Move to Jagran APP

पीएम मोदी ने Covid -19 के खिलाफ मुसीबत की घड़ी में विदेशी मदद बढ़ाने का लिया फैसला

अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड व गैस की कीमतों में भारी गिरावट होने के बावजूद इनकी आपूर्ति को लेकर आशंका बनी हुई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 09:59 PM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2020 06:59 AM (IST)
पीएम मोदी ने Covid -19 के खिलाफ मुसीबत की घड़ी में विदेशी मदद बढ़ाने का लिया फैसला
पीएम मोदी ने Covid -19 के खिलाफ मुसीबत की घड़ी में विदेशी मदद बढ़ाने का लिया फैसला

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोविड-19 से भारत अपनी लड़ाई लड़ रहा है लेकिन वह इस मुसीबत की घड़ी में दूसरे देशों को मदद देने से पीछे नहीं हटेगा। पड़ोसी व अन्य जरूरतमंद देशों को क्लोरोक्वीन व अन्य दवाओं की आपूर्ति करने के बाद भारत ने विदेशी मदद की रफ्तार बढ़ाने का फैसला किया गया है।

loksabha election banner

श्रीलंका को कोरोना से लड़ने के लिए 10 टन चिकित्सकीय सामग्री पहुंचाई गई 

मंगलवार को पड़ोसी देश श्रीलंका को कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 10 टन चिकित्सकीय सामग्री पहुंचाई गई है। खाड़ी के मित्र राष्ट्र कुवैत के लिए भी इस तरह की मदद पहुंचाने की तैयारी पूरी है।

पीएम मोदी ने ओमान के सुल्तान और स्वीडन के पीएम से की वार्ता, मदद देने का दिया आश्वासन

पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ओमान के सुल्तान और स्वीडन के प्रधानमंत्री से बात की है और उन्हें भी हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है। असलियत में पीएम नरेंद्र मोदी एकमात्र ऐसे वैश्विक नेता हैं जो इस संकट के काल में लगातार दूसरे देशों के प्रमुखों के साथ संपर्क में हैं और उन्हें मदद भी देने का आश्वासन दे रहे हैं।

भारत ने मालदीव को चिकित्सकीय सामग्री के साथ डॉक्टरों का एक विशेष दल भी भेजा

विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया के विशेष विमान से 10 टन चिकित्सकीय सामग्री लेकर एक विमान श्रीलंका पहुंचा है। इसमें वही सामान है जिसकी मांग पड़ोसी देश ने की थी। इसके पहले छोटे से पड़ोसी देश मालदीव को भी भारत तीन महीने की चिकित्सकीय सामग्री पहुंचा चुका है। भारत ने डॉक्टरों का एक विशेष दल भी वहां भेजा है जो स्थानीय चिकित्सा कर्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण दे चुका है। कुवैत को भी इस तरह की मदद दी जाएगी।

खाड़ी के देशों मे धीरे-धीरे Covid -19 के मामले बढ़ रहे हैं 

दरअसल खाड़ी के देशों मे अब धीरे-धीरे कोविड-19 के मामले बढ़ते दिख रहे हैं। खाड़ी के अधिकांश देशों के साथ भारत के मित्रवत संबंध है और कई देशों ने भारत से कोविड-19 में इस्तेमाल की जाने वाले मलेरिया की दवा क्लोरोक्वीन व अन्य दवाओं की मांग की है। वैसे भारत को भी खाड़ी के इन देशों की ऊर्जा की वजह से काफी जरुरत है। 

तेल की आपूर्ति में बाधा न आए इसके लिए धर्मेंद्र प्रधान की यूएई के मंत्री से हुई वार्ता

अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड व गैस की कीमतों में भारी गिरावट होने के बावजूद इनकी आपूर्ति को लेकर आशंका बनी हुई है। आशंका की वजह यह है कि अगर कोविड-19 का प्रसार यूं ही होता रहा तो दूसरे देशों से गैस व क्रूड में काफी समस्या हो सकती है। मंगलवार को इसलिए पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यूएई के राज्य मंत्री व अबूधाबी नेशनल आयल कंपनी के सीईओ सुल्तान अल जबेर से इस हफ्ते में दूसरी बार बात की है। दोनों नेताओं के बीच एलपीजी आपूर्ति को लेकर खास तौर पर बातचीत हुई है। आठ करोड़ एलपीजी के अतिरिक्त सिलेंडर आपूर्ति करने के लिए भारत को ज्यादा एलपीजी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.