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Parliament Session: पीएम का अधीर रंजन को जवाब, जिसे जमानत मिली है वह इसका आनंद ले

Parliament Session लोकसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस को आपातकाल से लेकर तीन तलाक तक पर घेरा।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 25 Jun 2019 04:46 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2019 09:32 AM (IST)
Parliament Session: पीएम का अधीर रंजन को जवाब, जिसे जमानत मिली है वह इसका आनंद ले
Parliament Session: पीएम का अधीर रंजन को जवाब, जिसे जमानत मिली है वह इसका आनंद ले

नई दिल्ली, एएनआइ। लोकसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का पीएम मोदी ने जवाब देते हुए कांग्रेस को निशाने पर लिया। उन्होंने इस दौरान कांग्रेस को आपातकाल से लेकर तीन तलाक पर घेरा। साथ ही उन्होंने सोमवार को लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा 2 जी और कोल घोटाला पर किए गए सवाल पर जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भ्रष्‍टाचार के खिलाफ हमारी लड़ार्इ जारी रहेगी। हम बदले के भावना से काम नहीं करते हैं।

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इस दौरान उन्होंने कहा हम कानून से चलने वाले लोग हैं और किसी को जमानत मिली है तो वह इसका आनंद ले, लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी, हमें गलत रास्ते पर जाने की जरूरत नहीं है।  पीएम मोदी ने संबोधन खत्म होने के बाद सभी सांसदों से प्रस्ताव को पारित करने की अपील की। प्रस्ताव पर लाए गए सभी संशोधन ध्वनिमत से खारिज हो गए। स्पीकर ने सभी संशोधनों को अस्वीकार कर दिया।सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। 

प्रस्ताव का धन्यवाद देश की जनता को धन्यवाद है
इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में हम भारत को कहा ले जाना चाहते हैं, कैसे ले जाना चाहते, किन चीजों पर हम काम करना चाहते हैं। इसका एक खाका उन्होंने पेश किया है। इस प्रस्ताव का धन्यवाद देश की जनता को धन्यवाद है। एक सशक्त, सुरक्षित राष्ट्र का सपना हमारे देश के अनेकों महापुरुषों ने देखा है और उसे पूरा करने के लिए अधिक गति के साथ हम सभी को एक साथ मिलकर आगे बढ़ना है। भारत को आज के वैश्विक वातावरण में यह अवसर खोना नहीं चाहिए। देश की आकांक्षाओं को पूरा करने में आने वाली हर चुनौती को हम पार कर सकते हैं। इस चर्चा में करीब 60 नए सांसदों ने हिस्सा लिया। उन्होंने अच्छे ढंग से अपनी बात रखी और इस चर्चा को सार्थक बनाने का काम किया। अनुभवी लोगों ने अपनी तरह से चर्चा को आगे बढ़ाया।

चुनावी भाषण का असर यहां भी नजर आया 
पीएम ने इस दौरान कहा कि हम सभी मनुष्य हैं और जो छाप मन में बैठ जाती है और उसे निकलना कठिन होता है। चुनावी भाषण का असर यहां भी नजर आया और वही बातें सुनने को मिल रही थीं। उन्होंने कहा कि स्पीकर ने ठीक ढंग से इस चर्चा को आगे बढ़ाया बावजूद इसके आप सदन में नए हैं और नए को सदस्य परेशानी में डालने की कोशिश करते हैं। दशकों बाद देश ने एक मजबूत जनादेश दिया है।

