Arms Amendment Bill 2019 लोकसभा में पास, अवैध हथियार बनाने व रखने पर हो सकती है ताउम्र कैद
लोकसभा में शस्त्र कानून में संशोधन का विधेयक पास हो गया है। सदन में चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की बदलती जरूरतों के हिसाब से संशोधन जरूरी था।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा में शस्त्र कानून में संशोधन का विधेयक पास हो गया है। शस्त्र (संशोधन) विधेयक, 2019 में लाइसेंसी हथियार रखने की संख्या सीमित करने के साथ ही अवैध तरीके से शस्त्र, गोला-बारूद और विस्फोटक रखने, बनाने और बेचने वालों के लिए ताउम्र कैद की सजा का प्रावधान है।
सदन में लगभग तीन घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि विभिन्न सांसदों से मिले सुझावों के बाद विधेयक में एक व्यक्ति के लिए तीन हथियार की जगह दो हथियार रखने का लाइसेंस देने का प्रावधान किया गया है। संशोधनों के जरिए प्रतिबंधित शस्त्र और प्रतिबंधित गोला बारूद रखने, बनाने, बेचने और मरम्मत करने की अवस्था में ताउम्र कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। पहले इसमें उम्रकैद की सजा तो होती थी, लेकिन उसमें अमूमन 14 साल कैद की सजा का ही प्रावधान था। नए कानून में न्यूनतम सजा को बढ़ाकर 14 साल कैद कर दिया गया है।
पुलिस-सेना के जवानों से हथियार छिनने पर उम्रकैद
संशोधित कानून में सेना के जवानों या पुलिस बल से हथियार छिनने पर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है। संगठित अपराध और सिंडिकेट को हथियार सप्लाई करने वालों के लिए भी आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।
लापरवाही से हर्ष फायरिंग पर दो साल कैद का प्रावधान
हर्ष फायरिंग में होने वाली मौतों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि इसमें कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। लापरवाही से हर्ष फायरिंग कर दूसरे के लिए खतरा पैदा करने पर दो साल कैद या एक लाख रुपये जुर्माना या दोनों ही सजा का प्रावधान किया गया है।
अब लाइसेंसधारी को हर तीन साल में लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करना होगा
नए संशोधनों के अनुसार अब लाइसेंसधारी को हर तीन साल में लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करना होगा। इसकी सीमा बढ़ाकर पांच साल करने का प्रावधान है। शाह के अनुसार सरकार ने व्यापक विचार-विमर्श के बाद ही शस्त्र कानून में संशोधन का मसौदा तैयार किया है। इसके तहत एक महीना पहले इसमें संशोधन के लिए गृह मंत्रालय की साइट पर बहुत सारे सुझाव आए थे। इसके साथ ही कई संगठनों व सांसदों से भी सलाह मश्विरा किया। उन्होंने कहा कि सभी सलाह को विधेयक में समाहित किया गया है।
खिलाड़ियों-पूर्व सैनिकों पर नहीं पड़ेगा असर
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस विधेयक का खिलाड़ियों, पूर्व व मौजूदा सैनिकों को मिलने वाले हथियार के लाइसेंस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों की जरूरत को देखते हुए इसमें उन्हें और विभिन्न तरह के हथियार के लाइसेंस देने की व्यवस्था की गई है। इसी तरह सैन्यबल के अवकाश प्राप्त अधिकारी की शस्त्र की पूर्व संख्या को भी उसी तरह से रखा गया है और उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।