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लोकसभा में मुलायम सिंह यादव ने पूछा, सदन में कब लौटेंगे फारूक अब्दुल्ला

समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव ने मंगलवार को सरकार से यह जानना चाहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा सांसद फारूक अब्दुल्ला पुलिस हिरासत से कब मुक्त किए जाएंगे।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 09:14 AM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 09:14 AM (IST)
लोकसभा में मुलायम सिंह यादव ने पूछा, सदन में कब लौटेंगे फारूक अब्दुल्ला
लोकसभा में मुलायम सिंह यादव ने पूछा, सदन में कब लौटेंगे फारूक अब्दुल्ला

नई दिल्ली, प्रेट्र। समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव ने मंगलवार को सरकार से यह जानना चाहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा सांसद फारूक अब्दुल्ला पुलिस हिरासत से कब मुक्त किए जाएंगे। यादव ने प्रश्नकाल के दौरान अब्दुल्ला के जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा हिरासत में रखे जाने का मुद्दा उठाया।

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मुलायम ने इस दौरान पूछा, 'हमारे साथी अब्दुल्ला मेरे साथ बैठते थे। वे सदन में कब लौटेंगे?' हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस सवाल पर सरकार को जवाब देने के लिए नहीं कहा और दूसरे मुद्दे की तरफ बढ़ गए।

अब्दुल्ला श्रीनगर से सांसद हैं

अब्दुल्ला श्रीनगर से सांसद हैं। वह उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें पांच अगस्त 2019 के बाद हिरासत में लिया गया था। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य के पुनर्गठन के बाद सरकार ने यह फैसला लिया था। सितंबर में 82 वर्षीय नेता के खिलाफ नागरिक सुरक्षा कानून (पीएसए) लगा दिया गया। इसके बाद से वह नजरबंद हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी पांच सितंबर 2019 के बाद से हिरासत में हैं। उन पर भी पीएसए लगाया गया है।

उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी हिरासत में

पूर्व मुख्यमंत्री और अब्दुल्ला के बेटे, उमर अब्दुल्ला और एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी 5 अगस्त, 2019 से नजरबंद रखा गया है। उमर और महबूबा दोनों को पिछले सप्ताह पीएसए लगा दिया गया था।

सारा पायलट  ने याचिका दायर की

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत हिरासत में रखने के खिलाफ उनकी बहन  सारा पायलट  ने याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट आज इसपर सुनवाई करेगा। सारा की ओर से दायर याचिका पर जस्टिस एनवी रमना की पीठ सुनवाई करेगी। याचिका में कहा गया है कि उमर को हिरासत में रखना 'जाहिर तौर पर गैरकानूनी' है। उनसे 'सार्वजनिक व्यवस्था को किसी खतरे' का कोई सवाल नहीं है। याचिका में उमर को पीएसए के तहत हिरासत में रखने के पांच फरवरी के आदेश को रद करने और उन्हें अदालत के समक्ष पेश कराने का अनुरोध किया गया है।


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