पेट्रोलियम मंत्री प्रधान ने कहा- ऊर्जा के नए विकल्प तैयार कर रहा भारत
देश में तेल व गैस का बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए अगले पांच साल में 100 अरब डॉलर के निवेश की संभावना है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा स्टील मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि भारत ऊर्जा की अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए ऊर्जा संसाधन के नए विकल्प विकसित कर रहा है। यह ऐसे विकल्प हैं, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने के साथ इको फ्रेंडली होगी। साथ ही देश में तेल व गैस का बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए अगले पांच साल में 100 अरब डॉलर के निवेश की संभावना है।
100 अरब डॉलर के निवेश की संभावना
केपीएमजी एनरिच 2019 कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए प्रधान ने कहा कि रिफाइनिंग, पाइपलाइन, सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और एलएनजी टर्मिनल पर साल 2024 तक 100 अरब डॉलर के निवेश की संभावनाएं देश देख रहा है। इसमें से 60 अरब डॉलर गैस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निवेश होने की संभावना है।
ऊर्जा के वैश्विक परिदृश्य में तेजी से बदलाव
इस मौके पर उन्होंने कहा कि ऊर्जा के वैश्विक परिदृश्य में तेजी से बदलाव हो रहा है। भारत इस बदलाव का साक्षी बन रहा है। हम ऊर्जा उत्पादन में कार्बन उत्सर्जन को कम करने की तकनीक को वरीयता दे रहे हैं। हम विश्र्व के सबसे बड़े उपभोक्ता देश के साथ पर्यावरण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को किसी स्तर पर नहीं छोड़ते।
5 ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को अगले पांच साल में 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए इज ऑफ डूइंग, आर्थिक निवेश, डिजिटल इकोनॉमी की बड़ी भूमिका रहेगी।
टैक्स रिफॉर्म से मिलेगा प्रोत्साहन
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले पांच साल में निवेश प्रोत्साहन के लिए बैंकरप्सी कोड, टैक्स रिफॉर्म, इंटेलेक्चुल प्रॉपर्टी रिफॉर्म जैसे बड़े कदम उठाए हैं। इससे उद्योग को काफी प्रोत्साहन मिल रहा है।
स्टील की खपत में तेज छलांग
स्टील पर एक अन्य कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधान ने कहा कि देश स्टील की खपत में तेज छलांग लगाने को तैयार है। इस सेक्टर में अब निवेशकों को आगे आकर देश की विकास गाथा में भागीदार बनना चाहिए। स्टील मंत्री ने कहा कि इस्पात क्षेत्र सरकार की विभिन्न नीतियों और उद्योग की उद्यमशीलता की भावना से समर्थित अधिक जीवंत, कुशल, पर्यावरण के अनुकूल और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन रहा है।