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कुलभूषण जाधव को भारतीय राजनयिक से मिलाने पर पाकिस्तान ने फंसाया पेंच

पाक का कहना है कि जाधव एक भारतीय खुफिया एजेंट है। भारत का कहना है कि जाधव पूर्व नौ सेना अधिकारी है जो ईरान में था और वहां से उसका अपहरण कर पाकिस्तान ले जाया गया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 10:02 PM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 07:11 AM (IST)
कुलभूषण जाधव को भारतीय राजनयिक से मिलाने पर पाकिस्तान ने फंसाया पेंच
कुलभूषण जाधव को भारतीय राजनयिक से मिलाने पर पाकिस्तान ने फंसाया पेंच

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान ने भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच (काउंसलर एक्सेस) देने का फैसला तो कर लिया है, लेकिन इसमें पेंच लगाने से वह अभी बाज नहीं आया। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आइसीजे) के फैसले के दो हफ्ते बाद पाकिस्तान ने सशर्त प्रस्ताव भेजा है।

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आइसीजे के फैसले के मुताबिक पाकिस्तान को जाधव को भारतीय राजनयिकों से मिलने की इजाजत देनी है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने शुक्रवार यानी 2 अगस्त, 2019 को ही इस मुलाकात का प्रस्तावित समय भेजा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी प्रस्ताव मिलने की बात स्वीकार की है। इसकी समीक्षा की जा रही है और जल्द ही इसका जवाब दे दिया जाएगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को कहा, 'हम अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले के मुताबिक पाकिस्तान के प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं। हम राजनयिक चैनल पर इसका जवाब उचित समय पर देंगे।'

कुमार ने स्पष्ट तौर पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन माना जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार ने जिन शर्तो के साथ 49 वर्षीय जाधव को भारतीय राजनयिकों से मिलने का प्रस्ताव रखा है, उसको लेकर भारत की अपनी आपत्तियां हैं।

पाकिस्तान से आई खबरों के मुताबिक वहां की सरकार ने यह शर्त रखी है कि मुलाकात में भारत की तरफ से दो राजनयिक रहेंगे और मुलाकात के दौरान पाकिस्तान का एक राजनयिक भी मौजूद रहेगा। चूंकि आइसीजे के आदेश में किस तरह से मुलाकात करवाई जाएगी, इसको लेकर स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। इसलिए पाकिस्तान सरकार ऐसा प्रस्ताव कर सकती है। अब देखना है कि भारत इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है।

सनद रहे कि आइसीजे ने 17 जुलाई को अपने आदेश में यह कहा था कि पाकिस्तान सरकार फांसी की सजा पाये कुलभूषण जाधव को जेनेवा समझौते के तहत सारे अधिकार दे। इसके तहत उसे भारतीय राजनयिक की पहुंच देने का भी आदेश दिया गया था।

वैसे इस आदेश से पहले भारत सरकार ने पाकिस्तान से 16 दफे इस बात का आग्रह कर चुकी थी कि उसे जाधव से अपने राजनयिकों से मिलने की इजाजत दी जाए, लेकिन पाकिस्तान ने कभी उनका जवाब तक नहीं दिया। जाधव की मां और पत्नी को मिलने की इजाजत जरूर दी, लेकिन उनके साथ बेहद अमानवीय व्यवहार किया। कैमरे के आगे मुलाकात कराई और जाधव की पत्नी और मां की बिंदी, मंगलसूत्र और चप्पलें तक उतरवा लीं।

आइसीजे के आदेश को भी पाकिस्तान ने अपनी जीत के तौर पर दर्शाया था। जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा दे रखी है। पाकिस्तान का दावा है कि जाधव एक भारतीय खुफिया एजेंट है जो वहां आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

भारत का कहना है कि जाधव पूर्व नौसेना अधिकारी है जो अपने कारोबार के सिलसिले में ईरान में था और वहां से उसका अपहरण कर उसे पाकिस्तान ले जाया गया है।

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