने को लेकर कई देशों के साथ भारत ने समझौते किए हैं। मोदी ने कहा कि काला धन वापस लाया जाएगा और इसे रखने वालों को भी सजा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि पिछले बीस सालों में यह पहली बार हुआ है कि भारत विदेश प्रत्यक्ष निवेश (फारेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) में चीन को भी पीछे छोड़ चुका है। हमारी जापान के साथ 75 अरब डॉलर की करेंसी का स्वैप समझौता करने से साफ है कि देशों के बीच दोस्ती भारी आर्थिक लाभ भी देती हैं। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना को गेमचेंजर करार देते हुए कहा कि अब गरीब लोग धन की कमी के चलते इलाज से वंचित नहीं रहेंगे।