PFI BAN: केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद राज्य हुए अलर्ट, तमिलनाडु और केरल सरकार ने आदेश जारी कर PFI को किया बैन
कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) की आतंकी फंडिंग व अन्य गतिविधियों के चलते भारत में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से बैन को लेकर अधिसूचना (नोटिफिकेशन) भी जारी कर दी गई है।
नई दिल्ली, एजेंसी। कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) की आतंकी फंडिंग व अन्य गतिविधियों के चलते भारत में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से बैन को लेकर अधिसूचना (नोटिफिकेशन) भी जारी कर दी गई है। केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद तमिलनाडु और केरल सरकार ने एक आदेश जारी कर PFI और उसके सहयोगियों को एक गैरकानूनी संघ घोषित किया।
तमिलनाडु सरकार ने एक आदेश जारी कर PFI और उसके सहयोगियों को एक गैरकानूनी संघठन घोषित किया है।
तमिलनाडु सरकार के बाद केरल सरकार ने एक आदेश जारी कर PFI और उससे संबंधित संगठनों को एक गैरकानूनी संघठन घोषित किया।
वहीं केंद्र के प्रतिबंध के बाद दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट पर है। दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में पुलिस की सक्रियता बढ़ गई है। विभिन्न जिलों के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) भी स्थिति का आकलन करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।
मालूम हो कि PFI एक कट्टरपंथी संगठन है। 2017 में NIA ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। NIA जांच में इस संगठन के कथित रूप से हिंसक और आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के बात आई थी। NIA के डोजियर के मुताबिक यह संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया।
बता दें कि NIA, ED सहित अन्य केंद्रीय एजेंसियों ने PFI के खिलाफ बड़े पैमाने पर छापेमारी की कार्रवाई की है। देश भर में 15 सेंटरों पर कार्रवाई में PFI से जुड़े कई नेताओं को हिरासत में लिया गया। छापेमारी के दौरान PFI के चीफ ओमा सलाम, सचिव नसरुद्दीन इलामरम, प्रोफेसर पी कोया और संस्थापक नेता ई अब्दुरहमान सहित कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था।
केंद्र ने राज्यों को भी दिया अधिकार
केंद्र ने एक अन्य अधिसूचना जारी कर राज्य सरकारों को पीएफआइ से जुड़े समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने और उनके खिलाफ संभावित स्थानों की जब्त करने व उनके सदस्यों की गिरफ्तारी करने का अधिकार दिया है।
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