मोदी का तोहफा, धार्मिक केंद्र के साथ अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र भी होगा करतारपुर गलियारा
रावी नदी के किनारे स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर में गुरु नानक देवजी ने अपने जीवन के 19 साल गुजारे थे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस की 550वीं वर्षगांठ के अवसर पर सरकार ने करतारपुर साहिब में अंतरराष्ट्रीय स्तर का गलियारा (कॉरीडोर) बनाने का तोहफा दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की हुई बैठक में जो फैसला किया गया है वह गुरुदासपुर से भारत-पाक सीमा पर स्थित अंतरराष्ट्रीय सीमा को न सिर्फ धार्मिक तौर पर ख्याति दिलाएगा बल्कि एक बड़े पर्यटन स्थल के तौर पर भी स्थापित करेगा।
गुरु नानक देवजी के जन्म दिवस पर भारत सरकार की तरफ से कई ऐलान
सरकार ने वहां जाने वाले धार्मिक यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मिलने वाली सुख सुविधाएं देने का ऐलान किया है। इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इसके निर्माण में पैसे को आड़े आने नहीं दिया जाएगा।
रावी नदी के किनारे स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर में गुरु नानक देवजी ने अपने जीवन के 19 साल गुजारे थे। सरकार का फैसला है कि गुरुदासपुर से भारत-सीमा तक के हिस्से तक बनने वाला हिस्सा सिखों के एक प्रमुख धाार्मिक स्थल के तौर पर विकसित हो।
गुरु नानक देवजी के जीवन से जुड़े सुल्तान पुर लोढ़ी को एक हेरिटेज टाउन व स्मार्ट सिटी के तर्ज पर विकसित किया जाएगा। यहां पिंड बाबा नानक दी के नाम से एक हेरिटेज कॉम्पलेक्स का निर्माण किया जाएगा।
जेटली ने बताया कि पिंड डेरा में बनने वाले विरासत कॉम्प्लेक्स में गुरु नानक जी की संपूर्ण जीवन यात्रा को पेश किया जाएगा। भारत-पाक सीमा पर जो सुविधा भारत सरकार की तरफ से लगाई जाएगी वहां उन यात्रियों के लिए व्यवस्था होगी जिनके पास पाकिस्तान जाने का वीजा नहीं होगा। ऐसे यात्री वहां दूरबीन के जरिए करतारपुर साहिब का दर्शन कर सकेंगे।
ब्रिटेन व कनाडा के विश्वविद्यालयों में खोले जाएंगे नानक देवजी के नाम पर चेयर
सरकार ने यह फैसला भी किया है कि गुरु नानक जी की शिक्षा के विस्तार के लिए दूसरे कई कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए ब्रिटेन व कनाडा के प्रमुख विश्वविद्यालयों में चेयर स्थापित करने की कोशिश सरकार की तरफ से की जाएगी। साथ ही अमृतसर में एक नये सेंटर फॉर इंटरफेथ स्टडीज का निर्माण किया जाएगा।
सरकार की तरफ से सभी राज्यों और विदेशों में अपने उच्चायोगों व दूतावासों को कहा गया है कि वह गुरु नानक देवजी के योगदान के बारे में अपने अपने तरीके से प्रचार करें। यूनेस्को से भी भारत की तरफ से आग्रह किया जाएगा कि नानक देवजी की शिक्षा का प्रसार वह अपने तरीके से करे। रेल मंत्रालय की तरफ से देश के विभिन्न गुरुद्वारों के लिए इस पूरे वर्ष विशेष ट्रेन चलाने का भी फैसला किया गया है।
भारत-पाक सीमा पर तीर्थयात्रियों के विश्राम करने की उत्तम व्यवस्था होगी साथ ही उनके आव्रजन और कस्टम मंजूरी लेने संबंधी प्रक्रिया को पूरी करने की अंतरराष्ट्रीय स्तर की व्यवस्था भी होगी। भारत ने कहा है कि यहां से चौबीसों घंटे और साल भर तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर वहां करतारपुर गुरुद्वारे जाने की सुविधा होगी।