PM के प्रहार से असहज हुई कांग्रेस- जानिए, टेलीफोन बैंकिंग के जरिए कैसे हुआ बैंक घोटाला
मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस की इस कारस्तानी के चलते 2014 में एनडीए सरकार को एनपीए की समस्या एक लैंडमाइन की तरह मिली।
नई दिल्ली [ एजेंसी ]। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के जवाब में खड़े हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में एनपीए की कहानी की शुरुआत कांग्रेस के कार्यकाल में वर्ष 2008 में शुरू हुई। उन्होंने कहा कि यह खेल वर्ष 2014 तक अनवरत जारी रहा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी बैंकों से पार्टी के करीबियों को बड़ी संख्या में लोन देने का काम शुरू किया। इसके चलते देश के सामने एनपीए की एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई। मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस की इस कारस्तानी के चलते 2014 में एनडीए सरकार को एनपीए की समस्या एक लैंडमाइन की तरह मिली। उन्होंने कहा कि देश में यदि 12 बड़े डिफॉल्टर की बात करें तो 45 फीसद रिकवरी की जा चुकी है। एनडीए सरकार के कार्यकाल में हुए सुधारों से अब उम्मीद बंधी है कि जल्द देश के बैंक स्वस्थ होकर ट्रैक पर आ जाएंगे।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं का बैंक के मैनेजरों को सीधे फोन जाता था और पार्टी के करीबी कारोबारियों को सिफारिश के साथ बड़ लोन दे दिया जाता था। उन्होंने कहा कि इस समय तक देश में इंटरनेट बैंकिंग की शुरुआत नहीं हुई थी, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने इस घोटाले को अंजाम देने के लिए टेलीफोन बैंकिंग का सहारा लिया। एनपीए के इस पक्ष को उजागर करते हुए पीएम ने कहा कि इस दौरान जब कारोबारियों का कर्ज लौटाने का समय आता था तब उनसे कर्ज वसूलने की जगह उन्हें नया कर्ज दे दिया जाता था। इसके चलते सरकारी बैंकों के ऊपर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ता चला गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दौरान कांग्रेस सरकार की कोशिश रही कि वह 2009 में यदि चुनाव हारते हैं तो उससे पहले जितना हो सकता है देश के बैंकों को खाली कर दिया जाए। उन्होंने कहा लेकिन बैंकों का दुर्भाग्य था कि 2009 में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनी और बैंकों की लूट यूपीए के दूसरे कार्यकाल के दौरान भी जारी रही। इस दौरान मोदी ने कहा कि आजादी के 60 साल बाद तक देश के बैंकों ने लोन के रूप में सिर्फ 18 लाख करोड़ रुपये दिए थे। वर्ष 2008 से वर्ष 2014 तक में यह राशि 18 लाख करोड़ से बढ़कर 52 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई। मोदी के मुताबिक कांग्रेस के इस 6 साल के दौरान 60 साल के कर्ज को डबल कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि एनपीए बढ़ने का एक ओर कारण यह है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में ऐसे फैसले लिए गए जिससे एनपीए की समस्या बैंकों की बैलेंसशीट से छिपी रहे और इस लैंडमाइन का किसी को पता न चल सके। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि एनडीए सरकार के उनके कार्याकल के दौरान बैंक के एनपीए की वास्तविक स्थिति की समीक्षा की गई। इसके बाद नए सिरे से बैंकों को दुरुस्त करने के लिए गंभीरता से सुधार कार्यक्रम की शुरुआत की गई।