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पीएम की नसीहत, संसद में अवरोध खासकर नए सदस्यों के लिए पीड़ादायक

प्रधानमंत्री मानते हैं कि संसद में अवरोध उन्हें अपने क्षेत्र की समस्याओं को रखने से रोकता है। उन्होंने सभी दलों के नेताओं से अपील की कि बहस में युवा और पहली बार चुनकर आए सदस्यों को ज्यादा बोलने का अवसर दें ताकि लोकतंत्र भी भविष्य के लिहाज से बढ़े।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Wed, 07 Dec 2022 11:39 PM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2022 11:39 PM (IST)
पीएम की नसीहत, संसद में अवरोध खासकर नए सदस्यों के लिए पीड़ादायक
प्रधानमंत्री ने जी 20 की भारत की अध्यक्षता का भी उल्लेख किया-

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। संसद में विभिन्न मुद्दों पर पक्ष और विपक्ष में होने वाली तीखी चर्चाओं के पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी दलों को इसका एहसास करा दिया है कि कोई भी गतिरोध उनके अपने सदस्यों और खासकर युवा सांसदों की भावना के भी खिलाफ है। शीतकालीन सत्र की शुरूआत से पहले मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी अलग-अलग दल के नेताओं से बातचीत हुई है।

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युवा सदस्यों को बहस में ज्यादा समय देने की अपील

वह भी मानते हैं कि संसद में अवरोध उन्हें अपने क्षेत्र की समस्याओं को रखने से रोकता है। उन्होंने सभी दलों के नेताओं से अपील की कि बहस में युवा और पहली बार चुनकर आए सदस्यों को ज्यादा से ज्यादा बोलने का अवसर दें ताकि लोकतंत्र भी भविष्य के लिहाज से बढ़े। यूं तो विपक्ष की ओर से भी संकेत दिया गया है कि इस बार सदन का कामकाज प्रभावित नहीं होगा लेकिन इससे इन्कार नहीं किया जा सकता है कि कई विषयों पर बहस तीखी होगी और कामकाज पर थोड़ा असर जरूर होगा।

ऐसे में प्रधानमंत्री ने किसी खास मुद्दे का उल्लेख किए बिना कहा कि वर्तमान वैश्विक स्थिति को देखते हुए इस सत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। लिहाजा सभी दलों को सकारात्मक रूप से बहस में हिस्सा लेना चाहिए और अहम सुझाव देने चाहिए। यह देश के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि अवरो ध से सदस्यों के हितों को चोट पहुंचती है। वह अपनी बात रखने से चूकते हैं। उन्हें दर्द होता है। सभी दलों को इसे समझना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने जी 20 की भारत की अध्यक्षता का किया उल्लेख

प्रधानमंत्री ने जी 20 की भारत की अध्यक्षता का भी उल्लेख किया और कहा कि इसे सिर्फ एक घटना के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यह अवसर होगा जब भारत विश्व के विकसित देशो के सामने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा। गौरतलब है कि इस सत्र में सिर्फ 17 बैठकें होनी हैं और सरकार के एजेंडे में लगभग डेढ़ दर्जन विधेयक हैं। सरकार चाहेगी कि उन विधेयकों को चर्चा के बाद पारित कराया जाए।

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