पी. चिदंबरम बोले- सत्ता के केंद्रीकरण का असर वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर हुआ
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार की केंद्रीकृत व्यवस्था की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सत्ता के केंद्रीकरण का असर वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर हुआ है। इससे पहले भी मंत्री केंद्र सरकार की आलोचना कर चुके हैं।
जासं, जयपुर। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार की केंद्रीकृत व्यवस्था की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सत्ता के केंद्रीकरण का असर वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर हुआ है। राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को 'वैश्विक महामारी और लोकतंत्र की चुनौतियां' विषय पर सेमीनार में बोलते हुए चिदंबरम ने कहा कि दो घरेलू वैक्सीन उत्पादकों के हितों की रक्षा की कोशिश की गई, लेकिन किसी विदेशी वैक्सीन को खरीदने का प्रयास नहीं किया गया।
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की ओर से आयोजित सेमीनार में उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों ने विदेशी वैक्सीन खरीदी, लेकिन भारत में ऐसा नहीं हो सका। कई देशों ने तो दोगुनी और तीनगुनी मात्रा में वैक्सीन खरीद ली। उन्होंने सवाल किया कि महामारी के दौर में क्या सरकार गरीबों और वंचितों के जीवन की रक्षा कर सकी है। उनके उत्थान के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं । इस बारे में विचार करना होगा । उन्होंने कहा कि देश में अब तक 40 लाख 62 हजार 394 मौत हो चुकी है । सबसे डरावनी बात यह है कि इसके बारे में किसी को पता नहीं है कि यह महामारी कब खत्म होगी ।
सहस्त्रबुद्धे बोले-22 बार पीएम ने मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया
सेमीनार के दूसरे सत्र में भाजपा के राज्यसभा सदस्य विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि भारत के डीएनए में ही लोकतंत्र है । सौ साल में भारत में ऐसी महामारी नहीं देखी, जैसी अब कोरोना में देखी गई है । कोरोना महामारी के दौरान हर तरह संदेह का माहौल रहा । इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 बार मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया, जो बिंदु बताए गए उनको अमल में लाने की कोशिश की गई।
लोढ़ा से उलझे भाजपा विधायक सेमीनार के समापन पर धन्यवाद देते हुए निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा और भाजपा विधायकों के बीच झड़प हो गई। लोढ़ा केंद्र सरकार के कामकाज पर बोल रहे थे तो भाजपा विधायकों ने कहा यह केंद्र सरकार अथवा भाजपा के खिलाफ बोलने का मंच नहीं है । इस दौरान लोढ़ा की भाजपा विधायकों के साथ तकरार हुई तो विधानसभा अध्यक्ष डा. सीपी जोशी ने हस्तक्षेप कर मामला शांत करवाया ।