पीएम मोदी का बड़ा हमला, कहा- कांग्रेस को रोजाना सौ बार जपना चाहिए संविधान बचाने का मंत्र
सरकार के दूसरे कार्यकाल में लगातार बड़े फैसलों पर सवाल उठाने वाले विपक्षी सांसदों को मोदी ने बताया कि लोगों ने सिर्फ सरकार नहीं बदली है बल्कि उससे नए सरोकार भी चाहती है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले दिनों में कांग्रेस बार बार संविधान बचाने की दुहाई देती रही है। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीखा पलटवार किया। कांग्रेस के शासनकाल में संविधान के साथ हुए खिलवाड़ का उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें खासतौर संविधान बचाने के बात बार-बार दोहराने की जरूरत है और इसी से उन्हें अपने गलतियों और इरादों का अहसास होगा। सरकार के दूसरे कार्यकाल में लगातार बड़े फैसलों पर सवाल उठाने वाले विपक्षी सांसदों को मोदी ने बताया कि लोगों ने सिर्फ सरकार नहीं बदली है, बल्कि उससे नए सरोकार भी चाहती है। उनकी सरकार का मकसद देश के सामने 'चुनौतियों को चुनौती देकर' नई लकीर बनाने की है।
आपातकाल के दौरान संविधान की याद क्यों नहीं आई
संविधान बचाने की दुहाई देने पर कांग्रेसी सांसदों को आड़े हाथों लेते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको आपातकाल के दौरान संविधान की याद नहीं आई थी। जब लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन किया गया था। यही नहीं, सबसे ज्यादा बार संविधान में संशोधन कांग्रेस के शासन काल में ही हुआ है। दर्जनों बार राज्यों की चुनी हुई सरकार को मनमाने तरीके से बर्खास्त करने का काम किया गया।
'कैबिनेट के प्रस्ताव को फाड़ने वाले संविधान की दुहाई दे रहे हैं'
यदि कांग्रेस को संविधान से इतना ही प्यार था तो वह इसे जम्मू-कश्मीर में लागू क्यों नहीं करा पाई? मनमोहन सिंह सरकार के दौरान कैबिनेट नोट को राहुल गांधी द्वारा फाड़ने की घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 'कैबिनेट के पारित प्रस्ताव को प्रेस कांफ्रेंस में फाड़ने वाले को संविधान बचाओ का मंत्र बार-बार बोलना जरूरी है।' यूपीए सरकार में नेशनल एडवाइजरी कौंसिल (एनएसी) का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम और पीएमओ के ऊपर एनएसी को बिठाने वालों को संविधान का महत्व समझना जरूरी है।
दिल्ली में क्या हो रहा है पूरा देश देख रहा है: मोदी
विरोध प्रदर्शनों के दौरान संविधान की दुहाई दिये जाने और उसकी प्रस्तावना के पाठ की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 'दिल्ली और देश में क्या-क्या हो रहा है, वह पूरा देश देख रहा है।' उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट संविधान का एक अहम अंग है, लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को भी मानने से इनकार कर रहे हैं और वामपंथी इन प्रदर्शनों जाकर भड़काऊ भाषण कर रहे हैं। कांग्रेस व अन्य विपक्षी नेताओं के विरोध प्रदर्शनों में जाकर भाषण देने पर अफसोस जताते हुए उन्होंने कहा कि जनता सब जानती और समझती है।
बड़े फैसलों पर जल्दबाजी के सवाल पर विपक्ष को घेरा
प्रधानमंत्री ने पिछले आठ महीने के भीतर बड़े फैसलों की जल्दबाजी को लेकर सवाल उठाने वाले विपक्ष को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि हमारी सरकार यहां विकास की नई लकीर खींचने के लिए आई है। कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि 'यदि हम उसी तरीके से चलते, जिस पर चलते थे, तो शायद 70 बाद भी इस देश से धारा 370 नहीं हटता, तीन तलाक की तलवार मुस्लिम बहनों को डराती रहती। नाबालिक के साथ रेप के मामले में फांसी की सजा का कानून नहीं बनता। राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती। करतारपुर कोरिडोर नहीं बनता। भारत-बांग्लादेश सीमा विवाद नहीं सुझलता।' उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के तीसरे दशक की शुरूआत में जब दुनिया भारत की ओर देख रहा है। देश अब लंबा इंतजार करने के लिए तैयार नहीं है और न ही उसे करना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा- स्पीड भी बढ़े और स्केल भी बढ़े
उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि 'स्पीड भी बढ़े और स्केल भी बढ़े।' इस सिलसिले में उन्होंने जनधन, उज्जवला, शौचालय, प्रधानमंत्री आवास और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का जिक्र किया, जिसने गरीबों के जीवन में पहली बार सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है। प्रधानमंत्री ने पिछले छह साल की उपलब्धियों के साथ-साथ भविष्य की योजनाओं का भी जिक्र किया। उनके अनुसार विपक्ष भले ही पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को लेकर तंज कर रहा हो, लेकिन सरकार अर्थव्यवस्था की खामियां दूर कर इसे हासिल करने की तैयारी में जुटी है।
19 जनवरी 1990 की रात को दफना दी गई थी कश्मीर की असली पहचान
धारा 370 व 35ए को हटाये जाने से जम्मू-कश्मीर की पहचान खो देने के विपक्ष के आरोप पर प्रधानमंत्री ने तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की पहचान सूफी परंपरा और सर्वधर्म संभाव की रही है। लेकिन इसकी पहचान बम, बंदूक और आतंकवाद की बना दी गई। उन्होंने कहा कि '19 जनवरी की काली रात, उस दिन कुछ लोगों ने कश्मीर की पहचान को दफना दिया था।' उन्होंने बताया कि किस तरह से महबूबा मुफ्ती की सरकार गिरने के बाद राज्यपाल और राष्ट्रपति शासन के दौरान कश्मीर का चौतरफा विकास हो रहा है और वहां के लोगों को संवैधानिक अधिकार मिल रहे हैं।
फारुख, उमर और महबूबा की गिरफ्तारी को पीएम ने सही ठहराया
फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए प्रधानमंत्री ने इन तीनों नेताओं के बयानों को पढ़कर भी सुनाया। जिनमें इन तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने कश्मीर के भारत में शामिल होने को फैसले को गलत करार देने, धारा 370 हटने के बाद कश्मीर के भारत से अलग हो जाने और कश्मीर में भारत का झंडा फहराने वाला कोई नहीं बचने की धमकी दी थी। उन्होंने कहा कि इस भाषा को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है।