ममता की जिद के कारण बंगाल के 70 लाख किसानों को 4000 करोड़ का हो रहा नुकसान
पीएम-किसान के लिए केंद्र से बंगाल से फिर किया आग्रह। मुख्यमंत्री ममता ने कृषि मंत्री के पत्रों का नहीं दिया जवाब।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जिद के चलते राज्य के 70 लाख किसानों को 'पीएम-किसान' योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे राज्य के किसानों को सालाना 4000 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान हो रहा है। जबकि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है। केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस बाबत राज्य सरकार को दो बार पत्र लिखकर अनुरोध कर चुके हैं। लेकिन वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा। जबकि अधिकारियों के स्तर पर कई बार अनुरोध किया गया है।
तोमर ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इस अनदेखी से किसानों को सीधा नुकसान उठाना पड़ रहा है। देश के दूसरे किसानों को जहां सालाना 6000 रुपये की नगदी उनके बैंक खातों में पहुंच रही है, वहीं पश्चिम बंगाल के किसानों को यह नहीं मिल पा रहा है। तोमर ने राज्य की ममता बनर्जी से योजना में हिस्सा लेने का एक बार फिर अनुरोध किया है। तोमर ने कहा कि पीएम-किसान से किसानों के साथ राज्य के खजाने को भी लाभ पहुंचता है।
पश्चिम बंगाल को छोड़कर देश के बाकी राज्यों ने इस योजना को अपना लिया है। बंगाल के 10 लाख किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन सीधे आन लाइन करा लिया है, लेकिन राज्य सरकार की सहमति और वेरिफिकेशन के बगैर योजना लाभ देना संभव नहीं हो पा रहा है। तोमर ने बताया कि आंध्र प्रदेश, बिहार और सिक्किम जैसे राज्यों में योजना के लिए रजिस्टर्ड किसानों का वेरिफिकेशन करने में पीछे हैं। उन्होंने कहा कि अगले साल तक देश के 14 करोड़ किसानों को योजना का लाभ मिलने लगेगा।