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पीयूष गोयल ने कहा, ऐसा आचरण कभी नहीं हुआ, हंगामा करने वालों सांसदों के खिलाफ हो सख्‍त कार्रवाई

सरकार ने हंगामे को कमेटी बना कर दोषी सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष के सांसदों ने सदन के अंदर जिस तरह का आचरण किया है वैसा पहले शायद ही कभी देखा गया हो

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 09:44 PM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 11:04 PM (IST)
पीयूष गोयल ने कहा, ऐसा आचरण कभी नहीं हुआ, हंगामा करने वालों सांसदों के खिलाफ हो सख्‍त कार्रवाई
राज्यसभा में नेता सदन और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

 नई दिल्‍ली, एजेंसी। संसद का मानसून सत्र बुधवार को समाप्‍त हो गया। दोनों सदनों में काफी हंगामा हुआ। सरकार ने हंगामे को कमेटी बना कर दोषी सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। कार्यवाही स्थगित होने से पहले राज्यसभा में नेता सदन और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सत्र के दौरान विपक्षी सांसदों के हंगामे पर अपनी बात रखी। पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष के सांसदों ने सदन के अंदर जिस तरह का आचरण किया है, वैसा पहले शायद ही कभी देखा गया हो। गोयल ने विपक्ष के सांसदों की मार्शल के साथ हाथापाई, दरवाजे का कांच तोड़ने और सदन के अंदर टेबल पर खड़े होकर फाइल लहराने जैसी कई घटनाओं का जिक्र करते हुए आरोप लगाया गया कि विपक्ष ने चेयरमैन और संसद का अपमान किया है।

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पीयूष गोयल ने कहा कि हम मांग करते हैं कि विपक्षी सदस्यों द्वारा घोर अनुशासनहीनता की घटनाओं को देखने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाए और कड़ी कार्रवाई की जाए। मुझे और संसदीय कार्य मंत्री को हमारे कक्षों से बाहर आने से रोकने की कोशिश की गई। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह के व्यवहार को सदन और देश को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्‍होंने कहा कि विपक्ष की मंशा आज पूरी तरह से दिखी। जिस तरह से पैनल चेयरमैन, टेबल स्टाफ और महासचिव पर हमला करने की कोशिश की गई। एक निंदनीय घटना के तहत महिला सुरक्षाकर्मी का गला घोंटने का प्रयास किया गया।

संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि वीडियो फुटेज की जांच की जाए। दोषी सदस्‍यों के खिलाफ कड़ी कार्रवार्इ की जाए। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम मांग करते हैं कि राज्यसभा के सभापति को विपक्षी सांसदों के दुर्व्यवहार और अनुशासनहीनता की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन करना चाहिए और सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। अपने 10 साल के संसदीय करियर में मैंने ऐसा व्यवहार कभी नहीं देखा।

उधर, राकांपा नेता शरद पवार ने कहा कि अपने 55 साल के संसदीय करियर में मैंने कभी नहीं देखा कि आज (राज्यसभा में) महिला सांसदों पर जिस तरह से हमले हुए हैं। 40 से अधिक पुरुषों और महिलाओं को बाहर से सदन में लाया गया। यह दर्दनाक है। यह लोकतंत्र पर हमला है।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, आज सदन में सरकार का बर्ताव ठीक नहीं था। सदन में हमारे खिलाफ मार्शलों का इस्तेमाल किया गया। महिलाओं के साथ बुरा व्यवहार किया गया। ऐसा लग रहा था जैसे युद्ध होने वाला है इसलिए हमने सदन की कार्यवाही में शामिल ना रहने का निर्णय लिया और वॉकआउट किया।


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