Parliament Session: किराये की कोख पर पाबंदी लगाने वाले बिल को कैबिनेट की मंजूरी
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरोगेसी (नियमन) विधेयक 2019 के माध्यम से भारत में किराये की कोख की व्यवस्था के नियमन का प्रस्ताव किया गया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सरोगेसी (नियमन) विधेयक 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी जिसमें बच्चे पैदा करने में अक्षम दंपति को केवल करीबी रिश्तेदारों से कोख किराये पर लेने की अनुमति दी गई है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरोगेसी (नियमन) विधेयक 2019 के माध्यम से भारत में किराये की कोख की व्यवस्था के नियमन का प्रस्ताव किया गया है जिसके लिए केंद्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सरोगेसी बोर्ड और राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश के स्तर पर राज्य सरोगेसी बोर्ड के गठन का प्रस्ताव किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित विधेयक के माध्यम से सरोगेसी के नियमन की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी, साथ ही व्यवसायिक सरोगेसी को निषेध बनाकर नैतिक किराये की कोख की व्यवस्था की अनुमति दी जा सकेगी । इसके माध्यम से सरोगेसी में अनैतिक व्यवहारों का नियंत्रण, किराये की कोख के व्यवसायीकरण पर रोक और सरोगेसी से मां बनने वाली महिलाओं और सरोगेसी से पैदा होने वाले बच्चों का संभावित शोषण रूकेगा।
प्रजनन क्षमता से वंचित दंपत्ति की आवश्यकता को पूरा करने के लिए निश्चित शतरें को पूरा करने पर और विशेष उद्देश्यों के लिए नैतिक सरोगेसी की अनुमति दी जाएगी। इससे नैतिक सरोगेसी सुविधा के इच्छुक और प्रजनन क्षमता से वंचित विवाहित दंपत्तियों को लाभ होगा।
गौरतलब है कि सरोगेसी विधेयक दिसंबर 2018 में लोकसभा में पारित हुआ था लेकिन 16वीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के कारण यह समाप्त हो गया।
भारत-मालदीव नौका सेवा को मंजूरी : कैबिनेट ने भारत और मालदीव के बीच यात्री और मालवाहक नौका सेवा स्थापित करने के लिए हुए समझौते को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। इस सेवा के शुरू होने से दोनों देशों के बीच आवाजाही की सुविधा बढ़ेगी साथ ही लोगों की बीच संपर्क भी स्थापित करने में मदद मिलेगी।
कैबिनेट ने भारत और मोरक्को के बीच न्यायपालिकाओं में सहयोग के लिए समझौता करने को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। इससे दोनों देशों के बीच न्यायपालिका के साथ ही अन्य विधिक क्षेत्रों में संबंध मजबूत होंगे।