पनीरसेल्वम गुट की सदस्यता रद करने की याचिका खारिज
मुक विधायक दल के सचेतक सक्करपाणि की ओर से दायर याचिका को हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी और जस्टिस अब्दुल कुद्दूस की पीठ ने विचार के बाद खारिज किया।
चेन्नई, प्रेट्र : तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम और दस अन्य अन्ना द्रमुक विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने की मांग की याचिका मद्रास हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। यह याचिका विपक्षी दल द्रमुक की ओर से दायर की गई थी। द्रमुक की मांग थी कि पलनीस्वामी सरकार के खिलाफ वोट देने के कारण पनीरसेल्वम और दस अन्य विधायकों की विधानसभा सदस्यता खत्म की जाए।
द्रमुक विधायक दल के सचेतक सक्करपाणि की ओर से दायर याचिका को हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी और जस्टिस अब्दुल कुद्दूस की पीठ ने विचार के बाद खारिज किया। याचिका में कहा गया है कि सरकार के खिलाफ वोट देकर पनीरसेल्वम और दस विधायक दलबदल विरोधी कानून के दायरे में आ गए हैं। इन्होंने पार्टी ह्विप का उल्लंघन करके सरकार के खिलाफ वोट दिया। इसलिए विधानसभा से इनकी सदस्यता रद की जानी चाहिए।
18 फरवरी, 2017 को मुख्यमंत्री के पलनीस्वामी के विश्वास मत के दौरान विधानसभा में पनीरसेल्वम और दस अन्य विधायकों ने उनके खिलाफ वोट डाला था। हालांकि पलनीस्वामी ने यह विश्वास मत बड़े अंतर से जीत लिया था। पनीरसेल्वम ने इस याचिका का यह कहकर विरोध किया कि पार्टी की ओर से ह्विप उन 122 विधायकों के लिए जारी किया गया जो रिजॉर्ट में ठहरे थे। बाकी के किसी अन्य समूह के लिए ह्विप जारी नहीं हुआ था।