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लाल किले से पीएम मोदी ने किया अगले 25 वर्षों में नए भारत के विकास के रोडमैप का एलान

भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस को यादगार बनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले 25 वर्षों में विकास का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के महत्वाकांक्षी रोडमैप की घोषणा की है। ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के साथ अगले जेनरेशन के आर्थिक और प्रशासनिक सुधारों का खाका खींचा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 15 Aug 2021 10:43 PM (IST)Updated: Mon, 16 Aug 2021 04:39 AM (IST)
लाल किले से पीएम मोदी ने किया अगले 25 वर्षों में नए भारत के विकास के रोडमैप का एलान
भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस को यादगार बनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली, संजय मिश्र। भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस को यादगार बनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले 25 वर्षों में विकास का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के महत्वाकांक्षी रोडमैप की घोषणा की है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के अपने मूल मंत्र में 'सबका प्रयास' के नए मंत्र को शामिल करते हुए प्रधानमंत्री ने इस दिशा में ढांचागत विकास और रोजगार के अवसरों को नया स्केल और नई रफ्तार देने के लिए सौ लाख करोड़ की 'प्रधानमंत्री गति शक्ति' मिशन की रूपरेखा पेश की। इस नए दशक में गांवों के विकास और किसानों की जिंदगी बेहतर बनाने के लक्ष्यों को हासिल करने के साथ अब बेटियों की पढ़ाई के लिए सैनिक स्कूल का दरवाजा खोले जाने का एलान किया।

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देश में 75 वंदे भारत ट्रेनें चलाने की घोषणा की

ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के साथ अगले जेनरेशन के आर्थिक और प्रशासनिक सुधारों का खाका खींचा। आजादी के 75वें वर्ष में देश के अलग-अलग क्षेत्रों को जोड़ने के लिए 75 वंदे भारत ट्रेनें चलाने की घोषणा की। लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने विस्तारवाद और आतंकवाद की चुनौती का माकूल जवाब देने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए चीन और पाकिस्तान दोनों को परोक्ष संदेश दिया। लाल किले पर लगातार आठवीं बार तिरंगा फहराने के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, आने वाले समय में हम करोड़ों देशवासियों का सपना पूरा करने वाली एक बहुत बड़ी योजना, प्रधानमंत्री गतिशक्ति का राष्ट्रीय मास्टर प्लान देश के सामने लेकर आने वाले हैं।

ढांचागत विकास को रफ्तार देगी सौ लाख करोड़ की गति शक्ति योजना

सौ लाख करोड़ से भी अधिक की यह योजना लाखों नौजवानों के लिए रोजगार के नए अवसर लेकर आने वाली है। गतिशक्ति हमारे देश के लिए एक ऐसी योजना होगी जो समग्र ढांचे की नींव रखेगी। हमारी अर्थव्यवस्था को एक समन्वित और समग्र रास्ता देगी। गतिशक्ति भविष्य के रास्ते से रोड़े हटाएगी। इससे भविष्य के आर्थिक जोन निर्माण की नई संभावना विकसित होगी और गति की शक्ति भारत के कायाकल्प का आधार बनेगी।सिर पर केसरिया व लाल रंग का साफा बांधे मोदी ने सबसे पहले महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, रानी लक्ष्मीबाई से शुरुआत करते हुए पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और बाबा साहेब आंबेडकर को याद किया और कहा कि देश उनका ऋणी है।

दुश्मनों को कराया ताकत का अहसास

प्रधानमंत्री ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके हमने देश के दुश्मनों को नए भारत की ताकत का संदेश भी दे दिया है। 21वीं सदी का भारत बड़े लक्ष्य गढ़ने और उन्हें प्राप्त करने का साम‌र्थ्य रखता है। अनुच्छेद 370 को खत्म करने का ऐतिहासिक फैसला हो, टैक्स का जाल खत्म करने के लिए जीएसटी, वन रैंक-वन पेंशन हो या राम जन्मभूमि का मामला। हमने बीते कुछ वर्षो में ऐसे मसलों का शांतिपूर्ण समाधान निकाला है।