मतदाता अभिनंदन का पात्र है
आज के सामान्य वातावरण में भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में सबके लिए गौरव करने की बात है कि हमारा मतदाता कितना जागरूक है। अपने से ज्यादा वो अपने देश से कैसे प्यार करता है, ये इस चुनाव में देखने को मिला है। इस बात के लिए देश का मतदाता अभिनंदन का पात्र है। मतदाता अपने से ज्यादा अपने देश के लिए फैसले करता है। यह बात इस चुनाव में नजर आई है। देश के मतदाता अभिनंदन के अधिकारी हैं। 2014 में हम पूरी तरह नए थे, देश के लिए अपरिचित थे, लेकिन उस हालात से बाहर निकलने के लिए देश ने एक प्रयोग के तौर पर हमें मौका दिया।  2019 का जनादेश पूरी तरह कसौटी पर कसने के बाद हर तराजू पर तौलने के बाद, पल पल को जनता ने जांचा और परखा है और उसके आधार पर समझा है और तब जाकर फिर से हमें चुना है।

मैं कुछ भी न बोलूं तो भी चलेगा
चर्चा के प्रारम्भ में पहली बार सदन में आए डॉ प्रताप सारंगी जी और आदिवासी समाज से आई हमारी बहन हिना गावित जी ने जिस प्रकार से विषय को प्रस्तुत किया और जिस बारीकी से बातों को रखा, तो मैं समझता हूं कि मैं कुछ भी न बोलूं तो भी चलेगा। पिछले पांच साल के कार्यकाल में हमारे मन में यही भाव रहा, जिसके कोई नहीं उसके लिए सिर्फ सरकार होती है।  

5 साल की तपस्या का फल
पीएम मोदी ने कहा कि जनता के लिए जूझना, खपना 5 साल की तपस्या का फल मिला है। कौन हारा, कौन जीता यह मेरी सोच का हिस्सा नहीं है। देशवासियों के सपने और उनकी आशा मेरी नजर में रहती है।  2014 में जब जनता ने मौका दिया और सेंट्रल हॉल में वक्तव्य देने का मौका मिला तो मैंने कहा था कि मेरी सरकार गरीबों को समर्पित है। 5 साल बाद संतोष के साथ कह सकता हूं जो संतोष जनता ने ईवीएम का बटन दबाकर व्यक्त किया है। 

कांग्रेस पर हमला- लकीर छोटी करने में अपना समय बर्बाद नहीं करते
पीएम ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि सदन में कहा गया कि हमारी ऊंचाई को कोई कम नहीं कर सकता। ऐसी गलती हम नहीं करते, हम किसी की लकीर को छोटी करने में अपना समय बर्बाद नहीं करते, हम अपनी लकीर लंबी करने में जीवन खपा देते हैं। कुछ लोग इतना ऊपर पहुंच गए हैं कि अपनी जड़ों से कट गए हैं। आपको ऊंचार्इ् मुबारक, हम देश की जड़ों से जुड़ना चाहते हैं। 

हम न अपने लक्ष्य से न हटे न पीछे मुड़े
चीजों को बदलने में काफी मेहनत लगती है, 70 साल की बीमारियों को 5 साल में दूर करना कठिन होता है, लेकिन हमने वो दिशा पकड़ी और कठिनाईयों के बावजूद उस दिशा को छोड़ा नहीं। उन्होंने कहा कि हम न अपने लक्ष्य से न हटे न पीछे मुड़े। हमने शौचालय को सिर्फ चार दीवार नहीं समझा, हमने हर व्यवस्था के पीछे के मकसद को समझा, जनता ने चूल्हा मांगा था न बिजली, पहले प्रश्न उठना था कि क्यों नहीं कर रहे अब सवाल उठता है क्यों कर रहे हैं। गरीबों का कल्याण हो, लेकिन साथ में आधुनिक भारत भी आगे बढ़े। देश को आधुनिक बनाने की योजनाएं भी साथ में लागू होनी चाहिए।

इमरजेंसी के बहाने पीएम का कांग्रेस पर हमला
पीएम मोदी ने कहा कि  25 जून, 1975 को देश की आत्‍मा को कुचल दिया गया था। 25 जून के दाग कभी नहीं मिटेंगे। देश की मीडिया को दबोच दिया गया था। पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया था। 

