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पीएम मोदी ने दैनिक जागरण के अभियान शारीरिक दूरी जैसे शब्‍द प्रयोग को दी मान्‍यता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में शारीरिक दूरी या Physical Distancing जैसे शब्द प्रयोग को लेकर दैनिक जागरण के अभियान को आज एक आधिकारिक मान्यता मिल गई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2020 03:52 PM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2020 03:56 PM (IST)
पीएम मोदी ने दैनिक जागरण के अभियान शारीरिक दूरी जैसे शब्‍द प्रयोग को दी मान्‍यता
पीएम मोदी ने दैनिक जागरण के अभियान शारीरिक दूरी जैसे शब्‍द प्रयोग को दी मान्‍यता

 नई दिल्‍ली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम में शारीरिक दूरी या Physical Distancing जैसे शब्द प्रयोग को लेकर दैनिक जागरण के अभियान को आज एक आधिकारिक मान्यता मिल गई। दैनिक जागरण ने शुरुआत से ही इस बात का जिक्र किया था कि लोग सोशल डिस्‍टेंसिंग की जगह फिजिकल डिस्‍टेंसिंग या शारीरिक दूरी जैसे शब्‍द का प्रयोग करें। पीएम मोदी ने आज के कार्यक्रम में लोगों को एक मंत्र भी दिया- 'दो गज दूरी, बहुत है जरूरी।' उनके कहने का मतलब था कि लोगों के साथ हमें शारीरिक दूरी बढ़ानी है, न कि सामाजिक दूरी   

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मास्‍क बहुत जरूरी 

पीएम मोदी ने कहा कि अब हर ओर लोग मास्क में दिखते हैं, जो जरूरी भी है। खुद उन्होंने कहा कि गमछा इस्तेमाल करना सबसे अच्छा है।

थूकने की आदत छोड़ें 

मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि थूकने की आदत खराब है, ये सब जानते थे, लेकिन ये बदल नहीं रहा था। अब इसे खत्म करने का समय आ चुका है। ये बुरी आदत है, जिसे छोड़ देना चाहिए।

हर कोई कर रहा लड़ाई में योगदान

पीएम मोदी ने कहा कि जनता कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही है। सरकार भी जनता की मदद से ही कोरोना के खिलाफ लड़ पा रही है। हम भाग्यशाली हैं कि आज पूरा देश, देश का हर नागरिक, जन-जन इस लड़ाई का सिपाही है और लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है। आज पूरा देश, एक लक्ष्य, एक दिशा के साथ आगे बढ़ रहा है। इस महामारी के बीच में किसान यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे देश में कोई भी भूखा न सोए। प्रत्येक व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार यह युद्ध लड़ रहा है। कुछ घर का किराया माफ कर रहे हैं, कुछ मजदूर जो स्कूल में क्वारंटाइन में हैं, वे स्कूल आदि की सफाई कर रहे हैं। जब भविष्य में इसकी चर्चा होगी तो भारत के लोगों का जिक्र जरूर होगा।

आसपास के लोगों की अहमियत समझें 

पीएम मोदी ने बताया कि इस महामारी के खिलाफ लड़ाई के दौरान आस-पास हो रही घटनाओं को एक फ्रेश नजरिए से देखने का मौका मिला है। घरों में काम करने वाले, जरूरतें पूरी करने वाले और आसपास की दुकानों में काम करने वालों की अहमियत समझ आ रही है। जरूरी सेवाओं की डिलीवरी, रिक्शा, ऑटो आदि के बिना जीवन कितना मुश्किल है, ये समझ आ रहा है। सोशल मीडिया पर भी लोग इन साथियों को याद कर रहे हैं और उनके सम्मान में बातें लिख रहे हैं। हर कोने से ऐसी तस्वीरें आ रही हैं कि सफाई वालों पर फूल डाले जा रहे हैं, जिन्हें पहले शायद हम नोटिस नहीं करते थे।

आयुर्वेद और योग से इम्‍युनिटी बढ़ाएं

पीएम मोदी ने मन की बात में आयुर्वेद और योग की भी चर्चा की। उन्‍होंने कहा  कि सोशल मीडिया पर भी लोग योग और आयुर्वेद की बात कर कर रहे हैं। इम्युनिटी बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा हो रही है। उन्‍होंने कहा कि आयुष मंत्रालय ने गर्म पानी और काढ़े को लेकर जो बातें कही हैं, उसका ध्यान रखें। जब हम दूसरे देशों को कुछ करते देखते हैं तो मान लेते हैं, जबकि अपने देश की चीजों को नहीं मानते। अब ये सब बदलेगा।

सजग रहने की सलाह

पीएम मोदी ने कार्यक्रम खत्म करने से पहले कहा कि ऐसा विचार बिल्कुल ना पालें कि आपके शहर या गांव में कोरोना नहीं पहुंचा है तो कभी पहुंच भी नहीं सकता। दुनिया का अनुभव बहुत कुछ कह रहा है। सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। वह बोले कि पूर्जवों ने कहा है कि हल्के में लेकर छोड़ दी गई आग, कर्ज और बीमारी मौका पाते ही खतरनाक बन जाती है, इसलिए पूरा उपचार जरूरी है, अति उत्साह में कोई लापरवाही ना करें।


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