ट्विटर से पार्टी का नाम हटाने पर शुरू हुई सियासत पर पंकजा मुंडे का बयान, 'दलबदल मेरे खून में नहीं'
पंकजा की सोशल मीडिया पोस्ट के कारण पिछले दो दिनों से महाराष्ट्र की राजनीति में अटकलों का बाजार गर्म था
मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री व भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने अपने ट्विटर हैंडल से पार्टी का नाम हटा दिया था। फिर माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर उनके हैंडल पर सिर्फ RT's r not endorsements लिखा हुआ था। इसके बाद उनके पार्टी को छोड़ने की अटकले तेज हो गई, जिसपर उनका बयान सामने आया। उन्होंने मंगलवार को साफ कर दिया कि वह पार्टी नहीं छोड़ रही हैं। उन्होंने यहां मीडिया से कहा, 'दलबदल मेरे खून में नहीं है।' पंकजा की सोशल मीडिया पोस्ट के कारण पिछले दो दिनों से महाराष्ट्र की राजनीति में अटकलों का बाजार गर्म था। रविवार को उन्होंने फेसबुक पोस्ट में अपने समर्थकों से 12 दिसंबर को गोपीनाथगढ़ पहुंचने का आह्वान करते हुए लिखा था कि वह पिता गोपीनाथ मुंडे के जन्मदिन पर अपनी 'भावी यात्रा' का एलान करेंगी।
एक भावनात्मक फेसबुक पोस्ट में पंकजा ने कहा था कि हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अपनी हार के बाद, उन्होंने अपने समर्थकों से मिलने के लिए कई कॉल और संदेश प्राप्त किए थे, लेकिन राज्य की स्थिति के कारण ऐसा नहीं कर सकीं। उन्होंने कहा कि बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में, भविष्य की कार्रवाई का फैसला किया जाना चाहिए।
मराठी में मुंडे का फेसबुक पोस्ट, 'आप मुझसे समय के लिए पूछ रहे हैं ... मैं आपको समय देने जा रही हूं। ये 8-10 दिन मुझे खुद से थोड़ा संवाद करने के लिए समय चाहिए। आगे क्या करना है? किस रास्ते से जाना है? हम अपने लोगों को क्या दे सकते हैं? आपकी शक्ति क्या है? लोग क्या उम्मीद करते हैं? मैं इन सभी चीजों के साथ उपस्थिति रहूंगी।' बता दें कि पंकजा मुंडे अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनावों में लगभग 30,000 वोटों के अंतर से एनसीपी के धनंजय पंडितराव मुंडे से अपने गढ़ परली सीट से हार गईं।
संजय राउत बोले- कई भाजपा नेता हमारे संपर्क में
संजय राउत से जब पूछा गया कि क्या पूर्व भाजपा मंत्री पंकजा मुंडे शिवसेना में शामिल होने के लिए तैयार हैं। इसके जवाब में उन्होंने सिर्फ इतना कहा था, 'हमारे संपर्क में अन्य कई नेता हैं।'