पीएम मोदी और श्रीलंकाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बीच 26 सितंबर को होगी द्विपक्षीय बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंकाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे 26 सितंबर को एक वर्चुअल द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को इसकी घोषणा की। श्रीलंका में संसदीय चुनावों के बाद ये बैठक हो रही है।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारत और श्रीलंका के बीच 26 सितंबर को एक वर्चुअल द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंकाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे 26 सितंबर को एक वर्चुअल द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को इसकी घोषणा की। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि शिखर सम्मेलन दो नेताओं को श्रीलंका में संसदीय चुनावों के बाद और समय-समय पर अनुकूल संबंधों के संदर्भ में द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक ढांचे की व्यापक समीक्षा करने का अवसर देगा।
इसी साल फरवरी में नई दिल्ली में मुलाकात के बाद दोनों नेताओं के बीच ये वर्चुअल शिखर सम्मेलन पहली आधिकारिक बातचीत है। पिछले हफ्ते, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने फोन करके पीएम मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थीं और दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा और प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।
इसके बाद पीएम मोदी ने दोनों नेताओं को हार्दिक शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद दिया था और साथ ही कहा था कि वह भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी(Neighbourhood First policy) के अनुरूप दोनों देशों के बीच सहयोग का विस्तार करने के लिए उनके साथ काम करना चाहते हैं।
बयान में आगे कहा गया कि दोनों श्रीलंकाई नेताओं ने पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए अपनी मजबूत इच्छा और प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कोरोना महामारी के खिलाफ साझा लड़ाई में जारी द्विपक्षीय सहयोग के लिए सराहना व्यक्त की।
भारत और श्रीलंका के बीच मजबूत संबंध
भारत और श्रीलंका ने अपने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और प्रगाढ़ करने और क्षेत्र की स्थिरता के लिए सुरक्षा चुनौतियों और चिंताओं का संयुक्त रूप से सामना करने की प्रतिबद्धता जताई है। कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने नए रक्षा सलाहकार कैप्टन विकास सूद ने श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के अधिकारियों के साथ पिछले महीने बातचीत की। इन वार्ताओं के दौरान द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में परस्पर हित के कई मामलों पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने रक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर प्रतिबद्धता जताई।