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संसद सत्र: राज्‍यसभा की कार्यवाही स्‍थगित, लोकसभा में पास हुआ वित्‍त विधेयक

विपक्ष के लगातार हंगामे के चलते संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित हो रही है। सरकार ने पार्टियों से संसद की कार्यवाही चलने देने की अपील की है।

By Pratibha KumariEdited By: Published: Wed, 14 Mar 2018 09:04 AM (IST)Updated: Wed, 14 Mar 2018 02:28 PM (IST)
संसद सत्र: राज्‍यसभा की कार्यवाही स्‍थगित, लोकसभा में पास हुआ वित्‍त विधेयक
संसद सत्र: राज्‍यसभा की कार्यवाही स्‍थगित, लोकसभा में पास हुआ वित्‍त विधेयक

नई दिल्‍ली, जेएनएन। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण अब तक हंगामेदार रहा है और आज भी यही सिलसिला जारी है। इसके मद्देनजर राज्‍यसभा की कार्यवाही को दो बजे तक के लिए स्‍थगित कर दिया गया है। इससे पहले तेलुगू देशम पार्टी ने लोकसभा और राज्‍यसभा दोनों सदनों में स्‍थगन प्रस्‍ताव दिया था। पार्टी आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्‍य के दर्जे की मांग को लेकर लगातार संसद भवन में प्रदर्शन कर रही है। हालांकि इस बीच लोकसभा में वित्‍त विधेयक पास हो गया है।

एक दिन पहले भी संसद शोर-शराबे में डूबा रहा, जिससे दोनों सदनों का कामकाज बाधित हुआ। नारेबाजी और हंगामा जारी रहने की वजह से कार्यवाही स्थगित कर दी गई। सरकार से बाहर होने के बावजूद राजग में बरकरार तेलुगू देशम पार्टी के सदस्यों ने गठबंधन धर्म निभाने वाली तख्तियां दिखाकर विरोध जताया।

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लोकसभा के पटल पर मंगलवार को सुबह जरूरी दस्तावेजों को पेश करने की प्रक्रिया पूरी होते ही सरकारी विरोधी नारेबाजी करते हुए विभिन्न दलों के सदस्य वेल में आ गये। टीडीपी जहां आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग कर रही थीं। वहीं तृणमूल कांग्रेस पंजाब नेशनल बैंक के घोटाले पर सरकार को आड़े हाथों ले रही थी। जबकि एआईडीएमके के सदस्य काबेरी जल विवाद पर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप चाह रहे थे। वे काबेरी मैनेजमेंट बोर्ड के गठन की मांग पर सरकार से आश्वासन मांग रहे थे। अलग-अलग मांगों के बावजूद सभी संयुक्त रूप से एक सुर में सरकार ने न्याय दिलाने का नारा भी बुलंद कर रहे थे।

इन्हीं मुद्दों पर राज्यसभा में विरोधी दल अपनी आवाज बुलंद कर रहे थे। सरकार को घेरते हुए बैंक घोटाले पर चर्चा कराने, आंध्र प्रदेश, काबेरी जल विवाद समेत विभिन्न मुद्दों पर सरकार विरोधी नारेबाजी होने लगी। सुबह सदन के बैठते ही कुछ औपचारिक कार्यक्रम खत्म होते ही नारेबाजी व हल्ला गुल्ला होने लगा।

सभापति एम. वेंकैया नायडू ने अपने आसन से खड़े होकर सदन को संबोधित किया। उन्होंने सदन की परंपरा और समय की जरूरत का ध्यान दिलाते हुए कार्यवाही चलाने की अपील की। बैंक घोटाले पर चर्चा के बारे में नायडू ने नियम 176 के तहत चर्चा कराने की अनुमति दी, जिसमें चर्चा के बाद मतदान का प्रावधान नहीं है। मगर विपक्षी नियम 168/169 के तहत चर्चा कराने पर अड़ा था, जिसमें मतदान का प्रावधान है। विरोधी दल के सदस्यों ने उनकी अपील को नजरअंदाज करते हुए हंगामा जारी रखा, जिसके मद्देनजर कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

भोजनावकाश के बाद सदन में लौटे सदस्यों के समक्ष उपसभापति पी.जे. कुरियन ने पेट्रोलियम उत्पादों के रणनीतिक भंडारण को लेकर लाए गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति दी, लेकिन फिर वही हाल। चौतरफा हल्लागुल्ला के बीच सदन की कार्यवाही ठप हो गई। लिहाजा सदन की कार्यवाही पूरे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।


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