Winter Session: वाद-विवाद के बीच संसद में संवाद भी होना चाहिए- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि जनहित, लोकहित के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। राजनीतिक दलों को जनता जनार्दन का ध्यान रखकर मुद्दे उठाना चाहिए।
नई दिल्ली (एएनआइ)। संसद के शीतकालीन सत्र से पहले पीएम मोदी ने कहा कि सदन में वाद हो, विवाद हो लेकिन संवाद तो होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सत्र महत्वपूर्ण है, सरकार की तरफ से कई महत्वपूर्ण विषय, जो जनहित के हैं, देशहित के हैं और सभी का यह प्रयास रहे, जितना अधिकतम काम हम जनहित का कर पाए, लोकहित का कर पाए, देशहित का कर पाए।
मुझे विश्वास है कि सदन के सभी सदस्य इस भावना का आदर करते हुए आगे बढ़ेंगे। हमारा निरंतर प्रयास रहा है कि सभी विषयों पर चर्चा हो, खुलकर के चर्चा हो, तेज तर्रार चर्चा हो, तीखी-तमतमती चर्चा हो, लेकिन चर्चा हो। वाद हो, विवाद हो, संवाद तो होना ही चाहिए। इसलिए हमारी गुजारिश है कि चर्चा हो, यह सदन निर्धारित समय से भी अधिक समय तक काम करे।
सारे महत्वपूर्ण विषयों को नतीजे तक पहुंचाएं, चर्चा करके उसे और अधिक सार्थक और मजबूत करने का प्रयास हो। मुझे विश्वास है कि सभी राजनीतिक दल जो मई महीने पर कसौटी पर कसने वाले हैं, वह जरूर जनता-जनार्दन का ध्यान रखकर के इस सत्र का सर्वाधिक प्रयोग जनहित के लिए करेंगे दलहित के लिए नहीं करेंगे।
वहीं सोमवार को सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के सुचारू संचालन के लिए सभी दलों से सहयोग मांगा। साथ ही कहा कि जनता से जुड़े मुद्दों के लिए वह सदन में देर रात तक काम करने के लिए भी तैयार हैं।
11 दिसंबर, 2018 से आठ जनवरी, 2019 तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में कुल 20 बैठकें प्रस्तावित हैं। इस दौरान 66 लंबित बिलों पर चर्चा होनी है। 20 नए विधेयक भी पेश किए जाएंगे। सत्र से पहले प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने अपने लंबित और जरूरी कामकाज से विपक्षी दलों को अवगत कराया।
सर्वदलीय बैठक की जानकारी देते हुए संसदीय कार्यमंत्री मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि सरकार ने विपक्ष के साथ कामकाज को लेकर चर्चा की है। तत्काल तीन तलाक सहित कई अहम बिलों को लेकर भी सहयोग मांगा गया है। प्रधानमंत्री ने विपक्ष से कहा कि वह सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। इस सबके बीच विपक्ष भी सीबीआइ, राफेल और आरबीआइ जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है।
बैठक से बाहर निकले गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने सरकार के सामने राफेल पर जेपीसी के गठन और सीबीआइ पर चर्चा कराने की बात रखी है। बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन ख़़डगे, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, लोक जनशक्ति पार्टी नेता चिराग पासवान, शिवसेना के नेता चंद्र कांत, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह आदि मौजूद रहे।
हंगामेदार सत्र के आसार
कांग्रेस और विपक्षी दलों के रख को देखते हुए शीतकालीन सत्र में सरकार की राह आसान नहीं दिखती है। विपक्ष के रख से सत्र के दौरान जबर्दस्त हंगामे के आसार दिख रहे हैं। गोलबंद विपक्ष का प्रयास रहेगा कि पूरा सत्र राजनीति के आसपास ही केंद्रित रहे। वहीं सरकार तत्काल तीन तलाक विधेयक, मेडिकल काउंसिल जैसे विधेयकों को पार लगाना चाहेगी। राम मंदिर निर्माण को लेकर निजी विधेयक भी प्रस्तावित है, जो विपक्षी दलों के सामने ब़़डा धर्मसंकट ख़़डा कर सकता है।