Parliament session कर्नाटक की आंच संसद तक, कांग्रेस का संसद के दोनों सदनों में हंगामा, लोस से वाकआउट
Parliament session कर्नाटक में अपने विधायकों के विद्रोह को लेकर संकट में फंसी कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी को कठघरे में खड़ा किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कर्नाटक में अपने विधायकों के विद्रोह को लेकर संकट में फंसी कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी ने भाजपा पर राज्य में दलबदल को प्रोत्साहन देने का आरोप लगाया। पार्टी ने इस मुद्दे को संसद के दोनों सदनों में उठाया जिसके चलते राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। हालांकि लोकसभा में मौजूद भाजपा के उपनेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे कांग्रेस के अंदर की कलह करार दिया।
राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस खुद अपना घर नहीं संभाल पा रही है और दोषारोपण कर खुद की कमी छिपा रही है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर लोकसभा से वाकआउट किया।
लोकसभा में शून्यकाल शुरु होते ही कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कर्नाटक के मुद्दे को उठाने की कोशिश की, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसकी इजाजत नहीं दी। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा सोमवार को ही कांग्रेस उठा चुकी है।
स्पीकर के इतना कहते ही सदन में उपस्थित कांग्रेस के सदस्यों ने खड़े होकर शोर शराबा शुरू कर दिया और फिर वेल में आ गए। उनके साथ डीएमके के सांसद भी थे। यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके राहुल गांधी भी इस दौरान सदन में उपस्थित थे।
कांग्रेस और डीएमके सांसदों ने वेल में सरकार और भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। कुछ देर शोर-शराबा चलने के बाद स्पीकर ने चौधरी को बोलने का मौका दिया। शोर शराबे के बीच ही चौधरी ने सरकार और भाजपा पर आरोप लगाया कि वह कर्नाटक में दलबदल को बढ़ावा दे रही है।
चौधरी ने कहा कि ऐसी राजनीति को बंद करना चाहिए। कर्नाटक के संबंध में सत्ताधारी दल के नेता लगातार बयान दे रहे हैं कि पहले कर्नाटक और फिर मध्य प्रदेश की बारी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की राजनीति बंद होनी चाहिए।
चौधरी के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को आरोप लगाने के बजाये अपने घर को संभालना चाहिए। 'कर्नाटक में जो हुआ वह कांग्रेस के घर का मामला है, लेकिन वह अपना घर संभालने के बजाय सदन की कार्यवाही में व्यवधान डाल रही है। इसे कदापि उचित नहीं ठहराया जा सकता।'