हम किसी के भी योगदान को नहीं नकारते
पीएम मोदी ने कहा गुजरात के गोल्डन जुबली ईयर में राज्यपाल महोदय के भाषणों का संकलन का काम किया था, वह सरकारें हमारे दल की नहीं थीं, हमने फिर भी ऐसा काम किया। राज्यपाल के भाषणों का संकलन आज भी उपलब्ध हैं, पहले के कामों को हम गिनते नहीं यह कहना पूरी तरह गलत है। देश को लगता था कि उनके (कांग्रेस) के कार्यकाल में नरसिम्हा राव को फिर मनमोहन सिंह को भारत रत्न मिलता, लेकिन परिवार से बाहर के लोगों को उनके कार्यकाल में कुछ नहीं मिल सकता। प्रणब मुखर्जी किस पार्टी के हैं, लेकिन हमने उन्हें भारत रत्न दिया। हम किसी के भी योगदान को नहीं नकारते, सवा सौ करोड़ देशवासियों में सभी आते हैं और उन्हीं की वजह से देश आगे बढ़ा है।

मैंने हमेशा पिछली सरकारों को श्रेय दिया
पीएम मोदी ने कहा कि 2004 के बाद नई सरकार ने वाजपेयी सरकार के एक भी काम का जिक्र तक नहीं किया। अभी के भाषण मनमोहन सिंह सरकार का जिक्र तक नहीं किया। मैं पहला पीएम हूं, जिसने लालकिले से कहा कि आजादी से लेकर अब केंद्र और राज्य की जितनी सरकारें थी देश को आगे ले जाने में सबका योगदान है। मैंने हमेशा पिछली सरकारों को श्रेय दिया है। 

हमें आराम का रास्ता पसंद नहीं, हम देश के लिए जीने आए हैं
पीएम ने कहा कि आजादी के पहले मरने का मिजाज था और आजादी के बाद देश के लिए जीने का संकल्प है।जब इरादा कर लिया ऊंची उड़ान का, तब फिजूल ही देखना कद आसमान का। हमें राष्ट्रपति की अपेक्षा को पूरा करने के लिए आगे आना चाहिए। छोटा सोचना मुझे पसंद नहीं है, सवा सौ करोड़ देशवासियों के सपने अगर पूरे करने हैं तो मुझे छोटा सोचने का अधिकार भी नहीं है। हमें आराम का रास्ता पसंद नहीं, हम देश के लिए जीने आए हैं। 

तीन हफ्ते में सरकार ने कई अहम फैसले लिए
उन्होंने कहा कि 3 सप्ताह में सरकार ने कई अहम फैसले लिए ताकि देश को आगे लाया जा सके। किसान सम्मान निधि का दायरा बढ़ाया, सेना के जवानों के बच्चों और पुलिस के बच्चों के लिए भी अहम फैसले लिए। मानव अधिकारों से जुड़े अहम बिल संसद में लेकर आए हैं। सबको साथ लेकर चलने के लिए जितने काम हो सकते हैं हम तुरंत आते ही वो काम किए हैं।

सरदार पटेल और बाबासाहेब अम्बेडकर को किया याद
पीएम मोदी ने कहा कि सरदार सरोवर बांध सरदार पटेल के दिमाग की उपज थी, लेकिन इस बांध पर काम में लगातार देरी हो रही थी। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में, मुझे इस परियोजना के लिए उपवास पर बैठना पड़ा। एनडीए के सत्ता में आने के बाद, काम की गति बढ़ गई और इससे कई लोगों को फायदा हो रहा है। आज जब हम जल संसाधनों की बात करते हैं, तो मुझे डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की याद आती है। उन्होंने जलमार्ग और सिंचाई को लेकर जुनून से काम किया।

जल संचय पर हमें बल देना पड़ेगा
पानी की तकलीफ राजस्थान और गुजरात के लोग जानते हैं और इसी वजह से हमने जल शक्ति मंत्रालय बनाया है। जल संचय पर हमें बल देना पड़ेगा नहीं तो जल संकट बढ़ता चला जाएगा।पानी का संकट से गरीब और महिलाओं को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है।

