जैश मदरसे के छात्र की जुबानी, बालाकोट में भारतीय एयरफोर्स की Air Strike की कहानी
छात्र के रिश्तेदार ने बताया कि सुबह जब बच्चों की नींद खुली तो उन्हें तुरंत मदरसा खाली करने को कहा गया। पाकिस्तानी सेना छात्रों को एक सुरक्षित जगह ले गई।
नई दिल्ली, जेएनएन। पाकिस्तान यह बात मानने को तैयार ही नहीं है कि भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी कैंप पर बम दागे थे। इस एयर स्ट्राइक में लगभग 250 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है। अब इन दावों पर मुहर लगती नजर आ रही है। खबर के मुताबिक, वायुसेना ने 26 फरवरी की सुबह होने से पहले बालाकोट में जैश के कैंप पर बम बरसाए थे। इसके कुछ घंटे बाद पाकिस्तानी सेना ने मदरसे को खाली कराया और बच्चों को 'सेफ हाउस' में शिफ्ट कर दिया था।
पाकिस्तान मीडिया भी लगातार ये कह रही है कि भारतीय विमानों ने जहां बम गिराए, वहां कुछ नहीं था। लेकिन एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, हमले के समय मदरसे में मौजूद एक छात्र के रिश्तेदार ने बताया कि जाभा टॉप नाम की पहाड़ी पर स्थित मदरसा तीलीम-उल-कुरान को वायुसेना ने टारगेट किया था। छात्र ने परिवार को बताया कि धमाके से कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तानी सेना के जवान मदरसे पर तैनात हो गए थे। फौजी मदसरे की सुरक्षा करने इसलिए आए, क्योंकि इसकी तस्वीरें लीक हो गई थीं।
मदरसे में मौजूद छात्र के रिश्तेदार ने बताया कि पाकिस्तान की सेना हमले से लगभग एक सप्ताह पहले जैश के ठिकानों की सुरक्षा में तैनात थे। दरअसल, पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने मसूद अजहर पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी। शायद इसी वजह से पाक सेना ने जैश के ठिकानों की सुरक्षा कड़ी कर दी होगी। छात्र ने अपने परिवार को बताया कि 26 फरवरी की सुबह एक जबरदस्त धमाके की आवाज सुनकर उसकी और कुछ अन्य छात्रों की नींद अचानक खुल गई थी। ये आवाज ज्यादा दूर से नहीं आई थी। ऐस लग रहा था कि करीब ही धमाका हुआ है। ऐसे में छात्र चौंक गए, लेकिन जब कोई दूसरा धमाका नहीं हुआ, तब उन्हें लगा कि ये उनके मन का वहम या भूकंप का झटका था। इसलिए वे दोबारा सो गए।
छात्र के रिश्तेदार ने बताया कि सुबह जब बच्चों की नींद खुली, तो उन्हें तुरंत मदरसा खाली करने को कहा गया। पाकिस्तानी सेना छात्रों को एक 'सुरक्षित जगह' ले गई। जहां इन्हें दो-तीन दिनों तक सेना की निगरानी में ही रखा गया। इसके बाद बच्चों को उनके घर भेज दिया गया है। छात्र ने बताया कि मदरसे में बहुत से लोग थे, मगर 'सुरक्षित जगह' पर सभी को नहीं लाया गया था। इस जगह वह और उसकी उम्र के कुछ लड़के थे। उसे यह नहीं पता चल पाया कि मदरसे में उसके साथ रहने वाले लोग कहां गए और धमाका असल में कहां हुआ था। छात्र के रिश्तेदार ने बताया कि वह मदरसा फिर से लौटने की जिद कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट और दो अन्य स्थानों पर स्थित आतंकी अड्डों पर हवाई हमला किया था। इस घटना के बाद 27 फरवरी को पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी, लेकिन वे असफल रहे। बताया जा रहा है कि भारतीय वायुसेना की एयरस्ट्राइक में लगभग 250 आतंकी ढेर हो गए।