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पाकिस्तान की हालत खराब, कुछ वर्षो में ही हो जाएगा विभाजन- इंद्रेश कुमार

आरएसएस के पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान की हालत बहुत खराब है। वह कुछ सालों में विभाजित हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए चलाए गए अभियान की तरह गुलाम कश्मीर के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जाएगा।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 08:21 AM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 08:21 AM (IST)
पाकिस्तान की हालत खराब, कुछ वर्षो में ही हो जाएगा विभाजन-  इंद्रेश कुमार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार। (फाइल फोटो)

इंदौर, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी और राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के अखिल भारतीय मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने कहा है कि पाकिस्तान की हालत खराब है। कुछ वर्षो में वह विभाजित हो जाएगा और टुकड़ों में बंट जाएगा। यहां एक कार्यक्रम में शिरकत कर रहे इंद्रेश कुमार ने कहा कि जिस तरह कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के लिए अभियान चलाया गया था, इसी तरह गुलाम कश्मीर को वापस शामिल करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

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इंद्रेश ने आगे कहा कि भारत से 1947 में पाकिस्तान गए लोगों को अब तक वहां की नागरिकता नहीं मिल पाई है। बीते साल जब भारत सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लाई थी, तब भारतीय मुस्लिम भ्रमित हो गए और विरोध करने लगे। उसी समय पाकिस्तान ने कह दिया था कि वह दूसरे देश से आने वाले लोगों को अपने देश में नहीं आने देगा। उन्होंने यह भी कहा कि देश की मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक कानून से राहत मिली है। सालों से उनके साथ अन्याय हो रहा था। 

हामिद अंसारी के धार्मिक कट्टरता बढ़ाने वाले बयान की निंदा की

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के धार्मिक कट्टरता बढ़ाने वाले बयान की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा देश एक है, जिसे कुछ लोग बांटने का प्रयास करते हैं। अंसारी को अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है। उन्हीं के समय लोगों को सबसे ज्यादा बांटा गया है।

कांग्रेस लव जिहाद के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार

इंद्रेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस और अन्य दलों की पूर्ववर्ती सरकारों ने जो धार्मिक तुष्टीकरण किया, वही लव जिहाद के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। ऐसे में जो कानून बन रहे हैं, वे स्वागत योग्य हैं। कुछ लोग चेहरा और धर्म बदल कर महिलाओं के साथ अत्याचार करते हैं। यह मौलिक अधिकारों का हनन है। जो सरकारें इस कानून का विरोध कर रही हैं, वे मौलिक अधिकारों का विरोध कर रही हैं।


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