ओबीसी आरक्षण की दिशा में उठाए गए कदमों को गिनाया

पीएम ने करीब 90 मिनट के अपने संबोधन में सरकार की योजनाओं के साथ ओबीसी आरक्षण की दिशा में उठाए गए कदमों को गिनाकर राजनीतिक लक्ष्य भी साधा और कहा कि जो वर्ग और क्षेत्र पीछे हैं, उनकी मदद करनी ही होगी। अभी हाल ही में मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी वर्ग को आरक्षण की व्यवस्था और संसद में कानून बनाकर ओबीसी से जुड़ी सूची बनाने का अधिकार राज्यों को देने का उद्देश्य यही है।

आधुनिक ढांचे के साथ ही समग्र नीति की जरूरत

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के 75वें वर्ष में हमारा दायित्व है कि हम नेक्स्ट जेनरेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर, व‌र्ल्ड क्लास मैन्यूफैक्च¨रग, क¨टग एज इनोवेशन और न्यू एज टेक्नोलाजी की ओर बढ़ें। कमजोर बुनियादी ढांचे का बहुत बड़ा नुकसान विकास की गति और शहरी मध्यम वर्ग को होता है। इसी बात को समझते हुए जल, थल, नभ, हर क्षेत्र में देश ने असाधारण स्पीड और स्केल पर काम करके दिखाया है। अब भारत को आधुनिक ढांचे के साथ ही समग्र नीति की जरूरत है।

अगली पीढ़ी के सुधारों पर जोर

पीएम ने कहा कि आजादी के अमृतकाल के दशक में अगले जेनरेशन के सुधारों पर जोर होगा, जिसमें नागरिकों को सर्विस डिलीवरी बिना अड़चन के मिल सके। सरकारी प्रक्रियाओं का बेवजह दखल समाप्त किया जा सके। उनके अनुसार पहले समय सरकार खुद ही ड्राइ¨वग सीट पर बैठ गई थी। लेकिन अब समय बदल चुका है। कोरोना कालखंड में भी 15 हजार से ज्यादा अनुपालन दिशा-निर्देशों को खत्म किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुधार सिर्फ सरकार तक सीमित न रहे बल्कि ग्राम पंचायत और नगर निगमों, नगरपालिकाओं तक पहुंचे। इसके लिए वे केंद्र और राज्य के सभी के विभागों से अपने यहां नियमों और प्रक्रियाओं की समीक्षा का अभियान चलाने का आह्वान करते हैं।

समृद्धि का शिखर हो शताब्दी वर्ष

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें नए संकल्पों को लेकर चलना है, ताकि जब हम आजादी का शताब्दी वर्ष मनाएं तो यह देश ही नहीं नागरिकों की समृद्धि का शिखर हो, जहां नागरिकों के जीवन में सरकार बेवजह दखल न दे। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के भाव से सरकार इस प्रयास में जुटी है। पीएम ने गरीबों के पोषण को ध्यान में रखते हुए एलान किया कि सरकारी राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो या मिड-डे मील का चावल, 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल पोषण युक्त कर दिया जाएगा।

कोरोना ने बदला विश्व का स्वरूप

कोरोना महामारी की चुनौती से निपटने में सरकार के प्रयासों के साथ विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाए जाने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के बाद विश्व का स्वरूप बदल गया है और नई विश्व व्यवस्था बनने की संभावना है। दुनिया भारत को एक नई दृष्टि से देख रही है।

लाल किले से पीएम का एलान

--21वीं सदी में भारत को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए देश के साम‌र्थ्य का सही और पूरा इस्तेमाल जरूरी है..यह समय की मांग है।

--हमारे विनिर्माताओं को इस बात को कभी नहीं भूलना होगा कि आप जो उत्पाद बाहर बेचते हैं, उसके साथ भारत की पहचान जुड़ी होती है।

--बड़े परिवर्तन के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। दुनिया देख रही है कि भारत में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है।

--बेवजह के कानूनों की जकड़ से मुक्ति जीवन की सुगमता के साथ-साथ व्यवसाय की सुगमता दोनों के लिए बहुत ही जरूरी है।


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