Move to Jagran APP

गिलगित-बाल्टिस्तान से अधिकार छीनने वाला पाक कश्मीर पर कर रहा दिखावा, जानें 1947 की विलय संधि

पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल 21 मई को गिलगित बाल्टिस्तान आदेश 2018 जारी किया था। पाक सरकार के इस आदेश पर स्थानीय लोगों का कहना था कि उनकी राय लिए बिना ही एकतरफा फैसला किया गया।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 08 Aug 2019 08:16 PM (IST)Updated: Thu, 08 Aug 2019 09:21 PM (IST)
गिलगित-बाल्टिस्तान से अधिकार छीनने वाला पाक कश्मीर पर कर रहा दिखावा, जानें 1947 की विलय संधि
गिलगित-बाल्टिस्तान से अधिकार छीनने वाला पाक कश्मीर पर कर रहा दिखावा, जानें 1947 की विलय संधि

नई दिल्ली, आइएएनएस। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने पर पाकिस्तान छाती पीट रहा है। लेकिन वह खुद अपने यहां गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों से उनके सारे अधिकार छीन चुका है। गिलगित-बाल्टिस्तान अविभाजित जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है, जिस पर पाकिस्तान 1947 से अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।

loksabha election banner

पाकिस्तान सरकार ने पिछले साल 21 मई को 'गिलगित बाल्टिस्तान आदेश 2018' जारी किया था। इस आदेश से 'गिलगित बाल्टिस्तान सशक्तीकरण एवं स्व-शासन आदेश 2009' को पलट दिया गया था। पाकिस्तान सरकार के इस फैसले का भारी विरोध हुआ था। स्थानीय लोगों का कहना था कि उनकी राय लिए बिना ही सरकार ने एकतरफा फैसला किया। भारत ने इस पर कड़ा विरोध जताया था।

चुंगी वसूलने तक का अधिकार नहीं 
'गिलगित-बाल्टिस्तान आदेश, 2018' के जरिए गिलगित बाल्टिस्तान परिषद के सारे सीज कर उन्हें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को सौंप दिए गए थे। यहां तक कि स्थानीय निकायों को चुंगी वसूलने तक का अधिकार नहीं रह गया था। यह भी प्रधानमंत्री के अधिकार में दे दिया गया था और इस आदेश को अदालत में चुनौती भी नहीं दी जा सकती थी।

इसे भी पढ़ें: भारत से व्यापार खत्म कर पाक को ₹3.6 लाख अरब का होगा नुकसान, कैसे करेगा भरपाई

मीडिया को गिलगित-बाल्टिस्तान में जाने का अधिकार नहीं
इस आदेश से न्याय व्यवस्था का जिम्मा भी प्रधानमंत्री के अधिकार क्षेत्र में आ गया है। जजों की नियुक्ति में भी प्रधानमंत्री की चलती है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान ने ऐसा उन लोगों का और शोषण करने के लिए किया था। इस इलाके में पाकिस्तान ने नाकेबंदी कर रखी है। मीडिया को भी इस क्षेत्र में जाने और स्वतंत्र रूप से रिपोर्टिग करने की अनुमति है।

1947 की विलय संधि
भारतीय विदेश मंत्रालय ने तब पाकिस्तान के उप उच्यायुक्त को तलब कर कड़ा विरोध जताया था। मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया था कि 1947 की विलय संधि के मुताबिक गिलगित-बाल्टिस्तान समेत समूचा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि क्षेत्र के किसी भी हिस्से में यथास्थिति या व्यवस्था से छेड़छाड़ का कानूनी रूप से कोई मतलब नहीं होगा। भारत ने पाकिस्तान से तुरंत समूचे क्षेत्र को खाली करने को भी कहा था।

इसे भी पढ़ें: इमरान की धमकी के बाद पंजाब सरकार ने उठाया बड़ा कदम, अलर्ट जारी, पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद

खनिज संपदा लूटने का आरोप
स्थानीय लोगों ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान सरकार विरोध में उठने वाली आवाज को दबा देती है। विरोधी नेताओं को जेल में बंद कर दिया जाता है। पाक सरकार पर क्षेत्र की खनिज संपदा की लूट का भी आरोप लगाया था। भारत भी इस क्षेत्र में मेगा भाशा-डायमर बांध के निर्माण का विरोध करता है।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.