मानसून सत्र: लोकसभा में पास हुआ भ्रष्टाचार रोधी विधेयक, सख्त सजा का प्रावधान
केंद्र सरकार ने आंध्र को दिए पैकेज के बारे में गलत जानकारियां दी। फरवरी 2014 में प्रधानमंत्री की ओर से हमें विशेष राज्य का दर्जा देने की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
नई दिल्ली, जेएनएन। संसद के मानसून सत्र के पांचवें दिन लोकसभा में भ्रष्टाचार रोधी विधेयक 2018 (संशोधित) पास हो गया है। इस बिल में रिश्वतखोरी को लेकर कई कड़े प्रावधान किए गए हैं।
इससे पहले, मंगलवार को आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पर टीडीपी ने लगातार राज्यसभा में किया। आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर राज्यसभा में अल्पकालिक चर्चा के दौरान टीडीपी सांसद वाई एस चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने आंध्र को दिए पैकेज के बारे में गलत जानकारियां दीं और पीएम मोदी ने अपना वादा पूरा नहीं किया।
आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर राज्यसभा में अल्पकालिक चर्चा
राज्यसभा में आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा के दौरान टीडीपी सांसद वाई एस चौधरी ने राज्यसभा में कहा कि आंध्र प्रदेश के लोगों का आने वाला कल अंधकार में है। उन्होंने कहा कि राज्य के दो भाग राजनीतिक कारणों से हुए। लेकिन केंद्र द्वारा राज्य से किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया। केंद्र सरकार ने आंध्र को दिए पैकेज के बारे में गलत जानकारियां दी। फरवरी 2014 में प्रधानमंत्री की ओर से हमें विशेष राज्य का दर्जा देने की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पीएम मोदी ने अपनी तीन रैलियों में राज्य को दर्जा देने की बात कही थी। पीएम का अपने वादों से मुकरना आंध्र के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश की जनता के लिए चिंता का विषय है।
स्विस बैंकों में जमा भारतीयों की राशि घटी
राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद स्विस बैंकों में जमा हुई राशि में 2104 से 2017 के बीच 80 फीसद तक की कमी आई है। वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 में मोदी सरकार के गठन के बाद कालेधन पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने स्विस बैंकों से चर्चा की तो हमें जवाब मिला कि जो आंकड़े भारतीय मीडिया में आए हैं वह सही नहीं है। पीयूष गोयल ने कहा कि मीडिया में आए आंकड़े तथ्यपरक नहीं हैं।
84 के दंगे सबसे बड़ी लिंचिंग
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजस्थान के अलवर में हुई मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस भी आरोपियों के साथ शामिल थी। उन्होंने कहा कि सचिव स्तर की जांच से कुछ होने वाला नहीं है, बल्कि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के जज को मामले की जांच सौंपी जानी चाहिए। वहीं टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह एक चेतावनी है और हमारे लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले पर कठोर कदम उठाने चाहिए। सुदीप ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से अपील करते हुए कहा कि इसके खिलाफ सभी दलों को मिलकर एक सुर में आवाज उठानी चाहिए। राजनाथ ने कहा कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर सरकार चिंतित है। केंद्र द्वारा इन घटनाओं को लेकर राज्य सरकारों को निर्देश भी दिए जाते रहे हैं। साथ ही उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि भीड़ की हिंसा वाली घटनाएं नई नहीं हैं। 84 के दंगे सबसे बड़ी मॉब लिंचिंग थी।
तो हमारे मंगलयान का कोई मतलब नहीं
आरजेडी नेता मनोज झा ने आज राज्यसभा में बिहार के मुजफ्फरपुर में एक शेल्टर होम में कई लड़कियों के साथ हुए दुष्कर्म के लिए जीरो आवर नोटिस दिया था। उन्होंने सदन में इस मामले को उठाते हुए कहा कि एक सिस्टम के तहत अगर दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं, तो हम कैसा भारत बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर बच्चियां महफूज नहीं हैं तो हमारे मंगलयान का कोई मतलब नहीं है। लोकसभा में राजनाथ सिंह ने कहा कि मुजफ्फरपुर की घटना बहुत गंभीर है। अगर राज्य सरकार की ओर से सिफारिश की जाती है तो इस मामले की जांच जरूर सीबीआइ को सौंपी जाएगी।
कांग्रेस ने पूछा- कब लागू होंगी स्वामीनाथन की सिफारिशें?
लोकसभा में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने किसानों को मिलने वाली एमएसपी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि एमएसपी के फैसले से सबसे ज्यादा तकलीफ खुद स्वामीनाथन जी को है, क्योंकि उनकी ओर से की गर्इ सिफारिशों को लागू नहीं किया गया। उन्होंने सरकार से पूछा कि आप स्वामीनाथन रिपोर्ट को कब लागू करेंगे? इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि 2007 में यूपीए की सरकार ने ही इस नीति को मानने से इनकार कर दिया था। लोकसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि किसान आयोग की ओर से जो भी सिफारिशें की गई थी वह हमारी सरकार की ओर से लागू की गईं है और MSP का सुझाव भी उसी का हिस्सा है।
आम आदमी पार्टी ने उठाया गंगा सफाई का मुद्दा
आज आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में गंगा सफाई का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार तमाम वादे करती रहती है, लेकिन गंगा की मान्यता और पवित्रता पर खतरा है। संजय सिंह ने कहा कि बांध बनाने से और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाने से गंगा की अविरलता खत्म होती जा रही है।
राज्यसभा में उठा मॉब लिंचिंग का मामला
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले आज टीएमसी सांसदों ने गांधी प्रतिमा के पास देशभर में हो रही लिंचिंग की घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन किया। इसके बाद टीएमसी सांसद शांता क्षत्री ने राज्यसभा में अलवर लिंचिंग का मुद्दा उठाया। सांसद ने पूछा कि सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है? इस मुद्दे पर कई सांसदों ने टीएमसी सांसद की बात का समर्थन किया। सभापति ने कहा कि सदन की मांग है कि लिंचिंग को रोकने के लिए कानून लाया जाए।