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लंदन में इवीएम पर सवाल खड़ा करने पर पीएम मोदी ने कांग्रेस को घेरा

PM Modi ने कहा कि सारा विपक्ष फिर चाहे वह कांग्रेस हो या कम्युनिस्ट पार्टी उसे देश की किसी भी संवैधानिक व्यवस्था पर भरोसा नहीं है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 27 Jan 2019 05:48 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 07:20 AM (IST)
लंदन में इवीएम पर सवाल खड़ा करने पर पीएम मोदी ने कांग्रेस को घेरा
लंदन में इवीएम पर सवाल खड़ा करने पर पीएम मोदी ने कांग्रेस को घेरा

त्रिशूर(केरल), एएनआइ। दक्षिण भारत के दौरे पर रविवार को केरल के त्रिशूर जिले में में पीएम मोदी ने रविवार को एक जनसभा को संबोधित किया। इसमें सरकारी योजनाओं का जिक्र करने के बाद पीएम मोदी ने लंदन में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बहाने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सबरीमाला मामले ने पूरे देश का ध्यान खींचा। इस कम्युनिस्ट सरकार ने हमारी सभ्यता को ताक पर रख दिया।  

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संवैधानिक व्यवस्था पर भरोसा नहीं 
पीएम मोदी ने कहा कि सारा विपक्ष फिर चाहे वह कांग्रेस हो या कम्युनिस्ट पार्टी उसे देश की किसी भी संवैधानिक व्यवस्था पर भरोसा नहीं है। इन लोगों के लिए सेना, पुलिस, सीबीआई, सीएजी और सारी संस्थाएं गलत हैं। ये लोग सिर्फ खुद को सही मानते हैं। हाल में सारा देश देखकर यह हैरान है कि कैसे लंदन की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के लोकतांत्रिक सिस्टम पर सवाल उठाए गए और कैसे एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता इस पत्रकार वार्ता में शामिल हुए। मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं, क्या यही आपका हमारे संविधान और संवैधानिक संस्थानों के प्रति सम्मान है और क्या आप राजनीति के लिए इस स्तर तक आ चुके हैं?' पीएम ने कहा कि कांग्रेस को खुद पर उठे हर सवाल पर जवाब देना होगा।

विपक्ष के नेता किसानों को गुमराह ना करें
विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि विपक्ष के नेता दिवालिया हो चुके हैं। जब भी देश की विकास की बात होती है तो इन सभी के पास सिर्फ मोदी विरोध का ही कार्यक्रम होता है। इनके दिन की शुरुआत और अंत दोनों मोदी को गाली देते हुए ही होते हैं। मैं इन नेताओं से कहना चाहता हूं कि आप चाहे जितना मन करे मुझे गाली दें, लेकिन किसानों को गुमराह ना करें। आप जितना मन मुझे गाली दें, लेकिन देश के विकास की संभावना बनाने और युवाओं के लिए नई मौके पैदा करने की मेरी कोशिशों में कोई व्यवधान ना डालें।'

लोकतंत्र की बात ना करे कांग्रेस पार्टी: मोदी
केरल में हुई राजनीतिक हत्याओं के मुद्दे पर सत्ताधारी केरल सरकार और कांग्रेस की आलोचना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस और कम्युनिस्ट लोकतंत्र की बात करे यह एक मजाक जैसा है। सभी ने देखा है कि कैसे केरल में तमाम राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या कराई गई है और कारण सिर्फ इतना है कि उनकी विचारधारा कम्युनिस्ट सरकार से अलग है। पीएम ने कहा कि अब यही रवैया मध्य प्रदेश में भी देखना को मिल रहा है। कांग्रेस की आलोचना करते हुए पीएम ने कहा कि आज भी कांग्रेस के कुछ नेताओं के दिमाग में इमरजेंसी की दमनकारी विचारधारा जीवित है और इसी कारण तमाम राजनीतिक षडयंत्र रचे जा रहे हैं।

उन्‍होंने कहा कि पिछले चार साल में सरकार ने काम करने का तरीका बदल दिया है। आज भारत दुनिया में सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। हम ईज ऑफ डुइंग बिजनस में 142वें स्थान से 77 पर आ गए हैं। एफडीआई के मामले में भारत चीन से भी आगे निकल गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि दो दशक पहले कठिन परिश्रम करने वाले और इसरो के देशभक्‍त वैज्ञानिक नंबी नारायण को गलत केस में फंसाया गया क्‍योंकि इस बहाने कुछ यूडीएफ के नेता राजनीतिक बढ़त हासिल करना चाहते थे। सोचिये हमारी राजनीति के बारे में, उन्‍होंने राष्‍ट्रीय मुद्दे को ताक पर रखकर एक वैज्ञानिक को फंसाया। 

उन्‍होंने कहा कि यह गौरव की बात है कि हमारी सरकार को वैज्ञानिक नंबी नारायण को पद्म पुरस्‍कार से सम्‍मानित करने का मौका मिला। हम भारत को मजबूत करने वाले हर व्‍यक्ति का महत्‍व समझते हैं। एक समय जासूसी के कारण विज्ञान को गालियां दी गईं,  हमारे लिए विज्ञान देश के सम्‍मान का विषय है।

केरल सरकार को घेरा
सबरीमाला मुद्दे का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि दुर्भाग्य से आज केरल की संस्कृति पर प्रहार किया जा रहा है और यह काम वह पार्टी कर रही है जोकि केरल की सत्ता में बैठी है। सबरीमाला के जिस मुद्दे ने देश का ध्यान आकर्षित किया, उस पर सारे देश ने देखा कि कैसे केरल सरकार ने यहां की परंपराओं और संस्कृति का अपमान किया। मैं यह नहीं समझ पाता कि केरल सरकार आखिर क्यों हमारी वर्षों से चली आ रही संस्कृति पर प्रहार करना चाहती है।'

कांग्रेस को महिला सशक्तीकरण से मतलब नहीं
ट्रिपल तलाक के विषय पर आलोचना करते हुए पीएम ने कहा कि ना कांग्रेस और ना कम्युनिस्ट दोनों ही पार्टियों को महिलाओं के सशक्तीकरण से कोई मतलब नहीं है, क्योंकि अगर इनकी नियति महिलाओं को सशक्त करने की होती तो यह ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर सरकार का विरोध ना करते। भारत के तमाम राज्यों में महिला मुख्यमंत्री रही हैं, लेकिन क्या कभी किसी कम्युनिस्ट दल ने महिला को सीएम बनाया है?'
 


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