राज ठाकरे ने शरद पवार से पूछा सवाल, नेहरू की आलोचना का दिया जवाब
पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान शरद पवार से मनसे प्रमुख राज ठाकरे सवाल पूछ रहे थे, जिसका उन्होंने खुलकर जवाब दिया।
मुंबई, पीटीआई। संसद में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा जवाहर नेहरू की आलोचना को एनसीपी प्रमुख शरद यादव ने खारिज करते हुए आज कहा कि देश की राजनीति में व्यक्तिगत हमले का चलन चल गया है। उन्होंने हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान संसद के दोनों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी के जवाब का जिक्र कर कहा कि आलोचनात्मक राजनीति सही है, मगर मैं यह बयान नहीं स्वीकार कर सकता कि देश के विकास में या लोकतंत्र को मजबूत करने में नेहरू का कोई योगदान नहीं था। अगर 12वीं शताब्दी में लोकतंत्र आया था तो उसके बाद भी ब्रिटिश ने हम पर शासन किया था और हम गुलाम थे।
पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान पवार ने यह बात कही, जहां मनसे प्रमुख राज ठाकरे उनसे सवाल पूछ रहे थे। इस मौके पर पवार ने स्वर्गीय यशवंतराव चव्हाण को याद किया, जो हमेशा कहते थे कि भारत को एक मजबूत लोकतांत्रिक देश बनाने के लिए नेहरू जिम्मेदार थे। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी वैचारिक मतभेदों के बावजूद हर किसी का सम्मान करते थे।
पवार ने यशवंतराव चव्हाण को समय को याद करते हुए कहा कि उस समय महाराष्ट्र के राजनेता देश को हमेशा सबसे पहले रखते थे। इस पर ठाकरे ने पूछा कि दूसरे राज्यों के नेताओं ने ऐसा क्यों नहीं किया, जिसके जवाब में पवार ने स्वीकार किया कि क्षेत्रवाद को राष्ट्र के ऊपर रखने के अपने दृष्टिकोण के कारण महाराष्ट्र को कई बार इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी।
ठाकरे ने जब यह कहा कि पीएम मोदी विदेशी नेताओं को देश के दूसरे हिस्सों में ले जाने की बजाय अहमदाबाद ले जाते हैं तो इसके जबाव में पवार ने कहा कि एक पीएम के लिए देश सबसे पहले आना चाहिए। मुझे लगता है कि जब कोई राष्ट्र का नेता होता है तो देश सबसे पहले आना चाहिए। हालांकि पवार ने यह भी कहा कि गुजरात और अहमदाबाद के लिए गर्व होना सही है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के साथ उनके काफी अच्छे संबंध थे। पवार ने कहा कि जब मोदी गुजरात सीएम थे, तब वह कांग्रेस नेतृत्व और पीएम मनमोहन सिंह के एक मुखर आलोचक थे।