कृषि हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़
धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम ने कहा कि कृषि हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। हमें पुरानी परंपरा से बाहर आने पड़ेगा। किसानों की भलाई के लिए सबको मिलकर काम करना होगा। किसानों ने दलहन के जरिए अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का काम किया। अब तिलहन की बारी है।

मेक इन इंडिया का खूब मजाक उड़ाया गया
पीएम मोदी ने कहा कि आलोचना के लिए आंकड़ों को हर तरह से इस्तेमाल हो सकता है, इसी सदन में जब हम अर्थव्यवस्था में 11 या 13वें स्थान पर पहुंचे थे जब मेज थपथपाई जा रही थी, लेकिन जब 6 पर पहुंचे तो ऐसा लगा जाने क्या हो गया। कब तक इतने ऊंचे रहेंगे कि नीचे दिखाई न दे। हम सब मिलकर देश को ऊंचाई पर ले जाएंगे, इसमें किसका फायदा है। मेक इन इंडिया का खूब मजाक उड़ाया गया, लेकिन क्या कोई इसकी जरूरत को नाकार सकता है।

पर्यटन पर और बल देने की जरूरत
पीएम मोदी ने कहा कि जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के बाद अब जय अनुसंधान की जरूरत है। हमने अपने देश के भीतर ही ऐसा हीन भाव पैदा कर दिया, हमें पर्यटन पर और बल देने की जरूरत है। देश को आधुनिक आधारभूत ढांचे की ओर लेकर जाना है, दुनिया से जो भी व्यवस्थाएं मिल सकती हैं उनका उपयोग करना है, सामान्य जन की जीवन को सुगम बनाना है। 

अधीर रंजन चौधरी को जवाब
प्रधानमंत्री ने कहा कि गांव और शहर के लिए समान अवसर पैदा करने हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी, हमें इसलिए कोसा जा रहा कि फलाने को जेल में क्यों नहीं डाला, हम कानून से चलने वाले लोग हैं और किसी को जमानत मिली है तो वह इसका आनंद ले, लेकिन करप्शन के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी, हमें गलत रास्ते पर जाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह बयान लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान के जवाब में दिया। गौरतलब है कि अधीर ने कहा था कि सरकार सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जेल में क्यों नहीं डाल देती। 

तीन तलाक पर बोले पीएम मोदी
शाहबानो के मामले में कांग्रेस ने चूक की। उस समय के कांग्रेस के मंत्री ने कहा था कि मुसलमानों के उत्‍थान की जिम्‍मेदारी कांग्रेस की नहीं है। शाहबानों के केस में ऊंचाई वाले लोगों ने नीचे नहीं देखा। तीन तलाक के मामले में कांग्रेस को गलती सुधारने का मौका है।

भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ार्इ जारी रहेगी
सभी लोग अधिकारों की बात करते हैं। कर्तव्‍य की कोई बात नहीं करता है। कर्तव्‍य निभाते हुए नफा नुकसान नहीं देखा जाता। भ्रष्‍टाचार के खिलाफ हमारी लड़ार्इ जारी रहेगी। हम बदले के भावना से काम नहीं करते हैं। कर्तव्य न करें तो अधिकार और सुविधाए ज्यादा दिन नहीं चलेगी। 1951 में ये बात पंडित नेहरू ने कही थी। गांधीजी ने किताबें छोड़ कर आंदोलन करने, शास्त्री जी ने सप्ताह में एक दिन भोजन छोड़ने और मैने गैस सब्सिडी छोड़ने की बात की। जिसे लोगों ने मान लिया। 

प्रस्ताव को सदन की मंजूरी
प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन खत्म होने के बाद सभी सांसदों से प्रस्ताव को पारित करने की अपील की। प्रस्ताव पर लाए गए सभी संशोधन ध्वनिमत से खारिज हो गए। स्पीकर ने सभी संशोधनों को अस्वीकार कर दिया। स्पीकर ने प्रस्ताव को सदन की मंजूरी के लिए रखा। सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूर कर लिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। 

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