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लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, स्पीकर ओम बिरला बोले- काम नहीं होने से दुखी

लोकसभा की कार्यवाही आज अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दिया गय़ा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा कोशिश करता हूं कि सदन में ज्यादा से ज्यादा काम हो और जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 01:00 PM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 04:42 PM (IST)
लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, स्पीकर ओम बिरला बोले- काम नहीं होने से दुखी
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बोले- काम नहीं होने से दुखी।(फोटो: एएनआइ)

नई दिल्ली, एएनआइ।Parliament Monsoon Session, लोकसभा ( Lok Sabha) की कार्यवाही आज अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा की कार्यवाही मानसून सत्र के तहत 13 अगस्त तक चलने वाली थी लेकिन विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपना दुख जताया। उन्होंने कहा कि मैं लोकसभा में काम नहीं होने से दुखी हूं। ओम बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा का 6वां सत्र आज सम्पन्न हुआ, इस सत्र में अपेक्षाओं के अनुरुप सदन का कामकाज नहीं हुआ। इसे लेकर मेरे मन में दुख है। मेरी कोशिश रहती है कि सदन में अधिकतम कामकाज हो, विधायी कार्य हो और जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो।

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उन्होंने कहा कि इस बार सदन की कार्यवाही में लगातार रुकावट आ रही थी। इसका समाधान नहीं हो सका। उन्होंने आगे कहा कि जहां तक ​​सदन में काम का संबंध है पिछले दो वर्ष अधिक उत्पादक रहे। कार्यवाही देर रात तक जारी थी और सांसदों ने कोविड के दौरान भी सक्रिय योगदान दिया था।

पिछले 2 साल संसद के कामकाज की दृष्टि से अधिक उत्पादकता वाले रहे। इसबार कुल उत्पादकता 22% रही। 20 विधेयक पारित हुए। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस बार सदन केवल 74 घंटे 46 मिनट तक चला। कुल उत्पादकता 22 प्रतिशत थी। इस दौरान लोकसभा में ओबीसी विधेयक सहित कुल 20 विधेयकों को पारित किया गया, जिसे सभी दलों की सर्वसम्मति से पारित किया गया था। मैं पीएम और सदन में योगदान देने वाले सभी दलों के नेताओं को धन्यवाद देता हूं।

ओम बिरला ने आगे कहा कि मैं हमेशा सांसदों से सदन की गरिमा बनाए रखने की अपेक्षा करता हूं। सदन में वाद-विवाद, समझौते और असहमति होती रही, लेकिन इसकी गरिमा कभी कम नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मैं सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि सदन को संसदीय परंपराओं के अनुसार चलाया जाए और इसकी गरिमा को बनाए रखा जाए। नारेबाजी और बैनर उठाना हमारी संसदीय परंपरा का हिस्सा नहीं है। उन्हें (सांसदों को) अपनी सीटों से खुद को व्यक्त करना चाहिए।

नए संसद भवन के सवाल पर ओम बिरला ने कहा कि हम यह प्रयास करेंगे कि नया संसद भवन 15 अगस्त (2022 में) से पहले बन जाए और जब देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे करेगा तो हम इसे नए संसद भवन में इसे  मनाएंगे।


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