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पीयूष गोयल का आरोप, महाराष्‍ट्र सरकार ने श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनों को लेकर दिया गलत विवरण

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मैंने उन्हें 125 गाड़ियों की पेशकश की विवरण देने के लिए पूछा। वे कल की ट्रेनों के लिए कोई विवरण नहीं दे पाए।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 07:19 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 07:33 PM (IST)
पीयूष गोयल का आरोप, महाराष्‍ट्र सरकार ने श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनों को लेकर दिया गलत विवरण
पीयूष गोयल का आरोप, महाराष्‍ट्र सरकार ने श्रमिक स्‍पेशल ट्रेनों को लेकर दिया गलत विवरण

 नई दिल्‍ली, एएनआइ। प्रवासी मजदूरों को महाराष्‍ट्र सरकार और रेल मंत्रालय के बीच सियासत जारी है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने महाराष्‍ट्र सरकार पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। उन्‍हेांने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने एक दिन पहले यह आरोप लगाया कि वे 80 गाड़ियों की मांग कर रहे हैं, लेकिन केवल 30-40 ही मिल रही हैं। दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने झूठ बोला है। मैंने उन्हें 125 गाड़ियों की पेशकश की, विवरण देने के लिए पूछा। वे कल की ट्रेनों के लिए कोई विवरण नहीं दे पाए। उन्होंने हमें 41 ट्रेनों का विवरण दिया। यहां तक ​​कि वे ट्रेनें भी खाली रहीं, उनमें यात्री नहीं थे।

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उन्‍होंने कहा कि पूरी रात हमारे रेलवे के लोगों ने काम किया। देर शाम उन्होंने हमें 145 ट्रेनों की सूची भेजी जो पूरी तरह से असंगठित थी। प्रत्येक ट्रेन के बारे में राज्य सरकार को सूचित कर दिया गया है। बिहार और यूपी को 15 दिन पहले कुछ पत्र लिखे गए थे, जिस तारीख को काटकर उन्होंने आज की तारीख डालकर हमें भेजा दिया।

उन्‍होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि शाम 5 बजे तक इन 145 ट्रेनों में से 74 प्रस्थान करने वाली थीं, लेकिन सुबह से दोपहर 12.30 बजे तक कोई भी यात्री नहीं जा रहा था। पीयूष गोयल ने कहा कि इन 145 ट्रेनों में से 41 ट्रेनें महाराष्ट्र द्वारा प्रदान की गई सूची के अनुसार पश्चिम बंगाल जा रही थीं। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और अधिकारी महाराष्ट्र सरकार से लगातार संपर्क में हैं, क्योंकि वे बता रहे हैं कि चक्रवात के कारण वे 41 ट्रेनों को स्वीकार नहीं कर सकते, केवल 2 को भेजें। उन्हें पश्चिम बंगाल के साथ मुद्दों को सुलझाना चाहिए। न तो पश्चिम बंगाल उन्हें (प्रवासी मजदूर) लेने की स्थिति में है और न ही महाराष्ट्र प्रस्थान रद्द कर रहा है। केवल प्रवासी मजदूर ही पीड़ित होंगे।

उन्‍होंने कहा कि उनके अपने सहयोगी साझेदार महाराष्ट्र सरकार की विफलताओं को उजागर कर रहे हैं। यह समय है जब वे अपने आंतरिक मतभेदों को सुलझाएं। चाहे वह शिवसेना हो, कांग्रेस या राकांपा, वे सभी सरकार में भागीदार हैं, उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इन ट्रेनों से प्रवासियों को भेजना चाहिए। 

उन्‍होंने कहा कि 23 मई तक लगभग सभी ट्रेनें अपने गंतव्य तक पहुंच चुकी हैं। उत्तर पूर्व में दूर तक जाने वाली 1-2 ट्रेनें अभी भी चल रही हैं। 24 मई को जहां हमने 238 ट्रेनें भेजी हैं, आज की शाम को सबसे ज्यादा पहुंचेंगी। अब लंबी यात्रा का समय समाप्त हो गया है। 

उन्‍होंने कहा कि रेलवे कर्मचारी रात दिन एक करके लोगों को गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं। ट्रेनों को सात से 9 दिन लगता है, ये आरोप पूरी तरह निराधार हैं। 25 मई तक 3274 श्रमिक विशेष ट्रेनों में 44 लाख यात्री यात्रा कर चुके हैं।   


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