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जयप्रकाश नारायण की जयंती पर पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, बोले- उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी

जयप्रकाश नारायण भारत छोड़ो आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे और उन्हें 1970 के दशक के मध्य में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए याद किया जाता है जिसे उखाड़ फेंकने के लिए उन्होंने पूर्ण क्रांति का आह्वान किया था।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 10:54 AM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 10:54 AM (IST)
जयप्रकाश नारायण की जयंती पर पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, बोले- उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी
जयप्रकाश नारायण की 119वीं जयंती पर पीएम मोदी ने किया याद

नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 'लोकनायक' जयप्रकाश नारायण को उनकी 119 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम ने कहा कि उनके पास एक उल्लेखनीय व्यक्तित्व था जिसने भारत के इतिहास पर एक अमिटछाप छोड़ी। पीएम के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित तमाम नेताओं ने उन्हें याद किया।

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प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'लोकनायक जेपी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। उन्होंने भारत के इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने खुद को लोक और कल्याणकारी कार्यों के लिए खुद को समर्पित कर दिया और भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार की रक्षा करने में सबसे आगे थे। उनके आदर्श हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, सामाजिक न्याय व लोकतंत्र के पुरोधा लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी ने आपातकाल के दौरान अन्याय व शोषण में विदेशी शासन को भी पीछे छोड़ चुकी अंहकारी हुकूमत के विरुद्ध संपूर्ण क्रांति की आवाज बुलंद कर देश को दूसरी आजादी दिलाई। देश के लिए उनका समर्पण वंदनीय है। ऐसे युगपुरुष को कोटिशः नमन।

जयप्रकाश की जयंती पर उन्हें याद करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर मैं उन्हें स्मरण और नमन करता हूं। भारत के स्वाधीनता संग्राम के दौरान और आजादी के बाद देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए किए गये उनके प्रयासों और योगदान को हमेशा याद रखा जायेगा। उनके विचार आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देते रहेंगे।

जयप्रकाश नारायण भारत छोड़ो आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे और उन्हें 1970 के दशक के मध्य में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए याद किया जाता है, जिसे उखाड़ फेंकने के लिए उन्होंने पूर्ण क्रांति का आह्वान किया था। जनता पार्टी सत्ता में आई और उनके मार्गदर्शन में केंद्र में सरकार बनाने वाली पहली गैर-कांग्रेसी पार्टी बन गई। उन्हें मरणोपरांत 1999 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।


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