नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी ने राज्यों की ओर से उठाए गए मुद्दों पर दिखाई सक्रियता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों को आश्वस्त किया कि निर्णय लेते समय उनके सुझावों पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में गरमाई राजनीति के बीच रविवार को हुई नीति आयोग गवर्निग काउंसिल की बैठक पर राजनीतिक विवादों की छाया डालने की कोशिश भले ही हुई हो, लेकिन राज्यों के बीच आमराय बनाने की गंभीर कोशिश भी हुई। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम राय बनाने में अहम भूमिका निभायी।
उन्होंने राज्यों को आश्वस्त किया कि निर्णय लेते समय उनके सुझावों पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने तत्काल ही नीति आयोग को निर्देश भी दिया कि बैठक में सुझाव आए हैं उनमें से कार्रवाई योग्य बिन्दुओं पर वह तीन माह के भीतर राज्यों के साथ मिलकर कदम उठाए।
सूत्रों के मुताबिक वित्त आयोग की टर्म एंड रेफरेंस को लेकर था जिसको संज्ञान में लेते हुए प्रधानमंत्री ने उन राज्यों के हितों का ध्यान रखने का आह्वान भी किया जो पिछड़े हैं और जिनकी प्रति व्यक्ति आय कम है। इस मुद्दे पर उत्तर और दक्षिण के राज्यों की राय अलग-अलग है।
जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में कहा कि नीति आयोग राज्यों से परामर्श किए बगैर ही बैठक का एजेंडा तय करता है तो पीएम ने नीति आयोग को स्पष्ट कहा कि वह राज्यों से उनकी समस्याओं के बारे में बातचीत करे और उनके साथ मिलकर काम करे। पीएम ने बैठक में आए सुझावों पर भी नीति आयोग को तीन माह के भीतर कार्रवाई करने योग्य बिन्दुओं पर काम करने का निर्देश दिया।
सूत्रों ने कहा कि गरीबों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने वाली महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना के बारे में भी इस बैठक में आम राय उभरी। दरअसल इस योजना के क्रियान्वयन में राज्यों की अहम भूमिका है, इसलिए इस पर एक राय होना बेहद आवश्यक है।
बैठक में विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों ने भी इस योजना को लेकर उत्साह दिखाया। साथ ही एस्पिरेशनल डिस्टि्रक्ट कार्यक्रम तथा किसानों की आय दोगुनी करने जैसे मुद्दों पर भी बैठक में सभी राज्यों के बीच आम राय दिखी। पीएम ने राज्यों से एस्पिरेशनल डिस्टि्रक्ट की तर्ज पर एस्पिरेशनल ब्लॉक चिन्हित करने तथा उनकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए निर्यात पर जोर देने को भी कहा।