दिवालिया संशोधन बिल को संसद की मंजूरी, जानिए- क्या होगा बदलाव
खरीदार कंपनी को नहीं मिलेगी दिवालिया कंपनी के पूर्व प्रबंबधन के कर्मों की सजा। खनिज (संशोधन) बिल भी पास पक्ष में 83 विरोध में 12 मत पड़े।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दिवालिया कंपनियों को खरीदने वाले निवेशकों को आपराधिक मुकदमों से सुरक्षा प्रदान करने वाला दिवालिया संशोधन विधेयक (इंसॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी अमेंडमेट बिल, 2020) बृहस्पतिवार को राज्यसभा ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। इस बिल ने अध्यादेश का स्थान लिया है।
राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विधेयक में संशोधन वक्त की जरूरत है। ये संशोधन सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखकर किए गए हैं।
सबसे पहले यह बिल 2016 में लाया गया था। तबसे अब तक इसमें तीन बार संशोधन हो चुके हैं। बहस के दौरान ज्यादातर विपक्षी सदस्यों ने वित्तमंत्री से बार-बार परिवर्तन का कारण जानना चाहा था। साथ ही पूछा था कि रियलिटी कंपनियों तथा उनसे घर खरीदने वालों के लिए सरकार क्या कर रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार घर खरीदने वालों के हितों का ख्याल कर रही है। तथा रियल्टी फर्मो को फालतू मुकदमेबाजी से बचाने के लिए आइबीसी में खरीदारों की न्यूनतम संख्या की शर्त को शामिल किया गया है। बिल में खामियों को दूर कर कंपनियों को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया को सुसंगत बनाया गया है। इसमें दिवालिया फर्म को खरीदने वाली नई कंपनी को दिवालिया फर्म के कृत्यों की सजा से बचाने के उपाय किए गए हैं।
खनिज कानून संशोधन बिल भी पास
राज्यसभा ने लोकसभा से पहले ही पारित हो चुके खनिज कानून (संशोधन) विधेयक 2020 को भी बहुमत से पारित कर दिया। इससे अब देश-विदेश की तमाम कंपनियों को भारत में कोयले के खनन के साथ अंतिम उपयोग की शर्त के बिना कोयले की नीलामी में भाग लेने का अधिकार मिल गया है। विधेयक के पक्ष में 83, जबकि विरोध में 12 सदस्यों ने मतदान किया।
विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि संशोधित कानून से कोयला क्षेत्र पूरी तरह बदल जाएगा। इससे कोयला व खनन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) बढ़ने के साथ अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
साथ ही सालाना 2.7 लाख करोड़ रुपये के कोयला आयात में कमी आएगी। घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ने से बिजली उत्पादन भी बढ़ जाएगा। उन्होंने सांसदों को आश्वस्त किया कि सरकार कोल इंडिया को और मजबूत करेगी। सरकार ने कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) को 2023-24 तक एक अरब टन कोयले के उत्पादन का लक्ष्य दिया है।